आपका पैसा

टुकड़ों में बीमा लेना कितना सही? IRDAI ने दी अहम हिदायत

पॉलिसी स्प्लिटिंग ग्राहक के अनुरोध और उनकी सहमति से होनी चाहिए: आईआरडीएआई

Published by
हिमाली पटेल   
Last Updated- November 03, 2024 | 11:08 PM IST

भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) ने हाल में एक परिपत्र जारी कर कहा कि पॉलिसी स्प्लिटिंग यानी कई टुकड़ों में पॉलिसी केवल ग्राहक के अनुरोध पर और उनकी सहमति से होनी चाहिए। अगर ग्राहक की सहमति के बिना पॉलिसी स्प्लिटिंग की जाती है तो कोई अतिरिक्त शुल्क अथवा कमीशन नहीं वसूला जाना चाहिए।

क्या है स्प्लिटिंग

ग्राहक किसी निश्चित बीमा राशि के लिए एक निश्चित अवधि एवं लाभ के साथ कोई बीमा पॉलिसी खरीद सकते हैं। मगर कई लोग समान कवरेज एवं एवं विशेषताओं के लिए कई पॉलिसी खरीदते हैं। कई समान पॉलिसी एक साथ खरीदना पॉलिसी स्प्लिटिंग कहलाता है। जीवन बीमा में पॉलिसी स्प्लिटिंग आम बात है, जबकि स्वास्थ्य बीमा में कभी-कभी ऐसा दिखता है।

सेबी में पंजीकृत निवेश सलाहकार (आरआईए) और सहजमनी डॉट कॉम के संस्थापक अभिषेक कुमार ने कहा, ‘अगर कोई ग्राहक 1 करोड़ रुपये का बीमा कवर खरीदने की योजना बना रहा है, तो उसे एजेंट 1 करोड़ रुपये के कवर को 25 लाख रुपये की चार पॉलिसियों में विभाजित करने की सलाह दे सकता है।’

स्प्लिटिंग के नुकसान

बीमाकर्ता आम तौर पर अधिक बीमा राशि वाली पॉलिसी खरीदने पर प्रीमियम में छूट देते हैं। सिक्योरनाउ इंश्योरेंस ब्रोकर के सह-संस्थापक कपिल मेहता ने कहा, ‘पॉलिसी स्प्लिटिंग से बड़ी पॉलिसियों के कई फायदे खोने पड़ सकते हैं, जबकि वे अधिक छूट के साथ बेहतर विकल्प हो सकते हैं। ऐसे में पॉलिसी स्प्लिटिंग के लिए ग्राहक को अधिक भुगतान करना पड़ सकता है।’

कई बार ग्राहक अपनी भुगतान क्षमता पर ध्यान दिए बिना कई पारंपरिक पॉलिसियां खरीद लेते हैं। ऐसे में किसी प्रीमियम के भुगतान में चूक हो सकती है। इंश्योरेंस समाधान की सह-संस्थापक और मुख्य परिचालन अधिकारी शिल्पा अरोड़ा ने कहा, ‘ऐसी स्थिति में ग्राहकों को सरेंडर शुल्क देना पड़ता है।’

क्या हैं फायदे

अगर किसी ग्राहक के पास एक ही बड़ी पॉलिसी के बजाय कई छोटी टर्म पॉलिसियां हैं, तो वह अपनी बीमा जरूरतों में कमी आने पर उनमें से कुछ को बंद कर सकते हैं। प्लान अहेड वेल्थ एडवाइजर्स के संस्थापक और मुख्य कार्याधिकारी विशाल धवन ने कहा, ‘संपत्ति बढ़ने के साथ ही निवेशक अधिक बीमित महसूस कर सकते हैं। उन्हें लगता है कि कुछ टर्म पॉलिसियों के प्रीमियम भुगतान को बंद कर देना चाहिए। ऐसे में स्प्लिटिंग उन्हें आवश्यक पॉलिसियों को जारी रखने और अन्य को छोड़ने की सुविधा देती है।’ ग्राहक के कई नामांकित व्यक्ति हो सकते हैं और हो सकता है कि वे एक-दूसरे के बारे में न जानना चाहें।

प्रामेरिका लाइफ इंश्योरेंस के मुख्य कारोबार अधिकारी (सीबीओ) कार्तिक चक्रपाणि ने कहा, ‘ऐसी स्थिति में ग्राहक को दो अलग-अलग पॉलिसी खरीदनी चाहिए। इस प्रकार हरेक के लिए एक नामांकित व्यक्ति का नाम दिया जा सकता है।’ उन्होंने कहा कि अगर आप एक पॉलिसी से आय और दूसरी से एंडोमेंट की तरह दो अलग-अलग फायदे चाहते हैं, तो स्प्लिटिंग बेहतर विकल्प होगी।

एजेंट क्यों देते हैं जोर

कभी-कभी एजेंट अधिक कमीशन पाने की लालच में आपको पॉलिसी स्प्लिटिंग की सलाह देते हैं। इसके अलावा सलाहकार अपने लक्ष्यों को पूरा करने के लिए भी स्प्लिटिंग पर जोर देते हैं। अरोड़ा ने कहा, ‘अक्सर बीमा सलाहकारों के लक्ष्य प्रीमियम के अलावा बेची गई पॉलिसियों की संख्या से भी जुड़े होते हैं।’

स्प्लिटिंग करें या न करें

पॉलिसी स्प्लिटिंग से ग्राहक को स्पष्ट तौर पर फायदा होना चाहिए। अगर ऐसा नहीं है तो पॉलिसी को बनाए रखने में उन्हें अधिक काम करना पड़ेगा और नामांकित व्यक्तियों को कई पॉलिसियों से मृत्यु लाभ हासिल करने में अधिक मेहनत करनी पड़ेगी।

अरोड़ा के अनुसार, एक ही (निवेश-सह-बीमा) बड़ी पॉलिसी से मिलने वाला रिटर्न कई स्प्लिट पॉलिसियों से बेहतर है।

आईआरडीएआई के अनुसार, अगर कोई एजेंट ग्राहक को सूचित किए बिना पॉलिसी स्प्लिटिंग करता है तो वह गुमराह करते हुए बिक्री करने जैसा है। अरोड़ा ने कहा, ‘जब ग्राहक की सहमति के बिना पॉलिसी स्प्लिटिंग की जाती है तो बीमाकर्ता से प्रीमियम का रिफंड हासिल किया जा सकता है। ऐसे में ग्राहक अपनी पसंद की पॉलिसी के लिए नए सिरे से आवेदन कर सकते हैं।’

First Published : November 3, 2024 | 11:08 PM IST