अमेरिकी सीनेट से वित्तीय राहत पैकेज को हरी झंडी मिलने और भारत–अमेरिका परमाणु करार के बावजूद बाजार खुश नहीं हुआ। वैश्विक बाजारों से मिले गिरावट के संकेतों के बीच बंबई स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी, दोनों में भारी बिकवाली का दौर रहा, जिससे बाजार गिरावट के साथ बंद हुए। कारोबार समाप्ति पर सेंसेक्स 529.35 अंक लुढ़क कर 12,526.32 के स्तर पर बंद हुआ। निफ्टी भी 132.45 अंक नीचे 3,818.30 के स्तर पर बंद हुआ। बीएसई के मझोले और छोटे सूचकांकों में भी बिकवाली हावी रही और इसमें करीब 3 फीसदी की गिरावट देखी गई।
सप्ताह के अंतिम कारोबारी सत्र में बीएसई के सभी क्षेत्रीय सूचकांक भारी गिरावट पर रहे। धातु क्षेत्र सूचकांक में 7 फीसदी, जबकि तेल–गैस सूचकांक में करीब 5 फीसदी की कमजोरी दर्ज की गई। बैंकिंग, तकनीक, आईटी, पूंजीगत वस्तु सूचकांक भी 3 फीसदी नीचे बंद हुए। अचल संपत्ति, ऊर्जा और सार्वजनिक क्षेत्र के सूचकांकों में भी करीब 2 फीसदी की नरमी देखी गई। इसके अलावा, फार्मा, वाहन, एफएमसीजी सूचकांकों में गिरावट का रुख रहा।
सेंसेक्स में बढ़ने वाली कंपनियों के शेयरों में रैनबैक्सी प्रमुख रही, जिसके शेयरों में करीब 4 फीसदी का उछाल आया। इसके अलावा, महिंद्रा और हिंदुस्तान यूनिलीवर के शेयरों में भी तेजी का रुख रहा।
अंतरराष्ट्रीय शेयर बाजारों की बात करें, तो वित्तीय संकट की आशंका में गुरुवार को अमेरिकी शेयर बाजारों में गिरावट का रुख रहा। डाऊ जोंस करीब 348 अंक, जबकि नैस्डैक 92 अंक नीचे बंद हुआ। शुक्रवार को एशियाई बाजारों में भी बिकवाली का दौर चला, जिसकी वजह से लगभग सभी प्रमुख बाजारों में गिरावट दर्ज की गई। यूरोपीय बाजारों में भी गिरावट का रुख देखा गया।