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गायतोंडे की 1970 की पेंटिंग 67.08 करोड़ रुपये में बिकी, भारतीय कला की नई कीर्तिमान कायम

पेंटिंग कलाकारों में बेहद एकांतप्रिय माने जाने वाले गायतोंडे ने अमृता शेर-गिल की ‘द स्टोरी टेलर’ (1937) और तैयब मेहता के ‘ट्रस्ड बुल’ (1956) को पीछे छोड़ दिया

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वीनू संधू   
Last Updated- September 28, 2025 | 10:55 PM IST

भारत के कला क्षेत्र के लिए कैलेंडर वर्ष 2025 रिकॉर्ड का साल साबित हो रहा है। नई दिल्ली में सैफ्रनआर्ट की 25वीं वर्षगांठ के मौके पर शनिवार (27 सितंबर) को वी एस गायतोंडे की 1970 की अनाम पेंटिंग 67.08 करोड़ रुपये (75.5 लाख डॉलर) में बिकी। यह दुनिया भर में बेची गई दूसरी सबसे महंगी भारतीय कलाकृति है और इसके साथ ही इस पेटिंग ने कलाकृतियों की वैश्विक नीलामी में किसी कलाकार को मिली सबसे ज्यादा कीमत का विश्व रिकॉर्ड भी बनाया है।

पेंटिंग कलाकारों में बेहद एकांतप्रिय माने जाने वाले गायतोंडे ने अमृता शेर-गिल की ‘द स्टोरी टेलर’ (1937) और तैयब मेहता के ‘ट्रस्ड बुल’ (1956) को पीछे छोड़ दिया, जो अब तक दूसरी सबसे महंगी भारतीय कलाकृतियों के रूप में बराबरी के स्थान पर थीं। ये दोनों कलाकृतियां सैफ्रनआर्ट की पिछली नीलामियों में 61.8 करोड़ रुपये (लगभग 74 लाख डॉलर) में बिकी थीं। शेर-गिल की पेंटिंग 2023 में और मेहता की पेंटिंग इस साल अप्रैल में बिकी थी। सैफ्रनआर्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) और सह-संस्थापक दिनेश वाजीरानी  ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से बात करते हुए कहा, ‘गायतोंडे का रिकॉर्ड तोड़ना लाजिमी है। उन्होंने बहुत कलाकृतियां नहीं बनाईं हैं और उनकी पेंटिंग मिलना मुश्किल है।’

दिवंगत कला समीक्षक रिचर्ड बार्थोलोमेव ने एक बार गायतोंडे का वर्णन ‘एक शांत व्यक्ति और कल्पना की नीरवता के शीर्ष स्तर पर पहुंच कर पेटिंग बनाने वाले चित्रकार’ के रूप में किया था।

सैफ्रनआर्ट की ताजा नीलामी ने वैश्विक स्तर पर नीलामी में दक्षिण एशियाई कलाकृतियों की सबसे अधिक कीमत पर बिक्री का विश्व रिकॉर्ड भी बनाया और नीलामी के दौरान बिक्री में कुल 355.77 करोड़ रुपये (4 करोड़ डॉलर) हासिल किए। सैफ्रनआर्ट की अध्यक्ष और सह-संस्थापक मिनल वजीरानी ने कहा, ‘इस बिक्री ने अप्रैल 2025 में हमारे द्वारा बनाए रिकॉर्ड को ही 60 प्रतिशत से अधिक के स्तर को पार कर लिया है।’ इस लाइव बिक्री में पूर्व-आधुनिक और आधुनिक कलाकारों की 85 कृतियों का एक कैटलॉग शामिल था, जिनमें से सभी बिक गईं, जो इस नीलामी के लिए एक और ‘व्हाइट ग्लव’ (सभी कृतियों की बिक्री) नीलामी साबित हुई। यह साल भारतीय कला के लिए अच्छा रहने वाला है, इसके पहले संकेत मार्च में मिले जब एम एफ हुसैन की 1950 के दशक की पेंटिंग, अनाम (ग्राम यात्रा), न्यूयॉर्क में क्रिस्टीज की नीलामी में 118 करोड़ रुपये (1.3 करोड़ डॉलर) से अधिक में बिकी।

First Published : September 28, 2025 | 10:54 PM IST