हाल में महीनों में मोबाइल के जरिये खरीद-फरोख्त में काफी तेजी दर्ज की गई है। जुलाई में नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर नकदी बाजार के कुल लेनदेन में मोबाइल फोन के जरिये की गई ट्रेडिंग की हिस्सेदारी करीब एक चौथाई रही।
बाजार के आकलन के अनुसार, जुलाई में एनएसई पर मोबाइल आधारित ट्रेडिंग की हिस्स्सेदारी 24.47 फीसदी रही जबकि इससे पिछले महीने यह आंकड़ा 23.4 फीसदी रहा था। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर मोबाइल आधारित ट्रेडिंग की हिस्स्सेदारी बढ़कर जुलाई में 17.24 फीसदी हो गई जो जून में 11 फीसदी रही थी। बाजार प्रतिभागियों का कहना है कि इसका एक प्रमुख कारण लॉकडाउन के कारण कर्मचारियों की सीमित उपलब्धता हो सकता है।
सैमको सिक्योरिटीज के संस्थापक एवं सीईओ जिमीत मोदी ने कहा, ‘डीलरों के जरिये आने वाले वॉल्यूम लॉकडाउन के दौरान मोबाइल इंटरफेस की ओर रुख कर गया। इससे पहले ग्राहक डीलरों की मदद से ब्रोकरों के सीटीसीएल सिस्टम के जरिये ऑर्डर देने में समर्थ थे।’ सीटीसीएल कंप्यूटर से कंप्यूटर लिंक नेटवर्क है जिसका इस्तेमाल ब्रोकरेज के डीलरों द्वारा किया जाता है।
अपस्टॉक्स के सह-संस्थापक एवं सीईओ रवि कुमार ने कहा, ‘जनवरी से मार्च तिमाही के मुकाबले अप्रैल से जून तिमाही के दौरान नकदी श्रेणी में स्मार्टफोन के जरिये लेनदेन में 21 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई।’ एनएसई पर मोबाइल आधारित लेनदेन की हिस्सेदारी केवल को-लोकेशन के जरिये हुए लेनदेन से कम रही। को-लोकेशन सुविधा का इस्तेमाल आमतौर पर संस्थागत निवेशकों और हाई-फ्रीक्वेंसी ट्रेडरों द्वारा किया जाता है जो एक्सचेंज पर बड़े आकार के खरीद-फरोख्त करते हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि शेयर बाजार में छोटे शहरों से लोगों की दिलचस्पी बढ़ रही है। एडलवाइस वेल्थ मैनेजमेंट के प्रमुख राहुल जैन ने कहा, ‘छोटे शहरों से मोबाइल आधारित खरीद-फरोख्त में हमें काफी तेजी दिख रही है। इन शहरों के ग्राहक बाजार में ऑर्डर देने के लिए मोबाइल इंटरफेस का काफी इस्तेमाल कर रहे हैं।’
एडलवाइस वेल्थ मैनेजमेंट की मोबाइल ट्रेडिंग ऐप- एडलवाइस मोबाइल ट्रेडर- के उपयोगिता आधार पर में जून तिमाही के दौरान पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 65 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। करीब 58 फीसदी सक्रिय उपयोगकर्ता छोटे शहरों के थे। इससे पता चलता है कि छोटे शहरों एवं कस्बों से निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ रही है। इसके अलावा शेयर बाजार में मिलेनियल्स के आगमन से भी मोबाइल आधारित लेनदेन को रफ्तार मिली है।
तकनीकी पर केंद्रित ब्रोकरेज फायर्स के संस्थापक एवं सीईओ तेजस खोडे ने कहा, ‘मिलेनियल्स और जेन-जेड के बीच मोबाइल आधारित ट्रेडिंग की मांग बढ़ रही है जो पहली बार के निवेशक हैं।’ फायर्स ने लॉकडाउन के दौरान कारोबार में 40 फीसदी की वृद्धि दर्ज की।