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लार्जकैप के मुकाबले स्मॉलकैप व मिडकैप फंडों का प्रदर्शन उम्दा

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 15, 2022 | 3:08 AM IST

स्मॉल और मिडकैप फंडों ने लार्जकैप के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन शुरू कर दिया है और इस तरह से म्युचुअल फंड के निवेशकों को कुछ राहत दी है, जिन्होंने लंबे समय तक कमजोर प्रदर्शन के बावजूद उनमें अपना निवेश बरकरार रखा है। तीन महीने की अवधि में स्मॉलकैप फंडों में 37.9 फीसदी का रिटर्न दिया है, वहीं मिडकैप फंडों का रिटर्न 29.9 फीसदी रहा है। यह जानकारी वैल्यू रिसर्च के आंकड़ों से मिली। इस अवधि में लार्जकैप फंडों में 26.3 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज हुई है।
विश्लेषकों ने कहा कि रिटर्न में हुई हालिया बढ़ोतरी के बावजूद निवेशक मिडकैव व स्मॉलकैप फंडों में नए निवेश पर विचार कर सकते हैं। मुंबई के एक एमएफ वितरक आर. देसाई ने कहा, मूल्यांकन के लिहाज से लार्जकैप के मुकाबले मिड व स्मॉलकैप आकर्षक हैं। तेजी के बावजूद मिड व स्मॉलकैप इंडेक्स अपने सर्वोच्च स्तर से क्रमश: 22 व 41 फीसदी नीचे है। यह स्पष्ट तौर पर बताता है कि उनमें बढ़त की और गुंजाइश है। उन्होंने कहा, छह से साल साल के निवेश नजरिया और ज्यादा जोखिम उठाने की इच्छा रखने वालों की लार्जकैप के मुकाबले इस क्षेत्र में काफी परिसंपत्ति सृजित हो सकती है। अभी लार्जकैप के मुकाबले मिडकैप व स्मॉलकैप का प्रीमियम लंबी अवधि के औसत से नीचे है।
23 मार्च के निचले स्तर से मिडकैप व लार्जकैप फंड श्रेणियों ने औसतन 46 फीसदी रिटर्न दिया है। हालांकि स्मॉलकैप फंडों ने इस अवधि में 51.9 फीसदी रिटर्न दिया है। विश्लेषकों ने कहा कि स्मॉल व मिडकैप की दोबारा रेटिंग हो सकती है। मॉर्गन स्टैनली के विश्लेषकों ने एक नोट में कहा है, स्मॉल व मिडकैप शेयरों का मूल्यांकन ज्यादा आकर्षक नजर आ रहा है। ऐसे में अगर बढ़त का परिदृश्य सुधरता है तो उनकी दोबारा रेटिंग हो सकती है और हमें लगता है कि बढ़त का परिदृश्य सुधरेगा।
सैपिएंट वेल्थ के संस्थापक व निदेशक अमित बिवालकर ने कहा, बाजार की तेजी मोटे तौर पर नकदी के कारण है, ऐसे में निवेशकों को अपनी परिसंपत्ति आवंटन की रणनीति से चिपके रहना चाहिए और मिडकैप व स्मॉलकैप में आंशिक आवंटन करना चाहिए ताकि लंबी अवधि में इससे लाभ अर्जित करने में मदद मिले।
देसाई ने कहा, चूंकि बाजार की तेजी नकदी के कारण है, ऐसे में हम मिड व स्मॉलकैप में कुछ गिरावट देख सकते हैं। ऐसे में निवेशकोंं को अपने आवंटन का आधा ही लगाना चाहिए और बैकी दो या तीन महीने में चरणबद्ध तरीके से लगाना चाहिए। पिछले दो साल में मिडकैप व स्मॉलकैप फंड रिटर्न के मामले में लार्जकैप से पिछड़ गए थे और बेंचमार्क इंडेक्स के चुनिंदा शेयर बाजार को आगे बढ़ा रहे थे।
साल 2019 में मिडकैप में 2.8 फीसदी की बढ़ोतरी हुई जबकि स्मॉलकैप फंड औसतन 1.5 फीसदी के नुकसान के साथ रहे। उसी साल लार्जकैप फंडों ने 10.5 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की थी। साल 2018 में मिड व स्मॉलकैप फंडों ने क्रमश: 12.16 फीसदी व 18.6 फीसदी नुकसान दर्ज किया था, वहीं लार्जकैप फंड 1.1 फीसदी की मामूली बढ़त के साथ रहा।

First Published : August 22, 2020 | 12:05 AM IST