मौजूदा वित्त वर्ष की दिसंबर तिमाही में मजबूत प्रदर्शन, करीब-करीब हर वर्टिकल के परिदृश्य में सुधार और अनुमान में हुई थोड़ी बढ़ोतरी से रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर की कीमतों को सहारा मिलने की उम्मीद है। देश की सबसे मूल्यवान कंपनी ने परिचालन लाभ के मोर्चे पर बाजार के अनुमानों को मात दे दी, जिसे खुदरा, तेल से लेकर केमिकल और अपस्ट्रीम सेगमेंटों से तीसरी तिमाही में सहारा मिला। 30,000 करोड़ रुपये से कम वाला यह मानक क्रमिक आधार पर 14 फीसदी ऊपर रहा और आमसहमति वाले अनुमानों को 4 फीसदी से ज्यादा से मात दी। यह प्रदर्शन आने वाले समय में और बेहतर हो सकता है।
जेपी मॉर्गन के पिनाकिन पारिख ने कहा, रिफाइनिंग में लगातार आ रही मजबूती, गैस की ऊंची कीमतें और दूरसंचार में टैरिफ बढ़ोतरी से हम उम्मीद कर रहे हैं कि परिचालन आय में आगे और बढ़ोतरी होगी।
सुधरे हुए इस परिदृश्य का यह भी मतलब है कि मौजूदा स्तर से गिरावट का मामला सीमित रहेगा जबकि कई ब्रोकरेज फर्मों ने अपने-अपने अनुमानों में थोड़ा बदलाव किया है या फिर पुराने अनुमानों पर टिके हुए हैं।
जेफरीज इंडिया ने वित्त वर्ष 22 के आय अनुमानों को अपरिवर्तित रखा है और उम्मीद कर रही है कि वित्त वर्ष 22-24 की अवधि में समायोजित एकीकृत आय प्रति शेयर 22 फीसदी से ज्यादा बढ़ेगी, जिसकी अगुआई खुदरा में सालाना 33 फीसदी की बढ़त और दूरसंचार वर्टिकल में 22 फीसदी की बढ़ोतरी करेगा।
भास्कर चक्रवर्ती की अगुआई में ब्रोकरेज के विश्लेषकों का मानना है कि शेयर का कमजोर प्रदर्शन (कैलेंडर वर्ष 2021 में निफ्टी के मुकाबले 5 फीसदी कम रिटर्न) पलट सकता है और ब्रोकरेज ने इस शेयर की खरीद पर अपनी राय एक बार फिर दोहराई है और लक्षित कीमत 2,950 रुपये बताई है, जो मौजूदा स्तर से 20 फीसदी ज्यादा है।
सुधरा हुआ परिदृश्य सामान्य तौर पर तीव्र अपग्रेड और ज्यादा लक्षित कीमत के बाद देखने को मिलती है, ऐसे में आरआईएल के शेयर की दोबारा रेटिंग तब तक नहीं देखने को मिल सकती हैजब तक कि कंपनी उच्च अनुमानों के करीब नहीं पहुंचती।
पारिख ने कहा, 2022-23 के उच्च अनुमानों को देखते हुए उन्नत वाला चक्र अभी थोड़ी दूर है (अंतर्निहित परिचालन लाभ की दर 34,500 करोड़ रुपये के मुकाबले तीसरी तिमाही (वित्त वर्ष 22) का स्तर 29,700 करोड़ रुपये रहा)।
ब्रोकरेज ने वित्त वर्ष 22-23 के लिए अपना अनुमान अभी बरकरार रखा है क्योंकि वह सकल रिफाइनिंग मार्जिन में मजबूती, स्थिर पेट्रोकेमिकल और दूरसंचार व खुदरा क्षेत्रों में मजबूत प्रदर्शन की उम्मीद कर रही है।
