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टैक्सपेयर्स के लिए IT डिपार्टमेंट ने शुरू की नई सुविधा, अब विभाग के पोर्टल पर जाकर पुराने और नए नियमों का कर सकते हैं मिलान

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने बताया कि उसने इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के प्रावधानों को नए इनकम टैक्स विधेयक, 2025 की संबंधित धाराओं से मिलाने के लिए एक सुविधा शुरू की है।

Last Updated- February 15, 2025 | 4:55 PM IST
Net Direct Tax collection
प्रतीकात्मक तस्वीर

अब इनकम टैक्सपेयर विभाग के पोर्टल पर जाकर 1961 के इनकम टैक्स एक्ट की किसी भी धारा को नए इनकम टैक्स विधेयक, 2025 में उसकी संबंधित धारा से मिला सकते हैं। इसके अलावा, 1961 के इनकम टैक्स एक्ट की प्रत्येक धारा को नए विधेयक में दी गई धारा के साथ तालिका के रूप में विभाग की वेबसाइट पर अपलोड किया गया है।

नया इनकम टैक्स विधेयक, 2025 – प्रमुख बदलाव

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 13 फरवरी को लोकसभा में सरल इनकम टैक्स विधेयक, 2025 पेश किया। यह विधेयक जब लागू होगा, तो यह 64 साल पुराने इनकम टैक्स एक्ट, 1961 की जगह लेगा, जो समय के साथ संशोधनों और जटिल कानूनी भाषा के कारण काफी बड़ा और कठिन हो गया था। नए विधेयक में 2,60,000 शब्द हैं, जबकि मौजूदा इनकम टैक्स एक्ट में 5,12,000 शब्द थे।

धाराओं (Sections) की संख्या घटाकर 536 कर दी गई है, जबकि वर्तमान कानून में 819 प्रभावी धाराएं थीं। इसके अलावा अध्यायों की संख्या भी घटकर 23 हो गई है, जो वर्तमान में 47 हैं। तालिकाओं (Tables) की संख्या 57 कर दी गई है, जबकि मौजूदा एक्ट में केवल 18 थीं। साथ ही टैक्स कैलकुलेशन को सरल बनाने के लिए नए फॉर्मूले जोड़े गए हैं। 1,200 पुरानी प्रोविज़ो (Provisos) और 900 एक्सप्लेनेशन (Explanations) को हटाया गया है।

14 फरवरी को एक्स (X) पर पोस्ट करते हुए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने बताया कि उसने एक नया ड्रॉप-डाउन मेन्यू जोड़ा है। इसमें करदाता 1961 के इनकम टैक्स एक्ट की कोई भी धारा चुन सकते हैं, और तुरंत नया इनकम टैक्स विधेयक, 2025 में उसकी संबंधित धारा देख सकते हैं।

इसके अलावा, टैक्सपेयर्स की सुविधा के लिए तालिका (Tabular Format) में पूरी सेक्शन-वार तुलना भी दी गई है।

विधेयक को पढ़ना और समझना हुआ आसान

नए विधेयक में छोटी और सरल भाषा का प्रयोग किया गया है। तालिकाओं और फॉर्मूलों के माध्यम से प्रावधानों को अधिक स्पष्ट किया गया है। टीडीएस (TDS), अनुमानित कराधान (Presumptive Taxation), वेतन (Salaries), और बैड डेब्ट डिडक्शन (Bad Debt Deduction) जैसे विषयों के लिए अलग से तालिकाएं जोड़ी गई हैं।

‘टैक्स ईयर’ की नई अवधारणा

नए विधेयक में “टैक्स ईयर” की अवधारणा पेश की गई है, जो 1 अप्रैल से शुरू होने वाले 12 महीने की अवधि होगी। यह वर्तमान “असेसमेंट ईयर” और “पिछला वर्ष” (Assessment Year & Previous Year) की अवधारणा को बदल देगा। अभी, जो आय अप्रैल 2024 – मार्च 2025 में कमाई जाती है, उसे आकलन वर्ष (AY) 2025-26 में टैक्स के लिए आंका जाता है। नए विधेयक के तहत इसे टैक्स ईयर कहा जाएगा, जिससे इसे समझना और सरल होगा।

यह विधेयक 1 अप्रैल 2026 से लागू होगा। इससे पहले, इसे लोकसभा की सिलेक्ट कमेटी (Select Committee) द्वारा समीक्षा की जाएगी और फिर संसद से मंजूरी मिलने के बाद इसे कानूनी रूप दिया जाएगा।

पुराने और गैर-जरूरी प्रावधान हटाए गए

फ्रिंज बेनिफिट टैक्स (Fringe Benefit Tax) जैसे गैर-ज़रूरी सेक्शन हटाए गए हैं। “स्पष्टीकरण” (Explanations) और “प्रोविज़ो” (Provisos) हटाए गए हैं, जिससे इसे पढ़ना और समझना आसान हुआ है। “Notwithstanding” शब्द, जो पुराने एक्ट में बहुत अधिक उपयोग होता था, अब “Irrespective” शब्द से बदल दिया गया है, जिससे भाषा सरल हुई है।

नया इनकम टैक्स विधेयक, 2025 मौजूदा इनकम टैक्स एक्ट, 1961 की तुलना में अधिक सरल, संक्षिप्त और करदाताओं के लिए उपयोगी बनाया गया है। सेक्शन-वार तुलना की सुविधा करदाताओं को बदलावों को आसानी से समझने में मदद करेगी। यह विधेयक कर प्रणाली को आसान, पारदर्शी और अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

First Published - February 15, 2025 | 4:55 PM IST

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