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Stock Market Update: फिर लाल निशान में आया बाजार, सेंसेक्स 120 अंक गिरा; निफ्टी 22,115 पर, रिलायंस 3% टूटा

Stock Market: सुबह 6:40 बजे, GIFT Nifty फ्यूचर्स 79 अंकों की बढ़त के साथ 22,359 पर ट्रेड करता दिखा, जिससे संकेत मिलता है कि भारतीय बाजार आज ऊपरी स्तर पर खुल सकते हैं।

Last Updated- March 03, 2025 | 2:47 PM IST
Stock Market
Representative image

Stock Market Update, March 3: हफ्ते के पहले ट्रेडिंग सेशन यानी सोमवार (3 मार्च) को घरेलू शेयर बाजार हरे निशान के बाद वापस लाल निशान में फिसल गया। वैश्विक बाजारों में तेजी के रुख बावजूद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प की टैरिफ घोषणाओं से बाजार में घबराहट बनी हुई है।

तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) आज 200 से ज्यादा अंक चढ़कर 73,427 अंक पर ओपन हुआ। यह 73,649 अंक तक चढ़ गया था। हालांकि, आधे घंटे के बाद यह लाल निशान में फिसल गया। दोपहर 1:15 बजे सेंसेक्स 32.93 अंक या 0.04% चढ़कर 73,231 पर कारोबार कर रहा था।

इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी50 भी मजबूती के साथ 22,194 अंक पर खुला। हालांकि, कुछ ही देर में यह भी लाल निशान में चला गया। लेकिन बाद में हरे निशान में लौट आया। दोपहर 1:18 बजे निफ्टी 31.65 अंक या 0.14% की बढ़त लेकर 22,156.35 पर कारोबार कर रहा था।

इस बीच, फरवरी के मैन्युफैक्चरिंग PMI डेटा, तीसरी तिमाही के GDP आंकड़ों और विदेशी निवेशकों (FIIs) की गतिविधियां बाजार की दिशा तय करेंगी। अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप द्वारा इस सप्ताह घोषित किए जाने वाले नए टैरिफ को लेकर भी निवेशकों की नजर बनी हुई है।

इससे पहले शुक्रवार के सेशन में, सेंसेक्स 1,414 अंक या 1.9% गिरकर 73,198 पर बंद हुआ था, जबकि निफ्टी 420 अंक या 1.9% फिसलकर 22,125 पर बंद हुआ था।

ग्लोबल बाजार से संकेत

एशिया-प्रशांत के शेयर बाजारों में सोमवार को तेजी देखी गई, क्योंकि निवेशक इस सप्ताह अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा घोषित किए जाने वाले टैरिफ योजनाओं को लेकर स्पष्टता का इंतजार कर रहे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, US Commerce Secretary Howard Lutnick ने रविवार को कहा कि मेक्सिको और कनाडा पर लगने वाले टैरिफ अभी ‘परिवर्तनीय’ हैं, यानी प्रस्तावित 25 प्रतिशत से कम भी हो सकते हैं। हालांकि, उन्होंने पुष्टि की कि चीन से आयातित उत्पादों पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क को अंतिम रूप दिया जा चुका है।

इस बीच, चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने राष्ट्रपति ट्रंप के नए टैरिफ प्रस्तावों पर कड़ी आपत्ति जताई और अमेरिका को जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी। मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि यदि अमेरिका अपनी जिद पर अड़ा रहता है, तो चीन अपनी वैध हितों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका को पिछली गलतियों को नहीं दोहराना चाहिए और समानता के आधार पर वार्ता के जरिए समाधान निकालने का सही रास्ता अपनाना चाहिए।

बाजार के प्रदर्शन की बात करें तो जापान का निक्केई इंडेक्स 0.67 प्रतिशत चढ़ा, जबकि व्यापक टॉपिक्स इंडेक्स में 0.75 प्रतिशत की बढ़त देखी गई। ऑस्ट्रेलिया का ASX 200 इंडेक्स भी 0.22 प्रतिशत की तेजी के साथ कारोबार करता दिखा। हालांकि, दक्षिण कोरिया के बाजार सार्वजनिक अवकाश के कारण बंद रहे।

अमेरिकी बाजारों में भी मजबूती देखने को मिली, जहां S&P 500 में 1.59 प्रतिशत, डॉव जोन्स में 1.39 प्रतिशत और नैस्डैक में 1.63 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई। हालांकि, दिन के दौरान अमेरिका और यूक्रेन के बीच रूस-यूक्रेन संकट को लेकर बढ़ते तनाव के कारण बाजार में हल्की गिरावट आई थी, लेकिन इंडेक्स रीबैलेंसिंग और तकनीकी खरीदारी के चलते अंत में बाजार मजबूती के साथ बंद हुए।

बाजार की नजर अब चीन के कैक्सिन/S&P ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग PMI डेटा पर है, जिसे बाद में जारी किया जाएगा। इस डेटा के 50.3 रहने की संभावना जताई जा रही है, जो जनवरी के 50.1 के मुकाबले मामूली बढ़त दर्शाता है।

घरेलू संकेत

भारत की आर्थिक वृद्धि वित्त वर्ष 2024-25 की दिसंबर तिमाही में बढ़कर 6.2% हो गई, जो पिछली तिमाही के 5.6% की वृद्धि से तेज सुधार दर्शाती है। इससे पहले दो तिमाहियों में गिरावट देखी गई थी। हालांकि, पिछली तिमाहियों के आंकड़ों में संशोधन से अर्थशास्त्री भ्रमित हैं। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) ने पूरे वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 6.5% की वृद्धि का अनुमान जताया है, जो जनवरी में अनुमानित 6.4% से थोड़ा अधिक है।

एफपीआई अभी भी सतर्क

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI) भारतीय बाजार में जारी करेक्शन के चलते फिलहाल किनारे हैं। सैमको ग्रुप के सीईओ जीमीत मोदी के अनुसार, एफपीआई निवेशक तब तक भारतीय बाजार में सक्रिय नहीं होंगे जब तक वैल्यूएशन आकर्षक स्तर पर नहीं पहुंचता।

शेयर बाजार में भारी बिकवाली

भारतीय शेयर बाजार में हाल ही में भारी बिकवाली देखी गई, जिससे वैल्यूएशन आठ साल के निचले स्तर पर पहुंच गए हैं। बीएसई सेंसेक्स का ट्रेलिंग प्राइस-टू-अर्निंग (P/E) अनुपात शुक्रवार को गिरकर 20.4x पर आ गया, जो मई 2020 के बाद का सबसे निचला स्तर है। इससे पहले, कोविड-19 के दौरान बाजार में आई गिरावट के चलते यह 19.5x तक पहुंच गया था। निवेशकों की चिंताओं का मुख्य कारण आर्थिक परिस्थितियों और कॉर्पोरेट कमाई को लेकर बनी अनिश्चितता है।

First Published - March 3, 2025 | 8:19 AM IST

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