एक हालिया स्टडी के अनुसार, टॉप 30 बड़े आईपीओ में से 18 ने सीएनएक्स500 इंडेक्स के मुकाबले बेहतर रिटर्न नहीं दिया है। यह इंडेक्स एनएसई में लिस्टेड 500 प्रमुख कंपनियों के प्रदर्शन को ट्रैक करता है। इसका मतलब है कि कई निवेशकों को इन आईपीओ में निवेश के बाद वह रिटर्न नहीं मिला जिसकी उन्हें उम्मीद थी। यह स्टडी CapitalMind Financial Services ने की है।
स्टडी के मुताबिक, टॉप 10 बड़े आईपीओ में से सिर्फ 2 ही सीएनएक्स500 इंडेक्स से बेहतर प्रदर्शन कर पाए हैं। सीएनएक्स500 या निफ्टी500, एनएसई की 500 शीर्ष कंपनियों से बना एक इंडेक्स है।
हाल ही में 27,000 करोड़ रुपये के हुंडई आईपीओ ने सबका ध्यान खींचा है। गौर करने वाली बात है कि ये भारत का सबसे बड़ा आईपीओ है। गौर करने वाली बात है कि 2023 से अब तक कंपनियों ने शेयर बिक्री के जरिए 5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा जुटाए हैं। इस बढ़ती संख्या के साथ, कई निवेशक यह सवाल कर रहे हैं कि क्या बड़े आईपीओ अच्छे रिटर्न देते हैं।
CapitalMind ने भारत के शीर्ष 30 बड़े आईपीओ का डेटा देखा, जिसमें ऑफर साइज, उद्योग क्षेत्र, कीमत के रिटर्न और डिविडेंड के साथ कुल रिटर्न जैसे कारकों का विश्लेषण किया गया। नतीजे हैरान करने वाले हैं – जहां कुछ आईपीओ जैसे Zomato और Sona BLW Precision Forgings ने अच्छा प्रदर्शन किया है, वहीं ज्यादातर बड़े आईपीओ सीएनएक्स 500 इंडेक्स से बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाए। कुछ आईपीओ, जैसे रिलायंस पावर, ने तो निगेटिव रिटर्न तक दिया है।
अगले बड़े आईपीओ में निवेश करने से पहले यह देखना जरूरी है कि डेटा क्या बता रहा है। CapitalMind ने पिछले 20 सालों में बड़े आईपीओ का विश्लेषण किया और यह समझने की कोशिश की कि इन बड़े आईपीओ का निवेशकों के लिए कैसा प्रदर्शन रहा है।
मुख्य बातें:
खराब प्रदर्शन करने वाले: 30 बड़े आईपीओ में से 8 ने निगेटिव रिटर्न दिए हैं, जिसमें सबसे बड़ा उदाहरण रिलायंस पावर का है। यह उस समय का सबसे बड़ा आईपीओ था, लेकिन इसके प्रदर्शन ने कई निवेशकों को निराश किया।
कम ने ही अच्छा रिटर्न दिया: टॉप 30 आईपीओ में से केवल 2 ने टॉप 10 में रहते हुए सीएनएक्स500 इंडेक्स से बेहतर प्रदर्शन किया है। कोल इंडिया ने पिछले 14 सालों में अपनी कीमत लगभग दोगुनी की है, लेकिन डिविडेंड को शामिल करने पर इसका प्रदर्शन सिर्फ इंडेक्स के बराबर ही है।
Zomato का शानदार प्रदर्शन: Zomato टॉप 10 आईपीओ में से एकमात्र ऐसा आईपीओ है, जिसने बाजार रिटर्न से कहीं बेहतर प्रदर्शन किया है। अन्य सफल आईपीओ में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स, इंडियन रेलवे फाइनेंस कॉर्प, सोना BLW प्रिसिजन फोर्जिंग्स और ICICI लोम्बार्ड शामिल हैं।
हाल के आईपीओ की सफलता: पिछले दो सालों में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले टॉप 10 आईपीओ में से पांच लॉन्च हुए हैं, और उनमें से ज्यादातर ने अच्छा प्रदर्शन किया है। बजाज हाउसिंग फाइनेंस, भारती हेक्साकॉम और ब्रेनबीज (फर्स्ट क्राई) जैसी कंपनियों ने अच्छे बाजार हालात का फायदा उठाया है।
बेहतर रिटर्न देने वाले आईपीओ: 30 आईपीओ में से सिर्फ 12 ने निवेशकों को ब्रॉड-बेस्ड इंडेक्स खरीदकर रखने से बेहतर रिटर्न दिए हैं।
कुल मिलाकर, बड़े आईपीओ ज्यादातर निवेशकों को अच्छे रिटर्न नहीं दे पाते। CapitalMind इसके कारण समझाता है:
इसके कई कारण हो सकते हैं। बड़े आईपीओ अक्सर बुल मार्केट के बाद आते हैं, जब लोग ज्यादा जोखिम लेने को तैयार होते हैं। इसलिए इनका मूल्यांकन बहुत ऊंचा होता है। इन आईपीओ में बड़ी मात्रा में शेयर बेचे जाते हैं और उनसे ज्यादा कमाई की उम्मीदें होती हैं। अगर कमाई की ये उम्मीदें पूरी नहीं होतीं, तो निवेशकों को जल्दी ही निराशा होती है।
CapitalMind के निवेश और रिसर्च प्रमुख, अनूप विजयकुमार ने कहा, “बड़े आईपीओ ने निवेशकों को अच्छा रिटर्न देने में मुश्किलों का सामना किया है। बुल मार्केट में आईपीओ ज्यादा आते हैं, क्योंकि उनका मूल्यांकन ऊंचा होता है। जब इन ऊंचे मूल्यांकनों के हिसाब से कमाई नहीं बढ़ती और बाजार सामान्य हो जाता है, तो ये बड़े आईपीओ उम्मीद से कम रिटर्न देते हैं।”
उद्योग के हिसाब से, फाइनेंशियल सेक्टर ने सबसे ज्यादा फंड जुटाए हैं। 2024 में भी 27% फंड फाइनेंशियल सेक्टर से आया है। लेकिन 2024 में कंज्यूमर कंपनियां (साइक्लिकल और नॉन-साइक्लिकल) सबसे बड़ा सेक्टर बनकर सामने आई हैं, जिन्होंने अब तक 34% फंड जुटाए हैं। इसके बाद फाइनेंशियल सेक्टर 27% और इंडस्ट्रियल सेक्टर 14% के साथ रहे हैं।