Gold at fresh all-time high: ग्लोबल मार्केट में सोने की कीमतें आज बुधवार यानी 23 अक्टूबर को पहली बार 2,750 डॉलर प्रति औंस के ऊपर चली गई। घरेलू मार्केट में भी सोना फिलहाल रिकॉर्ड लेवल पर है। फ्यूचर मार्केट यानी एमसीएक्स (MCX) पर कीमतें आज 78,919 रुपये प्रति 10 ग्राम के उच्चतम स्तर तक पहुंच गई। स्पॉट यानी हाजिर बाजार में भी सोना इस मामले में पीछे नहीं रहा। आईबीजेए (IBJA) के मुताबिक स्पॉट मार्केट में आज सोना 78,703 रुपये प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड स्तर पर दर्ज किया गया।
गोल्ड का इस साल अब तक का प्रदर्शन पिछले 45 साल में सबसे बेहतर रहा है। ग्लोबल मार्केट में गोल्ड की बेंचमार्क कीमतों में इस साल अभी तक 33 फीसदी से ज्यादा की बढ़त देखी गई है। गोल्ड की कीमतों में इससे पहले सालाना 133 फीसदी से ज्यादा की तेजी 1979 में दर्ज की गई थी।
घरेलू फ्यूचर मार्केट एमसीएक्स (MCX) पर सोने का बेंचमार्क दिसंबर कॉन्ट्रैक्ट बुधवार को इंट्राडे ट्रेडिंग के दौरान 78,919 रुपये प्रति 10 ग्राम के ऑल-टाइम हाई लेवल तक पहुंच गया। 25 जुलाई के निचले स्तर से यह 17 फीसदी यानी तकरीबन 11,519 रुपये प्रति 10 ग्राम ज्यादा है। इससे पहले 23 जुलाई को केंद्रीय बजट 2024 में इंपोर्ट ड्यूटी में कटौती किए जाने के बाद सोने की कीमतों में 7 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम तक की गिरावट देखने को मिली थी। बजट के बाद 25 जुलाई को एमसीएक्स (MCX) पर कीमतें गिरकर 67,400 रुपये के निचले स्तर तक चली गई थी। जबकि इसके ठीक एक हफ्ते पहले यानी 17 जुलाई को 74,731 रुपये प्रति 10 ग्राम के ऊपरी स्तर पर पहुंच गई थी। 23 जुलाई को पेश किए गए आम बजट में सोने पर इंपोर्ट ड्यूटी को 15 फीसदी से घटाकर 6 फीसदी कर दिया गया।
ठीक इसी तरह की की चाल सोने की हाजिर कीमतों में भी आज बुधवार यानी 23 अक्टूबर को दर्ज की गई। Indian Bullion and Jewellers Association (IBJA) के मुताबिक सोना 24 कैरेट (999) आज कारोबार की शुरुआत में 78,703 रुपये प्रति 10 ग्राम की नई ऊंचाई पर देखा गया। IBJA के अनुसार घरेलू हाजिर बाजार में सोना 24 कैरेट (999) 18 जुलाई 2024 को शुरुआती कारोबार में 74,065 रुपये प्रति 10 ग्राम की ऊंचाई पर पहुंचने के बाद 26 जुलाई को शुरुआती कारोबार में 68,069 रुपये प्रति 10 ग्राम के निचले स्तर तक चला गया था।
ग्लोबल मार्केट में सोने (gold) की कीमतों में देखी जा रही रिकॉर्ड तेजी से घरेलू कीमतों को सपोर्ट मिल रहा है। ग्लोबल मार्केट में बुधवार यानी 23 अक्टूबर 2024 को स्पॉट गोल्ड (spot gold) 2,758.90 डॉलर प्रति औंस के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। इसी तरह बेंचमार्क यूएस दिसंबर गोल्ड फ्यूचर्स (Gold COMEX DEC′24) भी बुधवार को कारोबार के दौरान 2,772.60 डॉलर प्रति औंस के नए रिकॉर्ड स्तर पर देखा गया।
