कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) अपने इक्विटी एक्सपोजर को बढ़ाने और एक्सचेंज-ट्रेडेड फंडों में अपने निवेश से रिडेम्प्शन आय को वापस इक्विटी या संबंधित इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करने पर विचार कर रहा है।
EPFO दरअसल PF खाताधारक के अकाउंट में जमा राशि को कई जगहों पर निवेश करता है और इससे होने वाली कमाई का एक हिस्सा ब्याज (Interest) के तौर पर खाताधारकों को देता है।
रिटायरमेंट फंड बॉडी के अनुसार, जनवरी 2023 तक कुल कर्मचारी भविष्य निधि कोष में इक्विटी निवेश की हिस्सेदारी 15 प्रतिशत की अनुमेय सीमा के मुकाबले केवल 10 फीसदी थी।
ईपीएफओ ने 2015-16 में 5 प्रतिशत के एक्सपोजर के साथ ईटीएफ के जरिये इक्विटी में निवेश करना शुरू किया था। इक्विटी निवेश की सीमा 2016-17 में 10 प्रतिशत और 2017-18 में 15 प्रतिशत तक बढ़ा दी गई थी।
31 मार्च 2022 के आंकड़ों के हिसाब से ईपीएफओ ने ईटीएफ में 1,01,712.44 करोड़ रुपनये का कुल निवेश किया है। बता दें कि उसके कुल निवेश 11,00,953.55 करोड़ का 9.24 प्रतिशत है।
ईपीएफओ की स्टॉक मार्केट में अपना निवेश बढ़ाने की योजना
ईपीएफओ स्टॉक मार्केट में अपना निवेश बढ़ाने पर विचार कर रही है। साथ ही एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स के माध्यम से जमा किए गए पैसे को इक्विटी और अन्य ऑप्शन में दोबारा इंवेस्ट भी कर सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ईपीएफओ बहुत जल्द इस संबंध में वित्त मंत्रालय से क्लीयरेंस मांगेगी, ताकि वह मैक्सिमम रिटर्न हासिल कर सके।
इस संबंध में एक प्रस्ताव को ईपीएफओ के केंद्रीय न्यासी बोर्ड द्वारा मार्च के अंतिम सप्ताह में बैठक में मंजूर किया गया था, जिसमें कहा गया था कि यह प्रस्तावित है कि ईटीएफ निवेश की आय को इक्विटी और संबंधित इंस्ट्रूमेंट्स में फिर से निवेश किया जा सकता है जो इक्विटी कंपोनेंट को पोर्टफोलियो में मान्य सीमा तक बढ़ा देगा।