प्रमुख सूचकांकों में लगातार तीसरे कारोबारी सत्र में भी तेजी का दौर बना रहा, क्योंकि निवेशक अब यह मान रहे हैं कि धीमी आर्थिक वृद्धि और कमजोर जिंस कीमतों की वजह से केंद्रीय बैंकों द्वारा ब्याज दर वृद्धि का रुख ज्यादा सख्त नहीं रहेगा।
आईटी शेयरों में खरीदारी को वैश्विक रुझानों से ताकत मिली और प्रमुख सूचकांकों की तेजी में इनका बड़ा योगदान रहा।
सेंसेक्स दिन के कारोबार में 781 अंक या 115 प्रतिशत चढ़ गया था, लेकिन वैश्विक निवेशकों के बिकवाली दबाव की वजह से इस तेजी को पूरी तरह से बरकरार रखने में नाकाम रहा। हालांकि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) से शुद्ध निकासी 1,278 करोड़ रुपये रही, जो इस महीने की औसत दैनिक बिकवाली से काफी नीचे थी।
सेंसेक्स 433 अंक या 0.8 की बढ़त के साथ 53,161 पर बंद हुआ। वहीं निफ्टी 133 अंक की तेजी के साथ 15,832 पर बंद हुआ। ये प्रमुख सूचकांक अब 17 जून के निचले स्तर से करीब 3.5 प्रतिशत चढ़ चुके हैं।
कच्चे तेल और अन्य जिंसों की कीमतों में गिरावट से निवेशकों में उत्साह पैदा हुआ है। हालांकि सोमवार को कच्चे तेल में तेजी आई और ब्रेंट क्रूड 115 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था, जो महीने के शुरू के 124 डॉलर के मुकाबले फिर भी कम है।
जियोजित फाइनैंशियल के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘घटती जिंस कीमतों से हाल के सत्रों में घरेलू इक्विटी बाजार में उत्साह पैदा हुआ है।’