Stock Market Closing Bell, 2 September 2025: एशियाई बाजारों में तेजी के बीच भारतीय शेयर बाजार मंगलवार (2 सितंबर) को शुरुआती कारोबार में मजबूती के बाद लाल निशान में बंद हुआ। कल से शुरू हो रही दो दिवसीय जीएसटी परिषद की बैठक से पहले बैंकिंग और फार्मास्युटिकल शेयरों में गिरावट के कारण बाजार में गिरावट आई। अमेरिकी टैरिफ में किसी तरह राहत की उम्मीद कम होने के साथ फार्मा स्टॉक्स में बिकवाली देखी गई।
साथ ही राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के ताजा बयान ने भी निवेशकों की चिंता बढ़ा दी है। ट्रंप ने सोमवार को कहा कि भारत ने अमेरिकी सामानों पर टैरिफ “शून्य” करने की पेशकश की थी। लेकिन भारत को यह कदम सालों पहले उठाना चाहिए था।
तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) 150 से ज्यादा अंक चढ़कर 80,520.09 पर खुला। शुरुआती कारोबार में यह 300 से ज्यादा अंक चढ़ गया था। लेकिन अंतिम एक घंटे में बिकवाली हावी हो गई। अंत में यह 206.61 अंक या 0.26 फीसदी फिसलकर 80,157.88 पर बंद हुआ।
इसी तरह, नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी50 (Nifty50) भी बढ़त लेकर 24,653 पर खुला। शुरूआती कारोबार के दौरान यह 24750 के पार चला गया था। लेकिन अंत में यह 45.45 अंक या 0.18 फीसदी गिरकर 24,579.60 पर बंद हुआ।
जियोजित इंवेस्टमेंट्स लिमिटेड में रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा, ”घरेलू शेयर बाजार मजबूत मैक्रो डेटा से मिली शुरुआती बढ़त को बरकरार नहीं रख सके और मुनाफावसूली के चलते गिरावट में बंद हुए। जीएसटी काउंसिल की बैठक और एफएंडओ एक्सपायरी से पहले बाजार में सतर्कता देखने को मिली। इसमें बैंकिंग शेयरों ने सबसे ज्यादा दबाव डाला।”
उन्होंने कहा, ”शुगर स्टॉक्स में एथनॉल (ethanol) नियमों में ढील के चलते जोरदार तेजी रही। जबकि अमेरिकी फेड के नरम रुख से निर्यात आधारित कंपनियों को बढ़त मिली और ट्रेड को लेकर उम्मीद जगी। हालांकि, वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच निवेशक अब भी सतर्क हैं और निकट भविष्य में घरेलू खपत पर नजर बनाए हुए हैं।”
बीएसई की कंपनियों में पावर ग्रिड, एनटीपीसी और टाटा स्टील सबसे ज्यादा बढ़त में रहने वाले शेयरों में रहे। जबकि महिंद्रा एंड महिंद्रा (M&M), आईसीआईसीआई बैंक और एशियन पेंट्स सबसे ज्यादा नुकसान झेलने वाले शेयरों में शामिल थे। इसी तरह एनएसई पर टाटा कंज़्यूमर, नेस्ले और पावर ग्रिड टॉप गेनर्स रहे, जबकि डॉ. रेड्डी, M&M और आईसीआईसीआई बैंक टॉप लूज़र्स में शामिल रहे।
ब्रॉडर इंडेक्स की बात करें तो बाजार दिन के अंत में हरे निशान पर बंद हुए। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 0.27% की बढ़त के साथ बंद हुआ, जबकि स्मॉलकैप इंडेक्स 0.53% ऊपर बंद हुआ।
सेक्टोरल प्रदर्शन में निफ्टी प्राइवेट बैंक 0.7% गिरकर सबसे बड़ा लूज़र रहा। इसके बाद फाइनेंशियल सर्विसेज (0.56% गिरावट), हेल्थकेयर (0.33%) और फार्मा (0.27%) में भी कमजोरी देखी गई। वहीं दूसरी ओर, निफ्टी मीडिया, मेटल, रियल्टी और कंज़्यूमर ड्यूरेबल्स क्रमशः 0.98%, 0.85%, 0.72% और 0.24% की बढ़त के साथ बंद हुए।
एशियाई बाजारों में ज्यादातर तेजी देखी गई। निवेशकों ने तियानजिन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) नेताओं की बैठक के नतीजों को लेकर विचार किया। हालांकि, टैरिफ से जुड़ी अनिश्चितता के कारण निवेश सेंटीमेंट्स पर कुछ हद तक असर पड़ा। यह उस अमेरिकी फेडरल अपील अदालत के फैसले के बाद आया है, जिसमें शुक्रवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए वैश्विक टैरिफ को ज्यादातर अवैध करार दिया गया।
जापान का निक्केई 225 इंडेक्स 0.31 प्रतिशत बढ़ा, जबकि व्यापक टॉपिक्स इंडेक्स में 0.28 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। दक्षिण कोरिया में कोस्पी सूचकांक 0.45 प्रतिशत चढ़ा और छोटे कंपनियों का कोस्डाक इंडेक्स 0.14 प्रतिशत बढ़ा।
अमेरिकी इक्विटी फ्यूचर्स एशियाई बाजारों के शुरुआती कारोबार में ज्यादातर स्थिर रहे। सितंबर की शुरुआत हुई है, जो आमतौर पर शेयर बाजारों के लिए कमजोर महीना माना जाता है। हाल ही में आए एक अदालती फैसले के बाद टैरिफ को लेकर फिर से अनिश्चितता बढ़ गई है। अमेरिका में सोमवार को लेबर डे की छुट्टी के कारण बाजार बंद रहे।