बेंचमार्क सूचकांक मंगलवार को नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए क्योंकि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक देसी इक्विटी में निवेश जारी रखे हुए हैं।
लगातार छठे कारोबारी सत्र में बढ़ोतरी दर्ज करते हुए निफ्टी-50 में 66 अंक का इजाफा हुआ और यह 19,389 पर बंद हुआ।
सेंसेक्स में लगातार पांचवें कारोबारी सत्र में उछाल दर्ज हुई और यह 274 अंक चढ़कर 65,479 पर बंद हुआ। इंडेक्स ने पिछले पांच कारोबारी सत्रों में 2,509 अंकों की बढ़ोतरी दर्ज की है।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने मंगलवार को 2,134 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे, वहीं देसी संस्थागत निवेशकों ने 785 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। एफपीआई ने पिछले महीने 52,366 करोड़ रुपये का निवेश किया, जो अगस्त 2022 के बाद का सर्वोच्च आंकड़ा है।
देसी संस्थागत निवेशकों में मुख्य रूप से म्युचुअल फंड व बीमा कंपनियां शामिल होती हैं और इन्होंने मंगलवार को 785 करोड़ रुपये की निकासी की। स्टॉक एक्सचेंजों के आंकड़ों से यह जानकारी मिली।
मंगलवार की तेजी को वित्तीय क्षेत्र से सहारा मिला क्योंकि बजाज फाइनैंस व बजाज फिनसर्व ने सेंसेक्स की बढ़त में 172 अंकों का योगदान किया। बजाज फाइनैंस 7.3 फीसदी चढ़कर बंद हुआ जबकि बजाज फिनसर्व में 5.7 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। वित्तीय सेवा दिग्गज की इस घोषणा के बाद बजाज फाइनैंस में बढ़ोतरी दर्ज हुई कि उसकी परिसंपत्तियां जून तिमाही के दौरान 22,700 करोड़ रुपये की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई।
इस साल मार्च के निचले स्तर से निफ्टी व सेंसेक्स करीब 15 फीसदी सुधरे हैं। वित्त वर्ष 24 के लिए यह बढ़त निफ्टी के लिए 12 फीसदी और सेंसेक्स के लिए 10 फीसदी बैठता है।
यूनियन म्युचुअल फंड के सह-प्रमुख (इक्विटी) संजय बेम्बेलकर ने कहा, खास तौर से ब्याज दर, मॉनसून और जीडीपी के मोर्चे पर जोखिम मंद पड़ चुका है। पिछले कुछ वर्षों में भारत ने काफी काम किया है और यह आगामी 5-10 वर्षों में आर्थिक वृद्धि को काफी आगे ले जा सकता है। लगता है कि ये चीजें निवेशक अब समझ रहे हैं।
मिडकैप व स्मॉलकैप शेयरों में मुनाफावसूली देखी गई। बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स 0.05 फीसदी की बढ़त के साथ बंद हुआ जबकि बीएसई मिडकैप इंडेक्स में 0.22 फीसदी की गिरावट आई। बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का संयुक्त बाजार पूंजीकरण बढ़कर 298.6 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो एक दिन पहले 298.2 लाख करोड़ रुपये रहा था।
विशेषज्ञों ने कहा कि ट्रेडरों ने कुछ रकम निकाली क्योंकि हफ्ते भर तक रही तेजी ने महंगे मूल्यांकन को लेकर चिंता बढ़ा दी है।
जियोजित फाइनैंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, बाजार में आशावाद बरकरार है, हालांकि ऊपरी स्तर पर मुनाफावसूली नजर आ रही है क्योंकि हालिया तेजी ने बाजार को ऐतिहासिक तौर पर नई ऊंचाई के दायरे में ला दिया है। बाजार का ध्यान अब पिछड़े हुए क्षेत्र मसलन आईटी, कमोडिटी और पीएसयू बैंक की ओर चला गया है।