मोहलत की अवधि बढ़ाए जाने पर फैसला न होने के बीच बैंंकिंग व गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के शेयरों के परिदृश्य पर अनिश्चितता के बादल हैं। सोमवार को बैंक निफ्टी इंडेक्स 3.14 फीसदी टूट गया जबकि निफ्टी फाइनैंशियल सर्विसेज इंडेक्स में 2.83 फीसदी की गिरावट आई। इसकी तुलना में बेंचमार्क निफ्टी 2.23 फीसदी टूटा।
मार्च 23 के निचले स्तर से बैंकिंग शेयरों में औसतन 45 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, वहीं एनबीएफसी के शेयर 55 फीसदी चढ़े हैं। पिछले दो महीने में पिटे हुए बैंक और वित्तीय सेवा फर्मों के शेयरों में इस उम्मीद में अतिरिक्त नकदी का निवेश हुआ है कि परिसंपत्ति गुणवत्ता में गिरावट पहले के अनुमान जितनी नहीं होगी।
बढ़ते एनपीए का असर हालांकि वित्त वर्ष 2021 की दूसरी छमाही में ही साफ हो पाएगा। यह परिसंपत्ति गुणवत्ता व आय की रफ्तार को झटका दे सकता है, खास तौर से छोटे व मझोले आकार वाले बैंकों को। अपनी वित्तीय स्थायित्व रिपोर्ट में आरबीआई ने बताया है कि सकल एनपीए में इजाफा वित्त वर्ष 2020 के 8.5 फीसदी से बढ़कर वित्त वर्ष 2021 में 12.7 फीसदी पर पहुंचने का अनुमान है।
बैंकों ने बकाया संग्रह की कोशिश तेज कर दी है और जल्द ही खुदरा कर्ज के लिए बोर्ड से मंजूरी वाली पुनर्गठन योजना सामने रख सकता है। एमके ग्लोबल फाइनैंंशियल सर्विसेज के शोध विश्लेषक आनंद दामा ने कहा, बैंकों को लग रहा है कि सिस्टमैटिक कर्ज का 5 से 7 फीसदी हिस्सा पुनर्गठित होगा, वहीं कुछ निजी बैंक पुनर्गठन के बजाय एनपीए की पहचान आक्रामक तरीके से कर सकते हैं, जो प्रावधान को ऊंचा रखेगा।