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टिकाऊ विमानन ईंधन पर जल्द आएगी नीति, कार्बन उत्सर्जन घटाने की दिशा में बड़ा कदम

मंत्री ने कहा कि इंडियन ऑयल की पानीपत रिफाइनरी ने प्रमाणित एसएएफ उत्पादन शुरू कर दिया है। उन्होंने इसे महत्त्वपूर्ण प्रगति का संकेत बताया

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दीपक पटेल   
Last Updated- November 06, 2025 | 9:03 PM IST

विमानन क्षेत्र को प्रदूषण रहित बनाने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए भारत जल्द ही टिकाऊ विमानन ईंधन (एसएएफ) पर एक नीति जारी करेगा। नागरिक उड्डयन मंत्री किंजरापु राम मोहन नायडू ने गुरुवार को कहा इस बारे में अंतिम परामर्श और अंतरराष्ट्रीय नागर विमानन संगठन (आईसीएओ) द्वारा किया जा रहा अध्ययन पूरा होने वाला है।

नायडू ने उद्योग निकाय फिक्की द्वारा आयोजित इंडिया एसएएफ सम्मेलन में कहा, ‘विमानन तेल क्षेत्र के लिए हमें एक मजबूत नीति की जरूरत है। मुझे खुशी है कि मंत्रालय एसएएफ नीति पर काम कर रहा है। इसमें जरूरी सभी हितधारकों से परामर्श किया जा रहा है। हम बहुत जल्द एसएएफ नीति जारी कर देंगे, ताकि वैश्विक स्तर इस उद्योग को पता चले कि भारत विमानन क्षेत्र में क्या करने की कोशिश कर रहा है।’

मंत्री ने कहा कि इंडियन ऑयल की पानीपत रिफाइनरी ने प्रमाणित एसएएफ उत्पादन शुरू कर दिया है। उन्होंने इसे महत्त्वपूर्ण प्रगति का संकेत बताया। उन्होंने कहा कि विमानन टर्बाइन ईंधन (एटीएफ) की खपत 2030 तक 1.5-1.6 करोड़ टन से बढ़कर 2040 तक 3.0-3.1 करोड़ टन होने का अनुमान है। इसलिए अब एसएएफ क्षेत्र के कार्बन लक्ष्यों को पूरा करने की दिशा में कदम बढ़ाना जरूरी हो गया है। उन्होंने कहा, ‘एसएएफ में पारंपरिक एटीएफ की तुलना में कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को 80 प्रतिशत तक कम करने की क्षमता है।’

सम्मेलन में फिक्की और केपीएमजी द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की एसएएफ महत्त्वाकांक्षाएं मजबूत फीडस्टॉक लाभ पर टिकी हैं, जिसमें 68 करोड़ टन वार्षिक कृषि अवशेष, 3.4 टन प्रयुक्त खाना पकाने का तेल और 1,800 करोड़ लीटर से अधिक की एथनॉल क्षमता शामिल है। फिलहाल, एसएएफ का सालाना उत्पादन लगभग 35,000 टन है।

First Published : November 6, 2025 | 8:59 PM IST