facebookmetapixel
Editorial: टिकाऊ कर व्यवस्था से ही बढ़ेगा भारत में विदेशी निवेशपीएसयू के शीर्ष पदों पर निजी क्षेत्र के उम्मीदवारों का विरोधपहले कार्यकाल की उपलब्धियां तय करती हैं किसी मुख्यमंत्री की राजनीतिक उम्रवित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही के दौरान प्रतिभूतियों में आई तेजीलक्जरी ईवी सेगमेंट में दूसरे नंबर पर जेएसडब्ल्यू एमजी मोटर इंडियाअगले तीन साल के दौरान ब्रिटेन में 5,000 नई नौकरियां सृजित करेगी टीसीएसभारत में 50 करोड़ पाउंड निवेश करेगी टाइड, 12 महीने में देगी 800 नौकरियांसरकार ने विद्युत अधिनियम में ऐतिहासिक संशोधन किया पेश, क्रॉस-सब्सिडी के बोझ से मिलेगी राहतअर्थव्यवस्था बंद कर विकास की गति सीमित कर रहा भारत: जेरोनिम जेटल्मेयरTata Trusts की बैठक में टाटा संस विवाद पर चर्चा नहीं, न्यासियों ने परोपकारी पहल पर ध्यान केंद्रित किया

रेंट एग्रीमेंट के लिए सिर्फ आधार कार्ड जरूरी नहीं! पासपोर्ट, वोटर ID और पैन कार्ड से भी हो सकता है रजिस्ट्रेशन

एक्सपर्ट्स ने साफ किया कि किराए के एग्रीमेंट के लिए आधार जरूरी नहीं, पासपोर्ट, पैन या वोटर ID जैसे पहचान पत्रों से भी रजिस्ट्रेशन संभव है।

Last Updated- July 23, 2025 | 5:55 PM IST
Aadhaar Card
प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो

रेंट एग्रीमेंट के लिए आधार कार्ड की अनिवार्यता को लेकर देशभर में किरायेदारों और मकान मालिकों के बीच असमंजस की स्थिति बनी हुई है। कुछ लोग कहते हैं कि रजिस्ट्रेशन के दौरान उनसे आधार कार्ड मांगा गया, जबकि कई अन्य का कहना है कि उन्होंने पासपोर्ट, वोटर ID या पैन कार्ड जैसे डॉक्यूमेंट्स के साथ प्रक्रिया पूरी की। यह भ्रम कानूनी नियमों और जमीन पर उनकी व्यावहारिकता के बीच के अंतर को दर्शाता है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि आधार कार्ड रेंट एग्रीमेंट के लिए कानूनी रूप से अनिवार्य नहीं है, और कई अन्य पहचान पत्र भी इसके लिए इस्तेमाल किए जा सकते हैं।

कानून में आधार की अनिवार्यता नहीं

लॉ एक्सपर्ट्स का कहना है कि रेंट एग्रीमेंट के लिए आधार कार्ड देना जरूरी नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में साफ किया है कि आधार सिर्फ कुछ सरकारी योजनाओं के लिए अनिवार्य हो सकता है, न कि हर तरह के पहचान पत्र के लिए। सिन्हानिया एंड कंपनी की पार्टनर अपेक्षा लोढ़ा ने बताया, “कोई भी कानून आधार को रेंट एग्रीमेंट के लिए जरूरी नहीं बताता।”

Also Read: UIDAI की नई पहल: अब स्कूलों में बच्चों का आधार कार्ड होगा अपडेट, 45 दिनों में शुरू होगा मोबाइल बायोमेट्रिक ड्राइव

वहीं, गांधी लॉ एसोसिएट्स के मैनेजिंग पार्टनर कीयूर गांधी ने कहा, “1908 का रजिस्ट्रेशन एक्ट या किसी राज्य के नियमों में आधार को अनिवार्य पहचान पत्र के रूप में नहीं बताया गया है। UIDAI भी कहता है कि आधार देना स्वैच्छिक है।” यानी, किरायेदार और मकान मालिक अपनी मर्जी से आधार का इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन इसे थोपा नहीं जा सकता।

जालसाजी और डेटा लीक का डर

आधार कार्ड के इस्तेमाल को लेकर जालसाजी और डेटा गोपनीयता की चिंता भी एक बड़ा कारण है, जिसके चलते कई मकान मालिक और रजिस्ट्रार इसे लेने से हिचकते हैं। अपेक्षा लोढ़ा के अनुसार, “नकली आधार कार्ड का इस्तेमाल किराए या संपत्ति बिक्री में हो चुका है। इसलिए कई लोग पासपोर्ट या पैन कार्ड जैसे पारंपरिक दस्तावेजों को ज्यादा भरोसेमंद मानते हैं।”

कर्नाटक हाई कोर्ट में एक मामला सामने आया था, जहां नकली आधार कार्ड से जमीन ट्रांसफर किया गया था। सिरिल अमरचंद मंगलदास की पार्टनर रीता उल्बायरे ने बताया कि रजिस्टर्ड समझौतों में आधार का इस्तेमाल होने पर यह जानकारी सार्वजनिक रिकॉर्ड का हिस्सा बन सकती है, जिससे डेटा लीक का खतरा बढ़ जाता है।

उन्होंने कहा, “आधार के बायोमेट्रिक डेटा का दुरुपयोग बैंक खाता खोलने, सिम कार्ड लेने या सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने में हो सकता है।”

एक्सपर्ट्स का सुझाव है कि किरायेदारों और मकान मालिकों को पैन कार्ड, वोटर ID, पासपोर्ट या ड्राइविंग लाइसेंस जैसे दस्तावेजों का इस्तेमाल करना चाहिए।

SKV लॉ ऑफिसेस के पार्टनर आशुतोष श्रीवास्तव ने सलाह दी, “सुरक्षा के लिए एक से ज्यादा पहचान पत्र दें और अगर आधार देना ही पड़े तो उसकी संवेदनशील जानकारी छिपाएं।”

First Published - July 23, 2025 | 5:55 PM IST

संबंधित पोस्ट