अप्रैल-जून तिमाही में यात्री वाहन दिग्गज टाटा मोटर्स का समेकित शुद्ध नुकसान बढ़कर 1,766.5 करोड़ रुपये रह सकता है, जो वित्त वर्ष 2022 की चौथी तिमाही में 1,033 करोड़ रुपये था। बिजनेस स्टैंडर्ड द्वारा पांच अनुमानों के औसत के आधार पर यह आकलन किया गया है। हालांकि सालाना आधार पर यह वित्त वर्ष 2022 की पहली तिमाही में हुए 4,451 करोड़ रुपये के शुद्ध नुकसान से कम रहेगा। लेकिन विश्लेषकों ने कहा है कि एक साल पहले की अवधि डेल्टा कोविड-19 लहर आधारित न्यून आधार की वजह से तुलनायोग्य नहीं है। कंपनी 27 जुलाई को वित्त वर्ष 2023 की पहली तिमाही के नतीजे पेश करेगी। राजस्व 5-10 प्रतिशत तक घटकर करीब 72,380 करोड़ रुपये रह जाने का अनुमान है। यहां प्रमुख ब्रोकरों के अनुमानों पर प्रकाश डाला जा रहा है।
रिलायंस सिक्योरिटीज
मुख्य बिक्री सालाना आधार पर 103 प्रतिशत तक बढ़ने लेकिन तिमाही आधार पर 15 प्रतिशत कमजोर रहने का अनुमान है। इसमें जेएलआर की बिक्री सालाना आधार पर 15 प्रतिशत और तिमाही आधार पर 6 प्रतिशत घटने की आशंका जिसका कंपनी के समेकित राजस्व और आय पर प्रभव पड़ेगा।
कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज
मुख्य राजस्व 16 प्रतिशत बिक्री गिरावट और ताजा कीमत वृद्धि के कारण औसत बिक्री कीमत में 1 प्रतिशत की तेजी की वजह से तिमाही आधार पर 15 प्रतिशत घटने का अनुमान है। समेकित आधार पर, राजस्व 5.3 प्रतिशत तक घट सकता है और घरेलू पीवी व्यवसाय द्वारा 6.6 प्रतिशत का एबिटा मार्जिन दर्ज किए जाने का अनुमान है, जो तिमाही आधार पर 20 आधार अंक कम है।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज
कमजोर भौगोलिक समावेश के कारण और रेंज रोवर स्पोर्ट एसयूवी की सुस्त रफ्तार की वजह से पहली तिमाही में टाटा मोटर्स 2,000 करोड़ रुपये का नुकसान दर्ज कर सकती है। सीवी सेगमेंट का मार्जिन बढ़ती उत्पादन लागत की वजह से पिछली तिमाही के मुकाबले घटने की आशंका है। जेएलआर चिप किल्लत के प्रभावित और विपरीत मिश्रण की वजह से मामूली एबिटा नुकसान दर्ज कर सकती है।
आईआईएफएल सिक्योरिटीज
जेएलआर की बिक्री (चीन में संयुक्त उपक्रम को छोड़कर) सालाना आधार पर 15 प्रतिशत और तिमाही आधार पर 6 प्रतिशत घटी है। कमजोर बिक्री के कारणों में चिप किल्लत, रूस-यूक्रेन युद्ध और चीन में लॉकडाउन मुख्य रूप रूप से शामिल थे। स्टैंडएलॉन आधार पर, टाटा मोटर्स 102 प्रतिशत की सालाना बिक्री वृद्धि दर्ज कर सकती है। कुल मिलाकर, ब्रोकरेज का मानना है कि कंपनी के नतीजे कमजोर रहेंगे, क्योंकि जेएलआर और भारतीय व्यवसाय, दोनों पर दबाव रहा है।
मोतीलाल ओसवाल
यात्री वाहन और सीवी खंड में अच्छी तेजी के साथ भारतीय व्यवसाय में सुधार की उम्मीद है। भारतीय व्यवसाय का एबिटा मार्जिन कच्चे माल की कीमतें बढ़ने की वजह से तिमाही आधार पर घटने की आशंका है। चिप किल्लत की वजह से जेएलआर की बिक्री घटेगी।