सुजलॉन एनर्जी लिमिटेड (Suzlon Energy) ने 24 जनवरी को घोषणा की कि उसकी टॉरेंट पावर लिमिटेड के साथ साझेदारी ने 486 मेगावाट का बड़ा हाइब्रिड ऑर्डर जीत लिया है। इस डील के साथ ही सुजलॉन और टॉरेंट पावर की साझेदारी ने पवन ऊर्जा के क्षेत्र में नया मुकाम हासिल किया है। अब दोनों कंपनियों की कुल पवन ऊर्जा क्षमता 1 गीगावाट तक पहुंच गई है।
क्या है प्रोजेक्ट का प्लान?
इस प्रोजेक्ट के तहत सुजलॉन, गुजरात के भोगट इलाके में 3 मेगावाट क्षमता वाले 162 S144 विंड टर्बाइन जेनरेटर (हाइब्रिड लैटिस टावर्स के साथ) लगाएगी। ये टर्बाइन खासतौर पर कम हवा वाले इलाकों में भी बेहतरीन प्रदर्शन के लिए जाने जाते हैं।
सुजलॉन ग्रुप के वाइस चेयरमैन गिरीश टांटी ने कहा, “हम टॉरेंट जैसे अग्रणी पार्टनर के साथ जुड़कर गर्व महसूस करते हैं। यह साझेदारी, जो एक दशक से चल रही है, अब 1 गीगावाट के ऐतिहासिक पड़ाव पर पहुंच गई है। गुजरात और कर्नाटक में हमारी इस साझेदारी ने एडवांस तकनीकों के जरिए करीब 10 लाख घरों तक हाई क्वालिटी वाली बिजली पहुंचाई है। हम भारत की ऊर्जा क्रांति को आगे बढ़ाने और एक स्थायी भविष्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
यह टॉरेंट पावर की ओर से सुजलॉन को दिया गया पांचवां ऑर्डर है। हालांकि, इस बार प्रोजेक्ट की वित्तीय जानकारी का खुलासा नहीं किया गया है।
हालिया सालों में मल्टीबैगर साबित हुआ है स्टॉक
सुजलॉन ने बीते एक साल में 28%, दो साल में 445% और पांच साल में 2205.26% का रिटर्न दिया है। यानी पांच साल पहले अगर आपने इस कंपनी के 1 लाख रुपये के शेयर खरीदे होते तो आपका निवेश बढ़कर 2305000 रुपये {2205000 (रिटर्न)+100000 (प्रिंसिपल)} हो गया होता। शुक्रवार को सुजलॉन का शेयर 2.82% गिरकर ₹52.78 पर बंद हुआ।