नया साल तो बुधवार को ही आ गया था मगर भारतीय शेयर बाजार ने निवेशकों को उसकी बधाई आज दी। बेहतर आय के कारण आईटी शेयरों और दमदार बिक्री के कारण वाहन शेयरों में हुई लिवाली से सेंसेक्स आज 1,436 अंक या 1.83 फीसदी बढ़त के साथ 79,943.71 पर बंद हुआ। रिलयंस इंडस्ट्रीज और बजाज फाइनैंस जैसे शेयरों में बढ़त और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफआईआई) की लिवाली के कारण एनएसई निफ्टी भी 446 अंक या 1.88 फीसदी बढ़त के साथ 24,189 पर बंद हुआ। दोनों सूचकांकों ने 22 नवंबर, 2024 के बाद एक दिन के कारोबार में बेहतरीन प्रदर्शन किया। बीएसई में सूचीबद्ध कंपनी का कुल बाजार पूंजीकरण आज 6 लाख करोड़ रुपये बढ़कर 450 लाख करोड़ रुपये हो गया।
सेंसेक्स की बढ़त में प्रौद्योगिकी एवं वाहन शेयरों ने करीब एक तिहाई का योगदान दिया। अमेरिकी अर्थव्यवस्था में तेजी और डॉलर के मुकाबले रुपये के कमजोर होने से आईटी कंपनियों की आय बढ़ने की उम्मीद से आईटी शेयरों में तेजी आई। आईटी क्षेत्र की आय में अमेरिकी कारोबार का अहम योगदान है। पिछले साल डॉलर के मुकाबले रुपये में 3 फीसदी की गिरावट आई थी।
भारतीय वाहन उद्योग में यात्री वाहनों की थोक बिक्री दिसंबर में एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले 11 फीसदी बढ़ गई। उसे मुख्य तौर पर एसयूवी वाहनों की दमदार मांग, शहरी बाजार में सुधार और साल के अंत में दी जाने वाली छूट से रफ्तार मिली। दिसंबर में प्रमुख वाहन कंपनियों की बिक्री भी दमदार रही। महिंद्रा ऐंड महिंद्रा की कुल बिक्री में 16 फीसदी की वृद्धि हुई जबकि मारुति सुजूकी की बिक्री 30 फीसदी और आयशर मोटर्स की बिक्री 25 फीसदी बढ़ गई।
अवेंडस कैपिटल पब्लिक मार्केट्स अल्टरनेट स्ट्रैटेजिज के सीईओ एंड्रयू हॉलैंड ने कहा, ‘वाहन बिक्री के आंकड़े उम्मीद से बेहतर रहे और ऐसा लग रहा है कि नतीजे भी उतने बुरे नहीं रहेंगे जिनकी आशंका जताई जा रही थी। नैसडैक वायदा में भी तेजी रही जिससे भारतीय आईटी शेयरों को मदद मिली। ट्रंप के शपथ ग्रहण का समय नजदीक आने से अमेरिकी अर्थव्यवस्था में सुधार की उम्मीद है। इससे भारतीय प्रौद्योगिकी कंपनियों को फायदा होगा।’
एफपीआई 13 दिसंबर के बाद पहली बार आज शुद्ध लिवाल रहे। एफपीआई ने 1,507 करोड़ रुपये के शेयरों की लिवाली की जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 22 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
जेफरीज की एक शोध रिपोर्ट से उत्साहित बैंकिंग शेयरों में तेजी आई। रिपोर्ट में उचित मूल्यांकन एवं परिसंपत्ति गुणवत्ता पर दबाव कम होने हवाला देते हुए जोखिम का फायदा मिलने की बात कही गई है। आगे चलकर कंपनियों के दिसंबर तिमाही के नतीजे और केंद्रीय बजट से बाजार की दिशा तय होगी।
मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज के प्रमुख (अनुसंधान एवं परिसंपत्ति प्रबंधन) सिद्धार्थ खेमका ने कहा, ‘निवेशक तिमाही नतीजों से पहले जारी होने वाली सूचनाओं पर बारीकी से नजर रखेंगे। हम उम्मीद करते हैं कि अगले कुछ दिनों तक बाजार में धीरे-धीरे तेजी जारी रहेगी।’