भारतीय शेयर बाजार में आज भारी गिरावट देखी गई। निवेशकों का उत्साह कमजोर पडऩे से बाजार में पिछले सात महीनों की सबसे बड़ी एकदिनी गिरावट आ गई। सूचीबद्धता के दिन पेटीएम का शेयर पिटने, सूचकांक में अहम हिस्सेदारी रखने वाली रिलायंस के शेयर में गिरावट आने और कृषि कानून खत्म किए जाने की घोषणा ने निवेशकों का हौसला एकदम पस्त कर दिया। यूरोप में कोविड-19 महामारी के एक बार फिर सिर उठाने और अमेरिका में प्रोत्साहन उपाय वापस लिए जाने की संभावित शुरुआत से निवेशकों के मन में पैदा हुई चिंताओं ने भी बाजार में कारोबार की कमर तोड़ दी।
कारोबार के दौरान बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का संवेदी सूचकांक 1,624 अंक (2.7 प्रतिशत) तक लुढ़क गया था। बाद में कुछ सुधर कर सेंसेक्स 58,466 पर बंद हुआ। कुल मिलाकर आज सेंसेक्स में 1,170 अंक (1.96 प्रतिशत) की गिरावट देखी गई, जिससे निवेशकों को 8.2 लाख करोड़ रुपये की भारी चपत लग गई। नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी भी 332 अंक (1.8 प्रतिशत) फिसलकर 17,532 पर बंद हुआ। दोनों सूचकांकों में आज इस वर्ष 12 अप्रैल के बाद से सबसे अधिक गिरावट आई। पिछले चार सत्रों में सूचकांक 2,253 अंक (3.7 प्रतिशत) तक फिसल चुका है और ज्यादातर वैश्विक बाजारों की तुलना में कमजोर रहा है। देश की सबसे कीमती कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर 4.4 प्रतिशत गिरा, जिसने सेंसेक्स को 318 अंक नीचे कर दिया। पेटीएम के शेयरों में गिरावट बढऩे से भी निवेशकों का उत्साह फीका पड़ गया। बाजार में मचे कोलाहल पर अवेंडस कैपिटल अल्टरनेट स्ट्रैटेजीज के मुख्य कार्याधिकारी एंड्र्यू हॉलैंड ने कहा, ‘पेटीएम के शेयरों में तेज गिरावट और आरआईएल की खबर ने बाजार को और कमजोर कर दिया। हालांकि बाजार में 5-10 प्रतिशत गिरावट की आशंका तो जताई जा रही थी।’
