प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
ट्रेन में सफर करना अब महंगा होने वाला है। भारतीय रेलवे अब एसी श्रेणी का किराया दो पैसे प्रति किलोमीटर बढ़ाने जा रहा है। अन्य श्रेणियों के किराये भी बढ़ सकते हैं। मगर मामले की जानकारी रखने वाले एक वरिष्ठ रेल अधिकारी ने बताया कि उपनगरीय रेल के टिकट महंगे नहीं होंगे।
सूत्रों के मुताबिक उपनगरीय रेल नेटवर्क यानी लोकल ट्रेनों के किराये नहीं बढ़ाए जा रहे हैं और मासिक टिकट (एमएसटी) भी महंगे नहीं होंगे। पैसेंजर ट्रेनों की द्वितीय श्रेणी में यात्रा करने वालों के लिए 500 किलोमीटर तक का किराया पहले जितना ही होगा। उसके बाद हर किलोमीटर पर आधा पैसा बढ़ जाएगा। मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों के सभी गैर वातानुकूलित श्रेणी के लिए किराया एक पैसा प्रति किलोमीटर बढ़ सकता है। अधिकारी ने कहा, ‘किराये पांच साल बाद बढ़ाए गए हैं।
नए किराये 1 जुलाई से लागू हो सकते हैं। जिन्होंने 1 जुलाई के बाद सफर करने के लिए टिकट पहले ही ले लिए होंगे उनसे ज्यादा किराया नहीं वसूला जाएगा।’ पिछली बार कोविड महामारी से पहले ट्रेनों के किराये बढ़ाए गए थे। उस समय पैसेंजर ट्रेनों का किराया एक पैसा प्रति किलोमीटर, मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों का द्वितीय श्रेणी और स्लीपर किराया 2 पैसा प्रति किलोमीटर तथा सभी वातानुकूलित श्रेणी का किराया 4 पैसा प्रति किलोमीटर बढ़ाया गया था।
सूत्रों ने बताया कि इस बार किराये 2013 के मुकाबले कम बढ़ाए गए है। उस साल वातानुकूलित श्रेणी में यात्रा करने वालों के लिए किराया करीब 6 से 10 पैसे प्रति किलोमीटर और स्लीपर के यात्रियों के लिए 2 पैसे प्रति किलोमीटर बढ़ाया गया था।