बाजार नियामक सेबी ने अस्मिता पटेल ग्लोबल स्कूल ऑफ ट्रेडिंग और पांच अन्य को करीब 54 करोड़ रुपये की अवैध कमाई लौटाने का आदेश दिया है। यह कदम इन आरोपों के बाद उठाया गया है कि ये इकाइयां पंजीकरण के बगैर निवेश सलाहकार और शोध विश्लेषक कारोबार चला रही थीं।
कारण बताओ नोटिस सह अंतरिम आदेश के मुताबिक मामला पूरा होने के बाद ब्याज समेत यह रकम बढ़कर 105 करोड़ रुपये हो सकती है। इसमें फर्म की तरफ से विभिन्न ट्रेडिंग कोर्स के लिए वसूली गई रकम शामिल है।
खुद को ऑप्शंस क्वीन बताने वाली अस्मिता पटेल की ऑनलाइन में खासी मौजूदगी है और यूट्यूब पर उसके करीब 5.26 लाख सबस्क्राइबर हैं और इंस्टाग्राम पर 2.9 लाख। उसने टेलीग्राम चैनलों के जरिये भी ट्रेडिंग की सिफारिशें साझा की हैं, जिन्हें कोर्स करने वालों ने सबस्क्राइब किया।
सेबी ने अस्मिता पटेल और उनके पति जितेश पटेल पर अगले आदेश तक प्रतिभूति बाजार में प्रतिबंध लगा दिया है। जितेश पटेल फर्म का निदेशक था। उसके अलावा तीन प्रोप्राइटरी फर्मों और उनके प्रोप्राइटरों का भी बाजार में प्रवेश प्रतिबंधित किया गया है।
पटेल एक स्टॉकब्रोकर का अधिकृत शख्स था और उसने अपने स्कूल के जरिये कई ट्रेडिंग कोर्स चलाए। इन कोर्सों के 42 प्रतिभागियों की शिकायत के बाद नियामकीय कार्रवाई की गई।
सेबी के आदेश से पता चलता है कि अस्मिता पटेल ने 2019-20 से जनवरी 2024 के दौरान 12.3 लाख रुपये का शुद्ध लाभ अर्जित किया। यह आंकड़ा उसके उस दावे से उलट है जिसमें उसने कहा है कि अपने प्रोप्राइटरी सिस्टम से वह सैंकड़ों करोड़ रुपये का प्रबंधन करती है।
सेबी ने इन इकाइयों को अपंजीकृत निवेश सलाहकार और शोध विश्लेषक की सेवाएं बंद करने का निर्देश दिया है।
ट्रेडिंग स्कूल ने इस मामले में स्वत: ही निपटान आवेदन जमा कराया था। हालांकि सेबी ने स्पष्ट किया है कि निपटान के लिए आवेदन करने से कार्यवाही शुरू होने पर रोक नहीं लगती और आदेश पारित करने पर कोई कानूनी रोक नहीं है।