यूबीएस एजी ने बीएसई के सेंसेक्स का टारगेट 21 फीसदी घटा दिया है। यूबीएस के मुताबिक इस साल के आखिरी तक सेंसेक्स 15,500 अंकों के स्तर तक ही पहुंचेगा।
कमोडिटीज की कीमतों में बेतहाशा वृध्दि, महंगाई की बढ़ती दर को अंकुश में रखने के लिए ब्याज दरों में इजाफा, इन्हे देखते हुए ही टारगेट घटाया गया है। इससे पहले अप्रैल में यूबीएस ने दिसंबर 2008 तक सेंसेक्स के 19,600 अंकों के स्तर पर पहुंचने का अनुमान लगाया था।
अब उसने इसे घटाकर 15,500 कर दिया है। स्विस बैंक की विश्लेषक मनिषी रायचौधरी ने बताया कि वैश्विक बाजार में बड़ी कमोडिटीज(मुख्यरूप से तेल) की कीमतों के कारण ही देश में मुद्रास्फीति की दर बढ़ी,जिसके कारण ब्याज दरों में इजाफा हुआ। उन्होंने क्लाइंट को लिखे एक नोट में कहा कि फाइनेंसिंग की लागत बढ़ने से खपत में कमी आई और इससे औद्योगिक उत्पादन गिरा। इस समय भारत में मुद्रास्फीति की दर पिछले 13 वर्षों के सर्वोच्च स्तर(11.91 फीसदी)पर है। अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि यह दर बढ़कर 12.05 फीसदी तक हो सकती है।
यूबीएस ने निवेशकों को टीसीएस, सुजलॉन एनर्जी लिमिटेड, गेल इंडिया लिमिटेड के साथ इंडियन आइल और भारत पेट्रोलियम जैसी तेल विपणन कंपनियों से दूर रहने को कहा है। संस्था का मानना है कि इन कंपनियों को मिलने वाले राजस्व की धार मंद हो जाने के कारण इनके शेयर क्षमता से कमतर प्रदर्शन करेंगे। इस समय सेंसेक्स 10 जनवरी को 21,206.77 के सर्वोच्च स्तर से 38 फीसदी नीचे आ चुका है।