इन कारोबारों की क्षमता व ऊपर बढऩे की उम्मीद से हर कोई वाकिफ है, लेकिन बढ़त को लेकर बदलाव और आय अनुमान नए ऊर्जा कारोबार की प्रगति पर निर्भर करेगा। कंपनी सोलर व ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में कई साझेदारी व अधिग्रहण की और बढ़ी है और जामनगर गुजरात में गीगाफैक्टरीज लगा रही है।
इस मोर्चे पर प्रगति या अन्य संकेतकों मसलन खदरा व दूरसंचार कारोबारों की सूचीबद्धता और ओ2सी वर्टिकल में नए निवेशक आने में वक्त लग सकता है, ऐसे में अल्पावधि का लाभ तीसरी तिमाही के उम्दा प्रदर्शन को बनाए रकने की कंपनी की क्षमता पर निर्भर करेगा, खास तौर से खुदरा व ओ2सी में, साथ ही दूरसंचार क्षेत्र में ग्राहक में होने वाले बदलाव पर नजर रखनी होगी।
खुदरा कारोबार का प्रदर्शन अच्छा रहा और राजस्व में क्रमिक आधार पर 27 फीसदी की बढ़ोतरी हुई और निचले आधार के चलते यह रिकॉर्ड 57,700 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
कुल मिलाकर स्टोर के सामान्य स्थिति में पहुंचने और तिमाही में 837 नए स्टोर जोडऩे से बढ़त देखने को मिली और त्योहारी संबंधी मांग के कारण लोगों का स्टोर तक पहुंचना 95 फीसदी पर आ गया। फैशन व लाइफस्टाइल सेगमेंट ने सबसे ऊंचा तिमाही राजस्व दर्ज किया, जो एक साल पहले के आंकड़ों के मुकाबले दोगुना रहा। परिचालन लाभ क्रमिक आधार पर 31 फीसदी ज्यादा रहा और मार्जिन 90 आधार अंक बढ़कर 7 फीसदी पर पहुंच गया। कंपनी हर फॉर्मेट व क्षेत्र में विस्तार करना चाहती है, ऐसे में विश्लेषकों का मानना है कि कोरोना के नए वैरिएंट के कारण पैदा हुए अवरोध से मौजूदा तिमाही में कंपनी का प्रदर्शन प्रभावित हो सकता है।
ओ2सी कारोबार का प्रदर्शन मिलाजुला रहा और रिफाइनिंग क्षेत्र का प्रदर्शन सुधरा जबकि पेट्रोकेमिकल क्षेत्र में थोड़ी नरमी रही। रिफाइनिंग मार्जिन क्रमिक आधार पर सुधरा क्योंकि दिसंबर तिमाही में वैश्विक तेल की मांग बढ़ी और चीन का निर्यात सीमित रहा।
पेट्रोकेमिकल का वॉल्यूम कमजोर देसी व चीन के नए साल की मांग के कारण घटा। रिफाइनिंग मार्जिन मजबूत बने रहने की संभावना है, जिसे आपूर्ति के कई संकेतकों से सहारा मिलेगा, लेकिन पेट्रोकेमिकल का लाभ मौजूदा साल की पहली छमाही मेंं दबाव में रह सकता है।
तिमाही में दूरसंचार क्षेत्र में निराशा देखने को मिली औरलगातार दूसरी तिमाही में ग्राहकों में बदलाव जारी रहा। 110 लाख ग्राहक नुकसान जुलाई-सितंबर तिमाही में रहने के बाद देश की सबसे बड़ी दूरसंचार सेवा कंपनी ने दिसंबर तिमाही में 85 लाख ग्राहक गंवाए, जिसकी वजह सिम का एकीकरण है।
कुल राजस्व और औसत राजस्व प्रति ग्राहक (एआरपीयू) में इजाफा हुआ क्योंंकि टैरिफ में बढ़ोतरी हुई, लेकिन ग्राहक नुकसान कम एपीआरयू श्रेणी में हुआ और फिक्स्ड ब्रॉडबैंड बिजनेस में ज्यादा जुड़ाव देखने को मिला।