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NPS: रिटायरमेंट के बाद अब आप SLW के जरिए किस्तों में निकाल सकते हैं मैच्योरिटी की राशि

निकासी योग्य एकमुश्त मैच्योरिटी की राशि पर ही आपको सिस्टेमैटिक लंपसम विड्रॉल की सुविधा मिलेगी।

Last Updated- October 31, 2023 | 1:35 PM IST
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रिटायरमेंट के बाद अब आप National Pension System (NPS) से मैच्योरिटी की राशि किस्तों में नियमित अंतराल यानी मासिक, तिमाही, छमाही और वार्षिक आधार पर सिस्टेमैटिक लंप सम विड्रॉल (एसएलडब्ल्यू या SLW) के जरिए निकाल सकते हैं। लेकिन निकासी योग्य एकमुश्त मैच्योरिटी की राशि पर ही आपको SLW की सुविधा मिलेगी।

नियमों के मुताबिक रिटायरमेंट या 60 वर्ष की उम्र के बाद एनपीएस से 60 फीसदी मैच्योरिटी की राशि आप एकमुश्त (lump sum) निकाल सकते हैं जबकि शेष 40 फीसदी राशि का उपयोग आपको एन्युटी प्लान की खरीद में करना होता है।

पीएफआरडीए (PFRDA) से 27 अक्टूबर को जारी नए दिशा -निर्देशों के मुताबिक रिटायरमेंट के बाद अब आपको यह विकल्प चुनने का अधिकार है कि आप निकासी योग्य 60 फीसदी मैच्योरिटी की राशि एसएलडब्ल्यू (SLW) के जरिए अधिकतम 75 वर्ष की उम्र तक या उससे पहले निकालें। एन्युटी को लेकर नियमों में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

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एसएलडब्ल्यू के जरिए निकाली गई मैच्योरिटी की राशि पूरी तरह से टैक्स-फ्री होगी क्योंकि एनपीएस भी पीपीएफ (PPF), ईपीएफ (EPF) और एसएसवाई (SSY) की तरह ईईई (EEE) यानी एक्जेंम्प्ट-एक्जेंम्प्ट-एक्जेंम्प्ट कैटेगरी में है। यानी जहां न तो जमा करने पर, न निकासी और न  रिटर्न पर टैक्स है। मतलब अधिकतम 60 फीसदी विड्रॉल पर टैक्स में छूट है।

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एनपीएस ग्राहकों को इस सिस्टेमैटिक लंपसम विड्रॉल विकल्प को सक्रिय करने के लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन मोड के जरिए एक बार रिक्वेस्ट डालनी होगी। रिक्वेस्ट डालते समय एनपीएस ग्राहकों को इस विकल्प को शुरू और खत्म करने की तारीख बतानी होगी। साथ ही  अनिवार्य रूप से यह  भी स्पष्ट करना होगा कि वे कितनी राशि किस अंतराल पर चाहते हैं। प्रत्येक भुगतान के बाद शेष राशि एनपीएस में निवेश के रूप में बनी रहेगी। पेंशन फंड नियामक के अनुसार निकासी योग्य नहीं निकाली गई राशि पर रिटर्न मिलता रहेगा। लेकिन यह ध्यान रखें कि सिस्टेमैटिक लंपसम विड्रॉल विकल्प के एक्टिव होने के बाद NPS सब्सक्राइबर आगे कोई योगदान नहीं कर सकते हैं। इस विकल्प की सुविधा सिर्फ टियर-I अकाउंट के लिए है।

मौजूदा नियमों के मुताबिक एनपीएस ग्राहक रिटायरमेंट के बाद लंप सम विड्रॉल और एन्युटी दोनों या किसी एक कंपोनेंट को 75 वर्ष की उम्र तक टाल भी सकते हैं। जबकि 60 फीसदी मैच्योरिटी की राशि की निकासी या तो एकमुश्त या सालाना आधार पर कई बार में कर सकते हैं। लेकिन यदि निकासी सालाना आधार पर करते हैं तो आपको प्रत्येक वर्ष इसके लिए आवेदन करना होगा।

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इसी साल मई में एनपीएस ग्राहकों को पीएफआरडीए की तरफ से एक और सुविधा प्रदान की गई थी। जिसके तहत NPS से एग्जिट के समय सब्सक्राइबर्स एन्युटी सर्विस प्रोवाइडर (ASP) यानी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी से एक से ज्यादा एन्युटी/पेंशन स्कीम (annuity scheme) खरीद सकते हैं।

पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) के 10 मई, 2023, के सर्कुलर के मुताबिक उन सब्सक्राइबर्स को NPS से एग्जिट के समय किसी एक एन्युटी सर्विस प्रोवाइडर से मल्टीपल एन्युटी स्कीम यानी एक से ज्यादा एन्युटी स्कीम खरीदने का विकल्प मुहैया कराया जाएगा, जिनके एन्युटी कॉर्पस (annuity corpus) 10 लाख रुपये से ज्यादा होंगे। लेकिन प्रत्येक एन्युटी स्कीम कम से कम 5 लाख रुपये का होगा।

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इससे पहले तक NPS से एग्जिट के समय सब्सक्राइबर्स को किसी एक ASP से एक ही एन्युटी स्कीम खरीदने की इजाजत थी।

अब NPS से एग्जिट को लेकर अन्य नियमों को जानते हैं –

एन्युटी (annuity) में कितना करना होता है निवेश

मैच्योरिटी के बाद…..

