वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने बुधवार को गैर-सरकारी कर्मचारियों की लीव सैलरी इनकैशमेंट सीमा को बढ़ाकर 25 लाख रुपये करने की सूचना जारी की है। सीबीडीटी के 24 मई के सर्कुलर में कहा गया है कि बढ़ी हुई लीव इनकैशमेंट लिमिट 1 अप्रैल, 2023 से लागू होगी।
नोटिस में कहा गया है कि, आयकर अधिनियम, 1961 के अनुसार, केंद्र सरकार के पास लीव इनकैशमेंट की अधिकतम रकम निर्धारित करने की शक्ति है जो कर्मचारी रिटायर होने पर प्राप्त कर सकते हैं। नोटिस में बताया गया है कि उप-खंड में उल्लिखित कर्मचारियों की सीमा 2500,000 रुपये निर्धारित है। यह सीमा सेवानिवृत्ति या अन्य कारणों से सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों पर लागू होती है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अब तक गैर-सरकारी कर्मचारियों के लिए लीव इनकैशमेंट पर टैक्स छूट 3 लाख रुपये थी जो 2002 में तय की गई थी। तब सरकार में सबसे ज्यादा बेसिक पे 30,000 रुपये प्रति माह हुआ करती थी।
सीबीडीटी के अनुसार, 2023 के बजट भाषण में पेश किए गए प्रस्ताव के अनुसार, केंद्र सरकार ने गैर-सरकारी वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए लीव इनकैशमेंट पर टैक्स छूट की बढ़ी हुई सीमा को नोटिफाई किया है। नई लिमिट 25 लाख रुपये निर्धारित की गई है और 1 अप्रैल 2023 से प्रभावी है।
सीबीडीटी नोटिफिकेशन का उद्देश्य बजट 2023 से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के प्रस्ताव को लागू करना है। प्रस्ताव के अंतर्गत लीव इनकैशमेंट पर इनकम टैक्स छूट की लिमिट को 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दिया गया है।
मध्यम वर्ग के करदाताओं और वरिष्ठ नागरिकों के लाभ के लिए, वित्त मंत्री ने लीव इनकैशमेंट के अलावा कई अन्य बजट प्रस्तावों का भी प्रस्ताव रखा है।