जानकारों के अनुसार अमेरिकी डॉलर (US Dollar) और बॉन्ड यील्ड (US Bond Yield) में मजबूती के बावजूद यदि सोने की कीमतें आसमान पर हैं तो इसकी बड़ी वजह निवेश के सुरक्षित विकल्प (safe-haven) के तौर पर इस कीमती धातु की मांग में बढ़ोतरी है जिसे मिडिल ईस्ट में लगातार बढ़ रहे जियो-पॉलिटिकल टेंशन और अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव को लेकर बनी अनिश्चितता ने परवान चढ़ाया है। जबकि अमेरिका में ब्याज दरों में आगे और कटौती की संभावना के बीच सोने में तेजी का रुख पहले से ही बना हुआ है। सिर्फ पिछले 5 दिनों में यूएस डॉलर इंडेक्स और 10 वर्षीय यूएस बॉन्ड यील्ड में क्रमश: 0.72 फीसदी और 22 बेसिस प्वाइंट की मजबूती आई है। वहीं यदि पिछले 1 महीने में देखें तो यूएस डॉलर इंडेक्स तकरीबन 3.5 फीसदी चढ़ा है। 10 वर्षीय यूएस बॉन्ड यील्ड में भी इस दौरान 45 बेसिस प्वाइंट से ज्यादा की तेजी आई है।
मार्केट में फिलहाल इस बात की संभावना बेहद प्रबल है कि अमेरिका का केंद्रीय बैंक नवंबर की अपनी बैठक में एक बार फिर ब्याज दरों में कम से कम 25 बेसिस प्वाइंट यानी 0.25 फीसदी की कटौती सकता है। यदि अमेरिका में ब्याज दरों में आगे कमी आती है तो सोने को और सपोर्ट मिलना लाजमी है। सोने पर कोई इंटरेस्ट/ यील्ड नहीं मिलता इसलिए ब्याज दरों के नीचे जाने से निवेश के तौर पर इस एसेट क्लास की पूछ-परख बढ़ जाती है।
जानकार मानते हैं कि अमेरिका सहित अन्य बड़े केंद्रीय बैंक यदि आगे भी ब्याज दरों में कटौती जारी रखते हैं तो पश्चिमी देशों में निवेशकों का रुझान गोल्ड की तरफ और भी तेजी से बढ़ सकता है और गोल्ड में आगे और भी स्पष्ट और टिकाऊ तेजी तेजी आ सकती है। आंकड़े भी इस बात की तस्दीक करते हैं कि पिछले 3 महीने से पश्चिमी देशों में रिटेल निवेशकों की दिलचस्पी गोल्ड को लेकर बढ़नी शुरू हो गई है। इन जानकारों की मानें तो गोल्ड में आगे जो तेजी होगी उसमें पश्चिमी देशों के निवेशक शायद ज्यादा बड़ी भूमिका निभाएं।
इसके अलावे और भी कई और भी फैक्टर हैं जो गोल्ड को फिलहाल सपोर्ट कर रहे हैं। गोल्ड ईटीएफ (gold ETF) में फिर से बढ़ रहा निवेश उन्हीं महत्वपूर्ण फैक्टर में से एक है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की रिपोर्ट के मुताबिक ग्लोबल लेवल पर लगातार पांचवें महीने सितंबर में गोल्ड ईटीएफ में निवेश में बढ़ोतरी (inflow) दर्ज की गई। सितंबर 2024 के दौरान ग्लोबल लेवल पर गोल्ड ईटीएफ में निवेश में 1.4 बिलियन डॉलर (18.4 टन सोने की वैल्यू के बराबर) का इजाफा हुआ। अगस्त 2024 के दौरान ग्लोबल लेवल पर गोल्ड ईटीएफ में निवेश में 2.1 बिलियन डॉलर (28.5 टन सोने की वैल्यू के बराबर) का इजाफा हुआ था। जुलाई और जून 2024 के दौरान भी ग्लोबल लेवल पर गोल्ड ईटीएफ में निवेश क्रमश: 3.7 बिलियन डॉलर (48.5 टन सोने की वैल्यू के बराबर) और 1.4 बिलियन डॉलर (17.5 टन सोने की वैल्यू के बराबर) बढ़ा था। इससे पहले लगातार 12 महीने की गिरावट के बाद मई में गोल्ड ईटीएफ में शुद्ध निवेश 0.5 बिलियन डॉलर (8.2 टन सोने की वैल्यू के बराबर) बढ़ा था।
केंद्रीय बैकों (central banks) की तरफ से सोने की लगातार हो रही खरीदारी ने भी इसकी कीमतों को एक हद तक सपोर्ट किया है।
हालांकि कीमतों में रिकॉर्ड तेजी के बीच सोने की फिजिकल डिमांड पर असर पड़ा है। आंकड़े भी बताते हैं कि चीन में पिछले 4-5 महीने से फिजिकल डिमांड में सुस्ती दिख रही है। जहां तक भारत का प्रश्न है, इंपोर्ट ड्यूटी में कटौती के बाद फिजिकल डिमांड में जरूर तेजी आई थी। लेकिन उसके बाद कीमतों में आई जबरदस्त बढ़ोतरी के मद्देनजर फिजिकल डिमांड पर असर पड़ा है ।