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Pump-and-dump scheme : आखिर क्या है पंप-ऐंड-डंप स्कीम, कैसे काम करती है

Last Updated- March 03, 2023 | 10:23 PM IST
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भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (Sebi) ने गुरुवार को बॉलीवुड अभिनेता अरशद वारसी, उनकी पत्नी मारिया गोरेटी और 29 अन्य लोगों को यूट्यूब के जरिये पंप-ऐंड-डंप परिचालन करने की वजह से प्रतिबंधित किया।

खबरों में कहा गया कि वारसी ने इस अवैध गतिविधि के जरिये पिछले साल 27 अप्रैल से 30 सितंबर के बीच 29.43 लाख रुपये और उनकी पत्नी ने 37.56 लाख रुपये कमाए थे।

क्या है पंप-ऐंड-डंप स्कीम ?

पंप-ऐंड-डंप एक ऐसी अवैध स्कीम है, जिसमें कोई व्यक्ति झूठी जानकारी का इस्तेमाल कर शेयर की कीमत बढ़ाने की कोशिश करता है। इसमें किए जाने वाले दावे झूठे, गुमराह करने वाले और निजी लाभ से जुड़े होते हैं। यह कार्य अक्सर ऐसे व्यक्ति द्वारा किया जाता है जो कई लोगों पर मौद्रिक प्रभाव छोड़ने में सक्षम हो।

इस स्कीम का इस्तेमाल कैसे होता है?

पंप-ऐंड-डंप स्कीम में त्रि-स्तरीय प्रक्रिया होती है। पहली, व्यक्ति शेयर में बड़ी हिस्सेदारी खरीद लेता है।
दूसरी, वह अपने लाभ के लिए उस कंपनी के बारे में झूठे दावे करता है, लोगों को इस कंपनी में पैसा लगाने के लिए प्रोत्साहित करता है।
आखिरी, जैसे ही शेयर की कीमत में तेजी आती है, वह इन्हें बेचकर निकल जाता है और अच्छा मुनाफा कमा लेता है। हालांकि जैसे ही शेयर में बड़ी बिकवाली होती है, उसकी कीमत गिर जाती है, और फिर अन्य निवेशकों को नुकसान होता है।

झूठे दावे कैसे किए जाते हैं?

इंटरनेट के युग में, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों या ईमेल के जरिये फर्जी जानकारी का प्रचार होता है। बेखबर छोटे निवेशक बैनरों और सोशल मीडिया मैसेजों का इस्तेमाल कर स्मॉलकैप और मिडकैप शेयरों में पैसा लगा बैठते हैं।
इस मामले में, झूठी जानकारी दो चैनलों – एडवायजर और मनीवाइज पर यूट्यूब वीडियो का इस्तेमाल कर फैलाई गई थी।
सेबी के दिशा-निर्देशों के तहत, ऐसी जानकारी फैलाने वाले को ‘एमएमडी’ या मिसलीडिंग मैसेज डिसेमिनेटर कहा जाता है।

सेबी ने पंप-ऐंड-डंप घोटाले की पहचान कैसे की?

सेबी ने ऐसे घोटालों की पहचान के लिए अपने डेटा वेयरहाउसिंग ऐंड बिजनेस इंटेलीजेंस सिस्टम्स का इस्तेमाल किया है। उसने ऐसी ट्रेडिंग की निगरानी के लिए ‘पैटर्न रिकॉग्नीशन एल्गोरिदम’ की पेशकश की है। इससे प्रतिभूति कानूनों का उल्लंघन करने वालों का आंकड़ा जुटाने में मदद मिलती है।

इसके बाद सेबी संबद्ध कंपनी से शेयर से संबंधित और अन्य स्पष्टीकरण मांगता है। यदि उसे असंतोषजनक प्रतिक्रिया मिलती है तो नियामकीय संस्था एमएमडी पर कार्रवाई करती है।

First Published - March 3, 2023 | 10:23 PM IST

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