facebookmetapixel
सोना कॉमस्टार ने दुर्लभ खनिज मैग्नेट की गुणवत्ता पर जताई चिंताअदाणी डिफेंस ऐंड एयरोस्पेस ने किया एमटीएआर टेक्नॉलजीज संग करारMSME पर ट्रंप टैरिफ का असर: वित्त मंत्रालय बैंकों के साथ करेगा समीक्षा, लोन की जरूरतों का भी होगा आकलनवैश्विक बोर्डरूम की नजर भारत पर, ऊंची हैं उम्मीदें : डीएचएल एक्सप्रेसTesla और VinFast की धीमी शुरुआत, सितंबर में इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री में हिस्सेदारी 1% से भी कमकंपनियां दीवाली पर कर्मचारियों और ग्राहकों को स्वादिष्ट और उपयोगी उपहार देने में दिखा रहीं बढ़त!किर्लोस्कर का औद्योगिक सुधार पर दांव, अरबों डॉलर की राजस्व वृद्धि पर नजरLokah Chapter 1: Chandra ने ₹30 करोड़ बजट में ₹300 करोड़ की कमाई की, दुनिया भर में रिकॉर्ड तोड़ाH-1B वीजा पर निर्भर नहीं है TCS, AI और डेटा सेंटर पर फोकस: के कृत्तिवासनदूसरी तिमाही के दौरान प्रमुख सीमेंट कंपनियों की आय में मजबूती का अनुमान

Repo Rate: RBI ने repo rate में नहीं किया कोई बदलाव, Home Loan की EMI पर क्या पड़ेगा असर?

Last Updated- June 08, 2023 | 4:39 PM IST
Women housebuyer

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने repo rate में कोई बदलाव नहीं किया है और इसे 6.5 प्रतिशत पर ही स्थिर रखा है। इसका मतलब है कि यदि आपके पास मौजूदा होम लोन है, तो रेपो रेट में वृद्धि नहीं होना आपकी समान मासिक किश्तों (EMI) को प्रभावित नहीं करेगा, लेकिन आपने फ्लोटिंग रेट लोन ले रखा है, तो आपको इससे फायदा मिल सकता है।

रेपो रेट में ठहराव संकेत देता है कि जब तक अर्थव्यवस्था में पर्याप्त सुधार नहीं होता तब तक आरबीआई यही बनाये रखेगा और नीतिगत दरों में वृद्धि नहीं होगी। यह होम लोन लेने वालों के लिए यह अच्छी खबर है क्योंकि यह संकेत देता है कि ब्याज दरें स्थिर होती दिख रही हैं।

मई 2022 के बाद से आरबीआई ने रेपो रेट में 2.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी

बता दें कि मई 2022 के बाद से आरबीआई ने रेपो रेट में 2.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है। इसकी वजह से बैंकों द्वारा दिए जाने वाले लोन की ब्याज दरों में भी काफी इजाफा हुआ है जिस पर अब ब्रेक लगती दिख रही है।

रेपो दर में बदलाव होम लोन समेत अलग कर्ज लेने के अलग-अलग साधनों को प्रभावित करता है। पिछले एक साल के दौरान ब्याज दर में 2.5 प्रतिशत के इजाफा हुआ है। इसका मतलब है कि अगर किसी का लोन 15 साल का है तो उसकी EMI में 16 प्रतिशत बढ़ गई है।

वहीं, 20 साल के लिए होम लोन के मामले में EMI में 20 प्रतिशत और 30 साल की अवधि वाले होम लोन की किश्त में 26.5 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।

जो लोग अप्रैल 2022 में 6.75 प्रतिशत की होम लोन ब्याज दर का भुगतान कर रहे थे, वे अब बाहरी बेंचमार्क उधार दर (EBLR) मानदंडों के अनुसार लगभग 9.25 प्रतिशत का भुगतान कर रहे हैं।

जिन होम लोनधारकों ने बाहरी बेंचमार्क-लिंक्ड लोन लिया था और जिनका लोन रेपो रेट से जुड़ा हुआ है, उनको इन रेपो रेट वृद्धि का खामियाजा भुगतना पड़ा है। रेपो रेट में बढ़ोतरी के साथ उनकी होम लोन की ब्याज दरें भी बढ़ जातीं हैं।

ऐसे में अधिकांश लोनधारकों के लिए पहले उपाय के रूप में लोन देने वाला लोन के टेन्योर को बढ़ाते हैं। हालांकि, इस तरह की ब्याज दर में वृद्धि से ऐसी स्थिति पैदा हो जाती है कि एक प्वाइंट के बाद टेन्योर वृद्धि का विकल्प भी काम नहीं करता है। इसके बाद फिर लोन देने वाली संस्था ईएमआई बढ़ाने को मजबूर होती है।

फ्लोटिंग ब्याज दर लोन पर टिके रहना बेहतर

अभी के लिए होम लोनधारकों को उनके फ्लोटिंग ब्याज दर लोन पर टिके रहना बेहतर है। फ्लोटिंग-रेट लोन की तुलना में फिक्स्ड रेट वाले लोन बाजार में कुछ छूट पर उपलब्ध हो सकते हैं। हालांकि, यह देखते हुए कि ब्याज दर में कुछ कटौती अपेक्षित है।

विंट वेल्थ के सह-संस्थापक और मुख्य निवेश अधिकारी, अंशुल गुप्ता का कहना है कि फिलहाल फ्लोटिंग रेट लोन पर टिके रहना समझ में आता है। वहीं, आपको अन्य लेंडर्स के साथ अपनी ब्याज दर की तुलना करनी चाहिए और यदि आप पाते हैं कि वे एक नए लोनधारक को बहुत कम ब्याज दर की पेशकश कर रहे हैं, तो आप नेट प्रॉफिट की केलकुलेशन करने के बाद अपना लोन ट्रांसफर भी कर सकते हैं।

First Published - June 8, 2023 | 4:39 PM IST

संबंधित पोस्ट