अमेरिका में मुद्रास्फीति के आंकड़े अनुमान से कम रहे, जिसके कारण इस साल वहां ब्याज दर में कम से कम दो दफा कटौती की आस जग गई है। इसका असर भारतीय शेयर बाजार पर भी दिखा और दोनों बेंचमार्क सूचकांक आज करीब 1 फीसदी बढ़त पर बंद हुए।
उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में सेंसेक्स 677 अंक की तेजी के साथ 73,664 पर बंद हुआ। निफ्टी भी 203 अंक चढ़कर 22,404 पर बंद हुआ। 29 अप्रैल के बाद दोनों सूचकांकों में एक दिन की यह सबसे बड़ी उछाल है।
अमेरिकी मुद्रास्फीति के आंकड़े नरम रहने से निवेशकों का हौसला बढ़ा है मगर विदेशी फंडों की बिकवाली और चुनाव की अनिश्चितता के कारण कारोबार के दौरान सेंसेक्स उठापटक का शिकार रहा। सूचकांक 72,530 तक गिरा और चढ़कर 73,750 तक पहुंचा।
पिछले कुछ समय से विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक बिकवाली कर रहे हैं मगर आज उन्होंने कम शेयर बेचे। विदेशी निवेशकों ने 777 करोड़ रुपये के शेयर बेचे मगर देसी संस्थागत निवेशकों ने 2,128 करोड़ रुपये के शेयर खरीद डाले, जिससे बाजार में तेजी रही। विदेशी निवेशक इस महीने 28,000 करोड़ रुपये की बिकवाली कर चुके हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि चीन में शेयरों के भाव अनुकूल होने के कारण विदेशी निवेशक भारत से रकम निकालकर वहां लगा रहे हैं। मगर विशेषज्ञों को लगता है कि अमेरिका में मुद्रास्फीति के हालिया आंकड़े उभरते बाजारों के शेयरों के लिए सकारात्मक हो सकते हैं।
अमेरिका में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति मार्च की तुलना में 0.3 फीसदी बढ़ी है। पिछले तीन महीने में पहली बार मुद्रास्फीति के आंकड़े अनुमान से कम रहे हैं। इससे निवेशकों में उम्मीद जगी है कि इस साल कम से कम दो बार दरों में कटौती की जा सकती है।
नोमुरा ने एक नोट में कहा है, ‘हमारे हिसाब से लंबे समय तक ब्याज दरों ऊंची बनी रहने की उभरते बाजारों की चिंता इन आंकड़ों को देखकर थोड़ी कम होनी चाहिए और एशियाई शेयरों को राहत मिलनी चाहिए।’
मार्सेलस इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स के संस्थापक सौरभ मुखर्जी ने कहा, ‘अमेरिका में मुद्रास्फीति कम हो रही है, जिससे अमेरिकी चुनावों से पहले दर में कटौती का रास्ता साफ होगा।’एचडीएफसी बैंक का शेयर 1.5 फीसदी चढ़ा और सेंसेक्स एवं निफ्टी की तेजी में इसने सबसे ज्यादा योगदान दिया। इन्फोसिस में भी 2.3 फीसदी तेजी आई। महिंद्रा ऐंड महिंद्रा, टेक महिंद्रा और एयरटेल में भी अच्छी तेजी रही।