facebookmetapixel
क्या सोना-चांदी में अब मुनाफा बुक करने का सही समय है? एक्सपर्ट ने बताई मालामाल करने वाली स्ट्रैटेजीGold-Silver Price Today: सोना ऑल टाइम हाई पर, चांदी भी चमक में पीछे नहीं; खरीदारी से पहले चेक करें आज के दामTata Capital IPO की सपाट लिस्टिंग, ₹330 पर लिस्ट हुए शेयर; क्या अब खरीदना चाहिए?चांदी में निवेश का अच्छा मौका! Emkay का अनुमान- 1 साल में 20% उछल सकता है भावइस साल सोना 65 बार पहुंचा नई ऊंचाई पर, निफ्टी रह गया पीछे; फिर भी निवेशकों के लिए है बड़ा मौकाRobert Kiyosaki ने निवेशकों को किया सचेत, कहा- 2025 का सबसे बड़ा फाइनेंशियल क्रैश आने वाला हैशॉर्ट-टर्म मुनाफा के लिए ब्रोकरेज ने सुझाए ये 3 स्टॉक्स, ₹1,500 तक के टारगेट सेट₹450 टच करेगा ये ज्वेलरी स्टॉक, दिवाली से पहले BUY का मौका; ब्रोकरेज ने शुरू की कवरेज₹1,300 से लेकर ₹1,470 तक के टारगेट, ब्रोकरेज को इन दो तगड़े स्टॉक्स में दिखा ब्रेकआउटQ2 results Today 2025: HCL Tech से लेकर Anand Rathi तक, सोमवार को 20 कंपनियों के आएंगे नतीजे; देखें लिस्ट

बाजार ने मंदी की आशंका को मानना शुरू कर दिया है: अनुराग मित्तल

हाल ही में वैश्विक शेयर बाजारों में अमेरिका में मंदी की आशंका की वजह से घबराहट हो गई थी जबकि बैंक ऑफ जापान ने दरें बढ़ाकर पिछले 25 वर्षों के शीर्ष स्तर पर कर दी थीं।

Last Updated- August 22, 2024 | 10:27 PM IST
Market has started accepting the possibility of recession: Anurag Mittal बाजार ने मंदी की आशंका को मानना शुरू कर दिया है: अनुराग मित्तल
Anurag Mittal, Head Of Fixed Income At UTI Mutual Fund

हाल ही में वैश्विक शेयर बाजारों में अमेरिका में मंदी की आशंका की वजह से घबराहट हो गई थी जबकि बैंक ऑफ जापान ने दरें बढ़ाकर पिछले 25 वर्षों के शीर्ष स्तर पर कर दी थीं। यूटीआई म्युचुअल फंड में प्रमुख (निश्चित आय) अनुराग मित्तल ने पुनीत वाधवा को ईमेल पर बातचीत के दौरान बताया कि लिक्विड फंडों के अलावा अधिक गुणवत्ता वाली औसत अवधि की योजनाएं (एक से चार वर्ष) उन निवेशकों के लिए बेहतर हैं जो दीर्घावधि के लिए निवेश करना चाहते हैं। प्रमुख अंश …

अगर केंद्रीय बैंकों, खास तौर पर अमेरिकी फेडरल और आरबीआई के मामले में ‘हायर फॉर लॉन्गर’ वाली बात सही साबित होती है, तो आप अगले तीन-छह महीने में बॉन्ड यील्ड प्रदर्शन को किस तरह देखते हैं?

बॉन्ड के वर्तमान मूल्यांकन का मूल्य निर्धारण ‘हायर फोर लॉन्गर’ वाले परिदृश्य में नहीं किया जा रहा है और मौद्रिक राहत में देर होने पर यील्ड दबाव में आ सकता है। प्रतिबंधात्मक ब्याज दरों, घटते राजकोषीय प्रोत्साहन और खाली होती बचत के कारण वैश्विक खपत कमजोर होने के आसार हैं। इससे वृद्धि के लिए जोखिम बढ़ गया है। सुस्त पड़ती आर्थिक रफ्तार और सहज मुद्रास्फीति को देखते हुए हम उम्मीद कर रहे हैं कि यूएस फेडरल रिजर्व सितंबर 2024 से शुरू होने वाले इस मौद्रिक चक्र में दरों में कम से कम 150 से 200 आधार अंकों (बीपीएस) की कटौती शुरू कर देगा। जहां वैश्विक बाजारों ने फेड की अपेक्षित प्रतिक्रिया को मान लिया है। हम उम्मीद कर रहे हैं कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) मुद्रास्फीति की स्थिरता या वृद्धि में नरमी के संबंध में अधिक विश्वास होने पर दरों में कटौती करेगा।

अमेरिका में मंदी की आशंका के संबंध में आपकी क्या राय है? वित्तीय बाजार इसे किस हद तक मान रहे हैं?

शेयर बाजारों ने हाल ही में मंदी की ज्यादा आशंका और रोजगार के कमजोर आंकड़ों के कारण फेड की अधिक आक्रामक दर कटौती को मानना शुरू कर दिया है। कैलेंडर वर्ष 2024 में स्वैप 100 आधार अंकों से ज्यादा की कटौती का अनुमान जता रहे हैं जबकि जून के अंत में यह केवल 50 आधार अंक की थी। हालांकि वेतन में कमी आ रही है, लेकिन श्रम बाजार अब भी अपेक्षाकृत अच्छा है।

मान लीजिए कि यह मंदी आ जाती है तो आपके मुताबिक वैश्विक केंद्रीय बैंक ऐसे में क्या प्रतिक्रिया देंगे? बचाव का पहला कदम क्या है?

केंद्रीय बैंकों की प्रतिक्रिया मंदी के प्रकार पर निर्भर करेगी। कमजोर आवासीय या श्रम बाजार जनित आर्थिक मंदी से वैश्विक केंद्रीय बैंक ब्याज दरों में ताबड़तोड़ और तीव्र कटौती कर सकते हैं, क्योंकि वर्तमान में ब्याज दरें महामारी से पहले वाले समय के विपरीत शून्य के करीब नहीं हैं। हालांकि वित्तीय बाजार की अस्थिरता के कारण होने वाली मंदी के मामले में उतार-चढ़ाव को नियंत्रित करने के लिए नियामकीय उपायों के अलावा विदेशी मुद्रा/नकदी के उपायों या परिसंपत्ति खरीद कार्यक्रमों जैसे लक्ष्यबद्ध उपायों की जरूरत पड़ सकती है।

क्या बैंक ऑफ जापान में फिलहाल दर वृद्धि हो चुकी है?

घरेलू मुद्रास्फीति अब भी बने रहने के मद्देनजर हमें उम्मीद है कि बैंक ऑफ जापान मौद्रिक नीति को धीरे-धीरे सख्त करता रहेगा। हालांकि फेड की कटौती के बारे में बाजार क्या मान रहा है, इस आधार पर परिसंपत्ति बाजार में निकट अवधि के दौरान उतार-चढ़ाव हो सकता है, लेकिन येन में जोरदार वृद्धि पहले ही हो चुकी है जिसका कारण बैंक ऑफ जापान की दर वृद्धि है।

First Published - August 22, 2024 | 10:27 PM IST

संबंधित पोस्ट