Gold Prices: सोने की कीमतों में आज मंगलवार 19 नवंबर को लगातार दूसरे दिन तेजी देखी जा रही है। पिछले दो दिनों में सोना 2,500 रुपये से ज्यादा यानी 3.5 फीसदी रिकवर हुआ है। सोने की बेंचमार्क कीमतें एमसीएक्स (MCX) पर गुरुवार 14 नवंबर को 73,300 रुपये प्रति 10 ग्राम तक नीचे चली गई थी। बीते हफ्ते गोल्ड का प्रदर्शन पिछले साढ़े तीन साल में सबसे खराब रहा और इसके भाव में 4 फीसदी से ज्यादा की नरमी आई।
ग्लोबल मार्केट में सोने (gold) की कीमतों में पिछले दो दिनों से जारी तेजी के मद्देनजर घरेलू बाजार में सोना मजबूत हुआ है। अमेरिकी डॉलर इंडेक्स (US Dollar Index) में नरमी और यूक्रेन-रूस के बीच सैन्य संघर्ष बढ़ने से सोने में निचले स्तर से खरीदारी (bargain buying) निकल रही है और कीमतों को सपोर्ट मिल रहा है। यूएस डॉलर में मजबूती के फलस्वरूप जहां अन्य करेंसी में सोने की कीमतों में तेजी आई है। वहीं रूस-यूक्रेन के बीच बढ़े सैन्य संघर्ष ने बतौर सुरक्षित विकल्प (safe-haven) सोने की मांग में इजाफा किया है। अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के परिणाम को लेकर बनी अनिश्चितता के खत्म होने के बाद निवेश के सुरक्षित विकल्प के तौर पर इस कीमती धातु की मांग में कमी देखी जा रही थी।
यूएस फेड (US Federal Reserve) के चेयरमैन जेरोम पॉवेल के बयान के बाद अमेरिकी डॉलर इंडेक्स (US Dollar Index) पिछले हफ्ते गुरुवार को 1 साल के अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था। क्योंकि फेड चेयरमैन के इस बयान के बाद अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती को लेकर मार्केट में अनिश्चितता बढ़ी। जेरोम पॉवेल ने बीते हफ्ते अपने बयान में कहा था कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था में स्थिरता, जॉब मार्केट में मजबूती और नियंत्रित महंगाई दर को देखते हुए ब्याज दरों में कटौती लेकर अभी कोई जल्दीबाजी नहीं है।
घरेलू फ्यूचर मार्केट
घरेलू फ्यूचर मार्केट एमसीएक्स (MCX) पर सोने का बेंचमार्क दिसंबर कॉन्ट्रैक्ट आज मंगलवार को इंट्राडे ट्रेडिंग के दौरान 75,860 रुपये प्रति 10 ग्राम के ऊपरी स्तर पर पहुंच गया। इससे पहले 13 नवंबर को इंट्राडे ट्रेडिंग के दौरान सोने का बेंचमार्क दिसंबर कॉन्ट्रैक्ट 73,300 रुपये प्रति 10 ग्राम के निचले स्तर तक चला गया जबकि 30 अक्टूबर को यह 79,775 रुपये प्रति 10 ग्राम के ऑल-टाइम हाई लेवल पर पहुंच गया था।
घरेलू स्पॉट मार्केट
सोने की हाजिर कीमतों में भी ऐसा ही uptrend देखने को मिल रहा है। Indian Bullion and Jewellers Association (IBJA) के मुताबिक सोना 24 कैरेट (999) मंगलवार को कारोबार की समाप्ति पर पिछले दिन की क्लोजिंग के मुकाबले 1,065 रुपये चढ़कर 75,873 रुपये प्रति 10 ग्राम के लेवल पर देखा गया। सोमवार को कारोबार की समाप्ति पर सोना 24 कैरेट 74,808 रुपये प्रति 10 ग्राम दर्ज किया गया था। पिछले हफ्ते गुरुवार को कारोबार की समाप्ति पर सोना 24 कैरेट 73,739 रुपये प्रति 10 ग्राम के लेवल पर देखा गया था। इससे पहले 30 अक्टूबर को यह 79,681 रुपये प्रति 10 ग्राम के ऑल-टाइम हाई लेवल तक पहुंच गया था।
ग्लोबल मार्केट
ग्लोबल मार्केट में आज मंगलवार को स्पॉट गोल्ड (spot gold) एक हफ्ते के अपने ऊपरी स्तर पर पहुंच गया। स्पॉट गोल्ड आज एक फीसदी की मजबूती के साथ 2,640 डॉलर प्रति औंस के करीब देखा गया। कल सोमवार को भी ग्लोबल मार्केट में सोना 2 फीसदी बढ़ा था। ग्लोबल मार्केट में गुरुवार यानी 14 अक्टूबर को स्पॉट गोल्ड (spot gold) 2 महीने के निचले स्तर 2,550.53 डॉलर प्रति औंस पर देखा गया था। इसी तरह बेंचमार्क यूएस दिसंबर गोल्ड फ्यूचर्स (Gold COMEX DEC′24) भी आज कारोबार के दौरान 2,555.10 डॉलर प्रति औंस तक ऊपर गया। गुरुवार को कारोबार के दौरान यह 2,643.40 डॉलर प्रति औंस तक नीचे चला गया था। इससे पहले 31 अक्टूबर को स्पॉट गोल्ड और यूएस गोल्ड फ्यूचर क्रमश: 2,790.15 और 2,801.80 डॉलर प्रति औंस के रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गए थे।
क्या है रुझान?
जानकारों की मानें तो शॉर्ट-टर्म में गोल्ड की कीमतों में थोड़ी नरमी देखी जा सकती है क्योंकि डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की जीत के बाद इस बात की संभावना बढ़ गई है कि शायद अमेरिकी फेडरल रिजर्व (US Federal Reserve) आने वाले समय में ब्याज दरों में कटौती को लेकर अत्यधिक सतर्कता बरते। लेकिन ग्लोबल लेवल पर बढ़ते जियो -पॉलिटिकल टेंशन और ब्याज दरों में कटौती की संभावना के मद्देनजर लॉन्ग-टर्म में गोल्ड को लेकर जानकार अभी भी बुलिश हैं। इन्वेस्टमेंट खासकर ईटीएफ डिमांड में लगातार देखी जा रही मजबूती और केंद्रीय बैकों की खरीदारी भी मीडियम टू लॉन्ग टर्म में गोल्ड के लिए सपोर्टिव हैं।
मार्केट में अभी भी इस बात की संभावना प्रबल है कि अमेरिका का केंद्रीय बैंक दिसंबर की अपनी बैठक में एक बार फिर ब्याज दरों में कम से कम 25 बेसिस प्वाइंट यानी 0.25 फीसदी की कटौती सकता है। यदि अमेरिका में ब्याज दरों में आगे कमी आती है तो सोने को और सपोर्ट मिलना स्वाभाविक है। सोने पर कोई इंटरेस्ट/ यील्ड नहीं मिलता इसलिए ब्याज दरों के नीचे जाने से निवेश के तौर पर इस एसेट क्लास की मांग बढ़ जाती है।