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सैलरीड कर्मचारियों के लिए जरूरी अपडेट! LTA से करनी है टैक्स सेविंग्स, नोट कर लें ये डेडलाइन

Leave Travel Allowance: एलटीए कुछ खास स्थितियों में टैक्स से मुक्त होता है। यह छूट आयकर अधिनियम की धारा 10(5) के तहत मिलती है।

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मानसी वार्ष्णेय   
Last Updated- March 28, 2025 | 2:29 PM IST

Leave Travel Allowance: वेतनभोगी कर्मचारियों को टैक्स में छूट पाने का एक अहम जरिया है लीव ट्रैवल अलाउंस (LTA)। इसके तहत कर्मचारी छुट्टी के दौरान किए गए यात्रा खर्चों पर टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं। ट्रेन, फ्लाइट जैसे सार्वजनिक परिवहन पर हुआ खर्च आमतौर पर एलटीए के दायरे में आता है। हालांकि, इसकी भरपाई वास्तविक खर्च या फिर टैक्स अथॉरिटीज और नियोक्ता द्वारा तय सीमा के मुताबिक ही होती है।

क्या है लीव ट्रैवल अलाउंस (LTA)? जानिए इससे जुड़ी जरूरी बातें

लीव ट्रैवल अलाउंस यानी एलटीए (LTA) एक प्रकार का भत्ता है, जो किसी कर्मचारी को भारत में यात्रा के लिए उसके नियोक्ता द्वारा दिया जाता है। यह यात्रा कर्मचारी के छुट्टी पर जाने, सेवा समाप्त होने या सेवानिवृत्ति के बाद भी की जा सकती है।

हालांकि देखने में यह एक साधारण लाभ लगता है, लेकिन एलटीए पर आयकर छूट का दावा करने से पहले कुछ अहम बातों को समझना जरूरी है।

इनकम टैक्स एक्ट में एलटीए छूट के लिए खास नियम तय किए गए हैं। केवल उन्हीं स्थितियों में इस भत्ते पर टैक्स छूट मिलती है, जब यात्रा भारत के भीतर की गई हो और उसका प्रमाण उपलब्ध हो।

यदि आप एलटीए का लाभ उठाना चाहते हैं, तो आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि यात्रा की योजना और दस्तावेज इन निर्धारित नियमों के अनुसार हों। नियमों की अनदेखी करने पर छूट का दावा खारिज हो सकता है।

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कौन कर सकता है LTA का दावा?

एलटीए यानी लीव ट्रैवल कंसेशन, कर्मचारियों के वेतन पैकेज का हिस्सा होता है, जो छुट्टी के दौरान यात्रा पर हुए खर्च की भरपाई के लिए दिया जाता है।

यदि किसी कर्मचारी को उसके वेतन में LTA शामिल है, तो वह आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 10(5) के तहत यात्रा खर्चों पर टैक्स छूट का दावा कर सकता है। यह छूट स्वयं, जीवनसाथी और बच्चों की यात्रा पर मिलती है। इसके अलावा, यदि माता-पिता, भाई-बहन कर्मचारी पर पूरी तरह या मुख्य रूप से निर्भर हैं, तो उनके यात्रा खर्च पर भी छूट ली जा सकती है।

LTA पर टैक्स छूट कब मिलती है?

एलटीए कुछ खास स्थितियों में टैक्स से मुक्त होता है। यह छूट आयकर अधिनियम की धारा 10(5) के तहत मिलती है।

LTA क्लेम करने की आखिरी तारीख क्या है?

LTA एक तय ब्लॉक पीरियड में अधिकतम दो बार क्लेम किया जा सकता है। मौजूदा ब्लॉक 1 जनवरी 2022 से शुरू होकर 31 दिसंबर 2025 तक का है। यानी इस पीरियड में एलटीए क्लेम करने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर 2025 है।

कितनी बार किया जा सकता है एलटीए क्लेम?

एक ब्लॉक (चार कैलेंडर वर्ष) में दो बार एलटीए क्लेम किया जा सकता है। अगर कोई कर्मचारी इस पीरियड में अपने पूरे एलटीए का उपयोग नहीं कर पाता, तो वह अगली ब्लॉक की पहली वर्ष में बचे हुए हिस्से को कैरी फॉरवर्ड कर सकता है।

एलटीए छूट की शर्तें

एलटीए का लाभ लेने के लिए यात्रा करना अनिवार्य है और उस यात्रा से संबंधित मूल दस्तावेज नियोक्ता को देने होते हैं। अगर छुट्टी के दौरान यात्रा नहीं की गई है, तो इस पर टैक्स छूट नहीं मिलेगी।

एलटीए के तहत होटल में ठहराव, खाने-पीने या लोकल ट्रांसपोर्ट (जैसे एयरपोर्ट से होटल तक की टैक्सी) जैसे खर्चों की छूट नहीं मिलती। सिर्फ यात्रा के लिए हुए खर्च ही छूट के दायरे में आते हैं।

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क्या अंतरराष्ट्रीय यात्रा पर एलटीए क्लेम किया जा सकता है? जानिए नियम

एलटीए यानी लीव ट्रैवल अलाउंस के तहत मिलने वाली टैक्स छूट का फायदा केवल भारत के भीतर की यात्रा पर ही मिलता है। यदि कोई कर्मचारी विदेश यात्रा करता है, तो उसे एलटीए के तहत कोई टैक्स छूट नहीं दी जाती।

एलटीए क्लेम करने के लिए कर्मचारियों को कुछ जरूरी दस्तावेज जमा करने होते हैं, जैसे:

  • यात्रा के ओरिजिनल टिकट — जैसे बस या ट्रेन के टिकट
  • ऐसे स्थानों के लिए जहां ट्रेन या हवाई सेवा उपलब्ध नहीं है, कार रेंटल कंपनी द्वारा जारी किए गए बिल
  • हवाई यात्रा की स्थिति में एयर टिकट और बोर्डिंग पास
  • जिस माध्यम से भुगतान किया गया है, जैसे बैंक, क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड या वॉलेट का स्टेटमेंट

इन सभी दस्तावेजों के साथ Form 12BB भरकर साइन करना जरूरी होता है, जिससे यह प्रमाणित हो सके कि खर्च वास्तव में हुआ है। बेहतर होगा कि कर्मचारी यह सभी दस्तावेज संबंधित वित्त वर्ष के दौरान ही अपने नियोक्ता को सौंप दें।

अगर कोई कर्मचारी किसी ब्लॉक के दौरान अपनी पूरी एलटीए राशि का उपयोग नहीं करता, तो वह बची हुई राशि अगले ब्लॉक के पहले वर्ष तक कैरी फॉरवर्ड कर सकता है।

First Published : March 28, 2025 | 2:29 PM IST