वोडाफोन आइडिया का शेयर महज एक महीने में दोगुने से ज्यादा हो गया। गुरुवार को कंपनी का शेयर 8.9 रुपये पर बंद हुआ, जो 6 मई के मुकाबले 2.15 रुपये ज्यादा है। दूरसंचार क्षेत्र पर बाजार का नजरिया हालांकि तेजी का है, लेकिन उच्च कर्ज और समायोजित सकल राजस्व के बकाए पर भुगतान को लेकर अनिश्चितता ने वोडाफोन आइडिया के शेयर भाव को प्रभावित किया है जबकि प्रतिस्पर्धी भारती एयरटेल लगातार आगे जा रही है।
बाजार के प्रतिभागियों ने कहा, खबर है कि गूगल अब वोडाफोन आइडिया का हिस्सा लेना चाह रही है, ऐसे में यह उसके शेयर भाव को आगे बढ़ा रहा है। प्रभावशाली ब्रोकरेज फर्म सीएलएसए ने बुधवार को शेयर को खरीद की रेटिंग दी थी और 12 महीने के लिए कीमत का लक्ष्य 12 रुपये रखा है।
सीएलएसए की विश्लेषक दीप्ति चतुर्वेदी ने एक नोट में कहा है, वोडाफोन आइडिया तीन महीने में दोगुने से ज्यादा हो गया है, लेकिन हम उसके औसत राजस्व प्रति ग्राहक (एआरपीयू) में बढ़ोतरी देख रहे हैं। साथ ही एजीआर के संभावित समाधान की बात भी है। टैरिफ में बढ़ोतरी की शुरुआत के बाद वोडाफोन आइडिया के प्रवर्तक फंडिंग का आकलन कर सकते हैं, चाहे एजीआर के मामले का नतीजा जो भी आए। शेयर का जोखिम प्रतिफल अभी भी अनुकूल है, लिहाजा हम खरीद की सलाह दे रहे हैं और 12 रुपये का लक्ष्य रख रहे हैं, जो वित्त वर्ष 2022 के एक साल के एबिटा पर आधारित है।
वोडाफोन आइडिया का एआरपीयू 109 रुपये है, जो एयरटेल के मुकाबले करीब 20 फीसदी कम है। सीएलएसए को उम्मीद है कि कंपनी का एआरपीयू वित्त वर्ष 2022 तक 30 फीसदी बढ़ेगा क्योंकि टैरिफ में भी बढ़ोतरी होगी।
कंपनी ने काफी ग्राहक भी गंवाए हैं। सीएलएसए को उम्मीद है कि यह नुकसान रुकेगा। सीएलएसए ने एक नोट में कहा है, विलय के बाद वोडाफोन आइडिया ने 11.8 करोड़ ग्राहक गंवाए हैं और कुल ग्राहक संख्या 30.4 करोड़ रह गई है। लेकिन नुकसान अब कम होगा और हमारा अनुमान है कि वित्त वर्ष 20-22 में नुकसान 2 करोड़ का होगा जो पिछले 12 महीने के नुकसान के मुकाबले कम होगा। इसके अलावा वोडाफोन आइडिया ने 2.3 करोड़ पोस्टपेड ग्राहक आधार को सुरक्षित रखा है, जो एयरटेल के आधार के मुकाबले 46 फीसदी ज्यादा है और रिलायंस जियो से भी आगे है।