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सरकार की चाहत, गोल्ड लोन पर 2 लाख रुपये तक के छोटे ग्राहकों को मिले राहत

उद्योग के अनुमान के अनुसार देश में गोल्ड लोन का औसत आकार 1.1 लाख से 1.2 लाख रुपये के बीच है। करीब 70 फीसदी कर्जधारकों ने 2 लाख रुपये से कम का ऋण लिया है।

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हर्ष कुमार   
Last Updated- May 30, 2025 | 10:44 PM IST

केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने सुझाव दिया है कि 2 लाख रुपये तक के छोटे गोल्ड लोन लेने वालों को गिरवी रखे गए सोने के एवज में ऋण देने के उन सख्त कायदों की शर्तों से बाहर रखा जाए जिनका रिजर्व बैंक ने मसौदा निर्देशों के जरिये प्रस्ताव रखा है। इससे छोटे उधारकर्ताओं के लिए ऋण का समय पर और तेजी से वितरण सुनिश्चित होगा। वित्त मंत्रालय ने बताया है कि गिरवी रखे गए सोने के एवज में ऋण दिए जाने के बारे में आरबीआई द्वारा जारी मसौदा निर्देशों की जांच केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के मार्गदर्शन में वित्तीय सेवा विभाग ने की है।

उद्योग के अनुमान के अनुसार देश में गोल्ड लोन का औसत आकार 1.1 लाख से 1.2 लाख रुपये के बीच है। करीब 70 फीसदी कर्जधारकों ने 2 लाख रुपये से कम का ऋण लिया है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, ‘वित्तीय सेवा विभाग ने रिजर्व बैंक को यह सुनिश्चित करने का सुझाव दिया है कि छोटे गोल्ड लोन लेने वालों की आवश्यकताएं प्रभावित न हों।’ विभाग ने यह भी कहा है कि ऐसे दिशानिर्देशों को जमीनी स्तर पर लागू करने में समय लगेगा और इसलिए इन्हें 1 जनवरी, 2026 से लागू करना उचित रहेगा।

वित्त मंत्रालय के इस बयान के बाद मुथूट फाइनैंस का शेयर आज 7.12 फीसदी बढ़त के साथ 2,212.85 रुपये पर और आईआईएफएल फाइनैंस का शेयर 2.23 फीसदी बढ़कर 437 रुपये पर पहुंच गया। रिजर्व बैंक ने अप्रैल में मसौदा निर्देश जारी किए थे ​जिनमें अन्य बातों के अलावा यह भी अनिवार्य किया गया था कि ऋण लेने वालों को गिरवी रखे जाने वाले सोने के स्वामित्व का प्रमाण भी प्रस्तुत करना होगा।

निर्देश में कहा गया है, ‘अगर गिरवी रखे गए सोने की खरीद की मूल रसीदें उपलब्ध नहीं हैं, तो ऋण लेने वाले को यह घोषणा करते हुए एक उपयुक्त दस्तावेज जमा कराना होगा कि गिरवी रखे गए साने के स्वामित्व का निर्धारण कैसे किया गया है।’ इसमें यह भी कहा गया है कि सोना गिरवी रखना प्रासंगिक नियामकीय निर्देशों के तहत ऋणदाता की संदिग्ध लेनदेन खुलासा नीति के अधीन होगा।

मसौदे में सोने के प्रकार को भी परिभा​षित किया गया है जिनके एवज में ऋण लिया जा सकता है। मसौदे के अनुसार, केवल सोने के गहने, सजावटी आभूषण और कुछ निर्धारित सोने के सिक्कों को ही गोल्ड लोन के लिए गिरवी के तौर पर रखा जा सकता है। सोने के सजावटी आभूषण में सोने से बनी उन वस्तुओं को रखा गया है जिनका उपयोग किसी वस्तु अथवा बर्तन को सजाने के लिए किया जाता है। इसमें उन वस्तुओं को शामिल नहीं किया गया है जो स्वर्ण आभूषण या गहने की परिभाषा के तहत आती हैं। ऐसे में छोटे उधारकर्ता, विशेष रूप से ग्रामीण महिलाएं गोल्ड लोनकी पात्रता दायरे से बाहर हो जाएंगे क्योंकि उनके पास सोना आम तौर पर वस्तुओं के रूप में होता है।

रिजर्व बैंक फिलहाल अपने मसौदा निर्देशों पर मिली प्रतिक्रियाओं की समीक्षा कर रहा है। विभाग ने कहा, ‘उम्मीद है कि रिजर्व बैंक विभिन्न हितधारकों की चिंताओं के साथ-साथ आम लोगों की प्रतिक्रियाओं का ध्यान रखेगा।’

विभाग ने कहा कि रिजर्व बैंक को सुझाव भेज दिए गए हैं। रिजर्व बैंक ने अप्रैल 2025 में गोल्ड लोन पर मसौदा दिशानिर्देश जारी किए थे। उसके बाद एक संयुक्त पर्यवेक्षी समीक्षा की गई जिसमें कई कमियों को उजागार किया गया। उनमें लोन-टू-वैल्यू (एलटीवी) अनुपात की अपर्याप्त निगरानी, जोखिम मूल्यांकन प्रथाओं में कमियां, तीसरे पक्ष के एजेंटों का दुरुपयोग और नीलामी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता का अभाव आदि शामिल थीं।

First Published : May 30, 2025 | 10:44 PM IST