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नई जेनरेशन की स्मार्ट इन्वे​स्टिंग! देखते-देखते बन जाएंगे लाखों-करोड़ के फंड; एक्सपर्ट ने दिये मनी मेकिंग टिप्स

लक्ष्य तय करें, जल्दी निवेश शुरू करें और डाइवर्सिफिकेशन अपनाएं – एक्सपर्ट ने बताए सुरक्षित और फायदेमंद निवेश के तरीके

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देवव्रत बाजपेयी   
Last Updated- September 03, 2025 | 10:09 AM IST

Smart Investing: अक्सर लोग सोचते हैं कि सही समय पर निवेश करके बड़ा फायदा लिया जा सकता है, लेकिन आमतौर पर यह सही नहीं है। क्योंकि निवेश में समय, समझ और अनुशासन जरूरी है। एक्सपर्ट मानते हैं कि अगर हम बाजार में सही समय का इंतजार करेंगे, तो बड़े मौके को खो सकते हैं। वहीं, बिना लक्ष्य के अंधाधुंध निवेश करने से बचना चाहिए। इसलिए युवा निवेशकों को लॉन्ग टर्म के फाइनेंशियल गोल तय करने चाहिए और अपने पैसे को डाइवर्सिफाइड निवेश में लगाना चाहिए, जिससे रिस्क कम होता है और निवेश सुरक्षित रहता है।

माता‑पिता या दादा‑दादी की चूक न दोहराएं

Moneyfront के को‑फाउंडर एंड सीईओ मोहित गांग बताते हैं कि आज की पीढ़ी को तीन मुख्य बातों का ध्यान रखना चाहिए। सबसे पहले, इमरजेंसी फंड बनाना जरूरी है, यानी तीन से छह महीने के खर्चों के बराबर बचत रखना। दूसरी बात यह है कि क्लियर फाइनेंशियल गोल तय किए जाएं, ताकि हर खर्च योजना के अनुसार हो और गैरजरूरी परेशानियों से बचा जा सके। तीसरी और सबसे बड़ी बात यह है कि जितना जल्दी हो सके निवेश शुरू किया जाए, क्योंकि समय के साथ कंपाउंडिंग का फायदा बहुत बड़ा होता है और निवेश की कीमत बढ़ती है।

दोस्तों या रिश्तेदारों की सलाह का खतरा

अक्सर लोग अपने दोस्तों या रिश्तेदारों की सलाह मानकर निवेश करते हैं, लेकिन यह रिस्क भरा हो सकता है। मोहित गांग के अनुसार, बिना समझे निवेश करने से नुकसान हो सकता है और कई बार जो सलाह देता है, वह अपने फायदे के लिए ऐसा करता है, जैसे कमीशन कमाना। इसलिए हमेशा खुद समझकर और रिसर्च करके ही निवेश करना चाहिए, ताकि गलत निवेश में फंसने से बचा जा सके।

डाइवर्सिफिकेशन – निवेश का ‘गोल्डन रूल’

डाइवर्सिफिकेशन यानी निवेश को अलग‑अलग जगहों पर फैलाना, बाजार की गिरावट के समय नुकसान को कम करने में मदद करता है। केवल एक ही जगह निवेश करने से बड़े नुकसान हो सकते हैं। युवा निवेशकों के लिए म्युचुअल फंड जैसे प्रोफेशनल तरीके से मैनेज किए गए और डाइवर्सिफाइड प्रोडक्ट का इस्तेमाल करना फायदेमंद होता है। इससे रिस्क कम होता है और निवेश सुरक्षित रहता है।

निवेश की सबसे बड़ी सलाह

गांग का कहना है कि निवेश की सबसे बड़ी सीख यही है कि जितना जल्दी हो सके निवेश शुरू किया जाए और खर्च करने से पहले निवेश करने की आदत डालें। यह आदत युवा पीढ़ी को वित्तीय रूप से मजबूत बनाती है और भविष्य में आर्थिक सुरक्षा देती है।

फाइनेंशियल गोल तय करना क्यों जरूरी है

OptimaMoney के फाउंडर एंड एमडी पंकज मठपाल बताते हैं, बिना गोल के निवेश अंधाधुंध हो जाता है। लक्ष्य से निवेश की दिशा तय होती है और यह पता चलता है कि हम सही रास्ते पर हैं या नहीं। अगर आपके पास क्लियर वित्तीय लक्ष्य और समय तय हो, तो सही निवेश चुनना आसान हो जाता है और आप देख सकते हैं कि आपका निवेश सही दिशा में बढ़ रहा है या नहीं।

मार्केट गिरने पर धैर्य कैसे रखें

बहुत से युवा निवेशक बाजार गिरने पर घबराते हैं, लेकिन मठपाल का कहना है कि लंबी अवधि पर फोकस करना चाहिए। हर दिन पोर्टफोलियो चेक करने की आदत नहीं डालनी चाहिए। SIP (Systematic Investment Plan) से रेगुलर निवेश से बाजार की उतार‑चढ़ाव में भी फायदा मिलता है और निवेश में धैर्य और अनुशासन आता है।

इक्विटी और डेट का संतुलन

सही पोर्टफोलियो बनाने के लिए इक्विटी, डेट और गोल्ड का संतुलन जरूरी है। इक्विटी निवेश को बढ़ाने में मदद करती है, डेट स्थिरता प्रदान करता है और गोल्ड महंगाई के खिलाफ सुरक्षा देता है। सही मिक्स आपकी उम्र, रिस्क सहनशीलता और निवेश अवधि पर निर्भर करता है।

20–30 साल की उम्र में SIP का महत्व

SIP के माध्यम से नियमित निवेश करना युवा निवेशकों के लिए सबसे आसान और फायदेमंद तरीका है। यह कंपाउंडिंग का लाभ देता है, निवेश की आदत बनाता है और समय के साथ मार्केट के उतार‑चढ़ाव को औसत करता है।

निवेश से पहले रिसर्च क्यों जरूरी है

रिसर्च निवेश को समझदार और सुरक्षित बनाती है। पंकज मठपाल के अनुसार, प्रोडक्ट, रिस्क और अपनी जरूरत को समझना जरूरी है, ताकि आप ट्रेंड या दूसरों की सलाह में फंसने से बच सकें। रिसर्च के बिना निवेश करना अक्सर नुकसान का कारण बनता है।

First Published : September 3, 2025 | 10:01 AM IST