नियमों के मुताबिक 60 साल की उम्र (रिटायरमेंट) के बाद NPS से कुल मैच्योरिटी की 60 फीसदी रकम ही लंप सम (एकमुश्त) निकालने की इजाजत है, जो टैक्स-फ्री होती है। बाकी 40 फीसदी मैच्योरिटी की रकम को एन्युटी प्लान में निवेश करना होता है, जिससे पेंशन मिलती है। एन्युटी में निवेश की रकम टैक्स-फ्री है, लेकिन एन्युटी के तहत रिटर्न के तौर पर मिलने वाली पेंशन की राशि पर टैक्स में कोई छूट नहीं है। मतलब रिटर्न के तौर पर मिलने वाली पेंशन निवेशक की सालाना आमदनी में जुड़ जाती है और टैक्सपेयर को टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स चुकाना पड़ता है। वहीं अगर रिटायरमेंट के बाद टोटल कॉर्पस 5 लाख रुपये के बराबर या इससे कम है तो NPS सब्सक्राइबर्स पूरी रकम निकाल सकते हैं।

मैच्योरिटी से पहले….

60 वर्ष से पहले यानी प्रीमैच्योर एग्जिट (premature exit) की स्थिति में NPS सब्सक्राइबर को कॉर्पस का 80 फीसदी रकम किसी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी से एन्युटी यानी पेंशन प्लान की खरीद में लगाना होता है। जबकि कॉर्पस का सिर्फ 20 फीसदी लंप सम निकाल सकते हैं। वहीं अगर प्रीमैच्योर विड्रॉल के समय कॉपर्स / फंड 2.5 लाख रुपये के बराबर या इससे कम है तो सब्सक्राइबर के लिए एन्युटी प्लान खरीदने की कोई बाध्यता नहीं है। मतलब पूरी राशि वे लंप सम निकाल सकते हैं। पांच वर्ष से पहले आप NPS से एग्जिट नहीं कर सकते हैं।

रिटायरमेंट या 60 साल की उम्र के बाद विकल्प

रिटायरमेंट या 60 साल की उम्र के बाद NPS सब्सक्राइबर्स के पास कंट्रीब्यूशन को 75 वर्ष की उम्र तक जारी रखने का विकल्प होता है। इस अवधि में भी सब्सक्राइबर्स को टैक्स में छूट पहले की तरह मिलती रहेगी। कंटिन्यूएशन (विस्तार) की अवधि में सब्सक्राइबर्स कभी भी NPS से एग्जिट कर सकते हैं।

दूसरा विकल्प सब्सक्राइबर्स के पास बिना कंट्रीब्यूशन अपने निवेश को 75 वर्ष की उम्र तक बनाए रखने यानी विड्रॉल को टालने का है। सब्सक्राइबर्स या तो सिर्फ लंप सम विड्रॉल या सिर्फ एन्युटी या दोनों को टाल सकते हैं। ऐसे सब्सक्राइबर्स डिफरमेंट (deferment) पीरियड के दौरान कभी भी NPS से एग्जिट कर सकते हैं।

अगर 60 साल या इसके बाद NPS में निवेश शुरू करते हैं…

वैसे सब्सक्राइबर जिन्होंने 60 साल या इसके बाद NPS में निवेश शुरू किया है वे 3 वर्ष तक निवेश करने के बाद NPS से एग्जिट कर सकते हैं। एग्जिट की स्थिति में ऐसे सब्सक्राइबर्स को NPS से कुल मैच्योरिटी की 60 फीसदी रकम ही लंप सम (एकमुश्त) निकालने की इजाजत होगी। बाकी 40 फीसदी मैच्योरिटी की रकम को एन्युटी प्लान में निवेश करना होगा। वहीं अगर टोटल कॉर्पस 5 लाख रुपये के बराबर या इससे कम है तो NPS सब्सक्राइबर्स पूरी मैच्योरिटी की राशि निकाल सकते हैं।

लेकिन अगर बिना 3 वर्ष तक निवेश किए एग्जिट करते हैं तो इसे प्रीमैच्योर एग्जिट माना जाएगा। इस स्थिति में NPS सब्सक्राइबर को कॉर्पस का 80 फीसदी किसी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी से एन्युटी यानी पेंशन प्लान की खरीद में लगाना होगा। जबकि कॉर्पस का सिर्फ 20 फीसदी वे लंप सम निकाल सकते हैं। वहीं अगर कॉर्पस 2.5 लाख रुपये के बराबर या इससे कम है तो सब्सक्राइबर के लिए एन्युटी प्लान खरीदने की कोई बाध्यता नहीं है। मतलब पूरी राशि वे लंप सम निकाल सकते हैं।

एन्युटी/पेंशन प्लान

पेंशन/एन्युटी प्लान के तहत लाइफ इंश्योरेंस कंपनियां (life insurance companies) ग्राहकों को उनके लंप सम निवेश पर नियमित तौर यानी मासिक, तिमाही, छमाही या वार्षिक आधार पर पेंशन देती है। ब्याज की दर फिक्स्ड होती है जो निवेश/सब्सक्रिप्शन के समय तय होती है। फिलहाल NPS ग्राहक PFRDA के पैनल में शामिल 15 एन्युटी सर्विस प्रोवाइडर (ASP) यानी लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों से ही एन्युटी प्लान खरीद सकते हैं।

First Published - October 30, 2023 | 10:32 PM IST

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