कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज की एक रिपोर्ट से पता चला है कि एचडीएफसी लाइफ, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ और मैक्स लाइफ जैसी दिग्गज निजी जीवन बीमा कंपनियों ने वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में यूनिट-लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (यूलिप) द्वारा योगदान की गई बीमा राशि की हिस्सेदारी में वृद्धि दर्ज की है।
इस बीच, जीरोधा के संस्थापक और मुख्य कार्य अधिकारी नितिन कामत ने हाल ही में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया था कि निवेश और बीमा दोनों में सर्वश्रेष्ठ देने का वादा यूलिप से मिलता है, मगर हकीकत है कि इनमें दोनों का प्रदर्शन सबसे खराब होता है। उन्होंने कहा कि इससे बेहतर यह कि अलग से टर्म इंश्योरेंस और म्युचुअल फंड खरीदा जाए।
यूलिप के पक्ष में आए आंकड़ों का एक बड़ा कारण नियामकीय हस्तक्षेप भी है। एप्सिलॉन मनी मार्ट के उत्पाद एवं प्रस्ताव प्रमुख नितिन राव का कहना है, ‘भारतीय बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) ने सख्त नियम पेश किए हैं। इसने लगाए जाने वाले शुल्कों की सीमा के मामले में स्पष्टता दी है। इससे शुल्कों पर अधिक पारदर्शिता और इस मामले में बेहतर संचार संभव हुआ है।’
उन्होंने कहा, ‘इससे बीमा कंपनियां अधिक लागत प्रभावी और ग्राहकों के अनुकूल उत्पाद पेश करने के लिए मजबूर हुई हैं।’ भारतीय शेयर बाजार के प्रदर्शन ने भी इसमें भूमिका निभाई है। भारती एक्सा लाइफ इंश्योरेंस के मुख्य वितरण अधिकारी (पार्टनरशिप डिस्ट्रीब्यूशन) और मार्केटिंग प्रमुख नितिन मेहता कहते हैं, ‘भारतीय बाजार में लगातार उछाल ने निवेशकों खासकर युवाओं के यूलिप की ओर झुकाव में बड़ी भूमिका निभाई है।’
बाजार से जुड़े होने के कारण यूलिप में पारंपरिक बीमा योजनाओं के मुकाबले अधिक रिटर्न देने की क्षमता होती है। इसमें निवेशक अपनी जरूरतों के अनुसार इक्विटी, डेट और हाइब्रिड फंड का चयन कर सकते हैं। मेहता कहते हैं, ‘यूलिप के भीतर निवेश विकल्पों के बीच बदलाव से निवेशकों को अपनी रणनीति को बाजार की स्थिति के अनुरूप ढालने का मौका मिलता है। इन बदलावों के लिए न्यूनतम अथवा कोई भी शुल्क देय नहीं होता है।’
इसमें पांच साल का लॉक-इन वैसे निवेशकों के लिए बेहतर होता है जो दीर्घावधि के लक्ष्यों के लिए पैसा लगाते हैं या जो गिरावट के दौर में शेयर बाजारों से पैसा निकालने लगते हैं। पांच साल की अनिवार्य लॉक-इन अवधि के दौरान आप इसे नहीं भुना सकते हैं।
यूलिप में निवेश के लिए लंबी अवधि जरूरी है। प्रमेरिका लाइफ इंश्योरेंस के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्य अधिकारी पंकज गुप्ता कहते हैं, ‘यूलिप उन निवेशकों के लिए बेहतर होता है जो 10-15 साल बाद के लिए कोई आर्थिक लक्ष्य लेकर चल रहे हैं।’
खरीदने से पहले यूलिप से जुड़े विभिन्न शुल्कों की जांच अवश्य कर लें। प्रकार 1 और प्रकार2 के बीच में हमेशा वही चुनें जो आपकी जरूरतों के मुताबिक हो। पहले प्रकार (टाइप 1) की यूलिप में बीमा राशि अथवा निवेश निधि मूल्य, जो अधिक रहता है उसके बराबर मृत्यु उपरांत लाभ मिलता है।