facebookmetapixel
नवंबर में भारत से आईफोन का निर्यात 2 अरब डॉलर तक पहुंचा, बना नया रिकार्डएवेरा कैब्स ने 4,000 ब्लू स्मार्ट इलेक्ट्रिक कारें अपने बेड़े में शामिल करने की बनाई योजनाGST बढ़ने के बावजूद भारत में 350 CC से अधिक की प्रीमियम मोटरसाइकल की बढ़ी बिक्रीJPMorgan 30,000 कर्मचारियों के लिए भारत में बनाएगा एशिया का सबसे बड़ा ग्लोबल कैपेसिटी सेंटरIPL Auction 2026: कैमरन ग्रीन बने सबसे महंगे विदेशी खिलाड़ी, KKR ने 25.20 करोड़ रुपये में खरीदानिजी खदानों से कोयला बिक्री पर 50% सीमा हटाने का प्रस्ताव, पुराने स्टॉक को मिलेगा खुला बाजारदूरदराज के हर क्षेत्र को सैटकॉम से जोड़ने का लक्ष्य, वंचित इलाकों तक पहुंचेगी सुविधा: सिंधियारिकॉर्ड निचले स्तर पर रुपया: डॉलर के मुकाबले 91 के पार फिसली भारतीय मुद्रा, निवेशक सतर्कअमेरिका से दूरी का असर: भारत से चीन को होने वाले निर्यात में जबरदस्त तेजी, नवंबर में 90% की हुई बढ़ोतरीICICI Prudential AMC IPO: 39 गुना मिला सब्सक्रिप्शन, निवेशकों ने दिखाया जबरदस्त भरोसा

एसआईपी खाते बंद होने की रफ्तार तेज

Last Updated- December 12, 2022 | 7:10 AM IST

फरवरी में बंद हुई एसआईपी (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) योजनाओं की संख्या बढ़कर 7,89,000 हो गई जो इस वित्त वर्ष में सर्वाधिक है। महीने के दौरान नई योजनाओं के पंजीकरण की संख्या 14.9 लाख रही जो जनवरी में 16.4 लाख रही थी। बाजार प्रतिभागियों ने कहा कि तीन साल की अवधि में कमजोर रिटर्न के मद्देनजर निवेशकों ने अपने खाते को बंद करने का निर्णय लिया होगा।
एक प्रमुख फंड हाउस के सीईओ ने कहा, ‘कई निवेशकों ने तीन साल पहले एसआईपी के जरिये स्मॉल कैप योजनाओं में निवेश करना शुरू कर दिया था लेकिन बाजार में तेजी के बावजूद उन्हें महज एक अंक में ही रिटर्न हासिल हुआ। एसआईपी से रकम निकाले जाने का एक कारण यह भी हो सकता है। कई निवेशक बाजार में सुधार होने के बाद निवेश शुरू करने के इंतजार में हैं।’
वैल्यू रिसर्च के आंकड़ों से पता चलता है कि स्मॉल कैप फंडों के लिए एक साल का औसत रिटर्न 56 फीसदी रहा जबकि तीन साल की अवधि में यह रिटर्न घटकर 8 फीसदी रह गया। फरवरी में एसआईपी के जरिये कुल निवेश करीब 500 करोड़ रुपये का रहा जो जनवरी के मुकाबले कम है। इक्विटी केंद्रित योजनाओं को लगातार निकासी का दबाव झेलना पड़ रहा है और लगातार आठवें महीने फरवरी में 4,534 करोड़ रुपये की निकासी की गई।
चालू वित्त वर्ष में अब तक कुल 79 लाख एसआईपी खाते बंद हो चुके हैं। इसमें एसआईपी के अधूरे खाते और अपनी अवधि पूरी न करने वाले खाते भी शामिल हैं। दूसरी ओर, साल के दौरान 1.246 करोड़ नए एसआईपी खाते पंजीकृत हुए। इस प्रकार साल के दौरान शुद्ध रूप से 45.6 लाख नए खाते जुड़े।
एसआईपी एक निवेश तकनीक है जिसमें निवेशक हर महीने एक निश्चित राशि का निवेश करता है। इसमें निवेशक को एकमुश्त बड़ी राशि का निवेश नहीं करना पड़ता है। इससे 31.6 लाख करोड़ रुपये के म्युचुअल फंड उद्योग को उल्लेखनीय परिसंपत्ति एकत्रित करने में मदद मिली है। फरवरी में एसआईपी योजनाओं के तहत 4.21 लाख करोड़ रुपये की प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियां थीं।
कुछ लोगों का मानना है कि मौजूदा परिस्थितियों में अधिक मूल्यांकन के कारण भी निवेशक दांव लगाने से परहेज कर रहे होंगे।
मोतीलाल ओसवाल ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी के प्रमुख (बिक्री एवं वितरण) अखिल चतुर्वेदी ने इक्विटी योजनाओं से निकासी के बारे में कहा, ‘बाजार में कुद सार्थक सुदृढीकरण से भी निवेशक वापस आ सकते हैं और किसी स्तर पर नए सिरे से दांव लगा सकते हैं। लेकिन मूल्यांकन को लेकर सामान्य तौर पर चिंता बरकरार है। मौजूदा तेजी संभवत: वास्तविक नहीं है और इसलिए निवेशक फिलहाल कुछ समय को टालना चाहते हैं।’
फरवरी के दौरान बाजार में करीब 13 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई। सेंसेक्स 52,154 और निफ्टी 15,315 अंकों के सर्वकालिक ऊंचाई पर पहुंच गए। फिलहाल ये सूचकांक अपनी रिकॉर्ड ऊंचाई से महज 2 फीसदी नीचे है।

First Published - March 11, 2021 | 11:37 PM IST

संबंधित पोस्ट