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जो​खिम भरी उड़ान पर सवार smallcap फंड, हर 15 दिन में शेयर करनी होगी स्ट्रेस टेस्ट रिपोर्ट

स्मॉलकैप फंड पोर्टफोलियो में शामिल शेयरों की संख्या पिछले साल तेजी से बढ़ी, क्योंकि फंड प्रबंधकों ने बढ़ते मूल्यांकन और निवेश में तेजी के बीच इन पर अपना दांव बढ़ाया।

Last Updated- March 15, 2024 | 11:49 PM IST
जो​खिम भरी उड़ान पर सवार स्मॉलकैप फंड, हर 15 दिन में शेयर करना होगा स्ट्रेस टेस्ट रिपोर्ट, Small cap fund on risky flight, will have to share stress test report every 15 days

स्मॉलकैप फंड पोर्टफोलियो में शामिल शेयरों की संख्या पिछले साल तेजी से बढ़ी, क्योंकि फंड प्रबंधकों ने बढ़ते मूल्यांकन और निवेश में तेजी के बीच इन पर अपना दांव बढ़ाया। शीर्ष पांच स्मॉलकैप योजनाओं के विश्लेषण से पता चलता है कि उनके पास इस समय औसतन 105 शेयर हैं जबकि जनवरी 2023 के अंत तक यह आंकड़ा 89 था।

45,000 करोड़ रुपये की एयूएम के साथ इस श्रेणी में सबसे बड़े फंड निप्पॉन इंडिया स्मॉलकैप फंड ने करीब 205 कंपनियों में पैसा लगा रखा है। एक साल पहले यह संख्या 167 थी। परिणामस्वरूप इस फंड में मौजूद हरेक शेयर के लिए औसत निवेश आवंटन घटा है जबकि उसकी एयूएम पिछले साल में करीब दोगुनी हो गई।

ऐ​क्सिस स्मॉलकैप फंड के मामले में शेयरों की संख्या पिछले साल में करीब 20 तक बढ़ गई। जनवरी 2024 तक इस फंड का निवेश करीब 100 शेयरों में था।

ऐ​क्सिस म्युचुअल फंड के इक्विटी प्रमुख श्रेयश देवलकर ने कहा, ‘आय में सुधार दर्ज करने वाले क्षेत्रों और कंपनियों की संख्या पिछले वर्ष के दौरान बढ़ी। इसकी वजह से शेयरों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। मिडकैप और स्मॉलकैप की तुलना में सापेक्ष रिस्क/रिवार्ड के आधार पर सेगमेंट में अवसरों के आधार पर लार्जकैप में निवेश भी बढ़ा है।’

कई स्मॉलकैप शेयरों का मूल्यांकन उनके दीर्घावधि औसत के पार पहुंच गया, जिससे फंड हाउसों ने अपने पोर्टफोलियो में जो​खिम घटाने के उपाय किए हैं। इन उपायों में नकदी बढ़ाना, लार्जकैप और मिडकैप शेयरों के लिए निवेश का बड़ा हिस्सा आवंटित करना और यहां तक कि निवेशकों द्वारा हर महीने दी जाने वाली राशि पर सीमाएं लगाना भी शामिल है।

निफ्टी स्मॉलकैप 100 सूचकांक पिछले साल में 66 प्रतिशत तक चढ़ा। सूचकांक का पीई अनुपात 17.1 गुना के पांच वर्षीय औसत के मुकाबले बढ़कर 20.8 गुना पर पहुंच गया।

स्मॉलकैप योजनाएं नियामक की जांच के दायरे में हैं, क्योंकि उनमें आई भारी तेजी के बाद मूल्यांकन की चिंताओं के बावजूद वे निवेशकों की पसंदीदा एमएफ विकल्प बनी रहीं।

उद्योग संगठन एम्फी को भेजे पत्र में पिछले सप्ताह नियामक ने खासकर स्मॉलकैप और मिडकैप फंड निवेशकों के लिए निवेशक सुरक्षा व्यवस्था की जरूरत पर जोर दिया था। म्युचुअल फंडों से खुलासे बढ़ाने को भी कहा गया है। उन्हें अब हर 15 दिन में स्मॉलकैप और मिडकैप योजनाओं की स्ट्रेस टेस्ट रिपोर्ट साझा करनी होंगी।

जियोजित फाइनैंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, यह रुझान बरकरार रहने की संभावना है।

First Published - March 15, 2024 | 10:21 PM IST

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