सभी अहम शेयर सूचकांकों में हुई शॉर्ट कवरिंग से एस एंड पी सीएनएक्स निफ्टी कारोबारी दिवस में 3329 के अपने सबसे निचले स्तर से करीब 200 अंक के सुधार के साथ 3513 पर बंद हुआ।
निफ्टी अक्टूबर फ्यूचर्स भी निचले स्तर पर हुई शॉर्ट कवरिंग के कारण 3352 से मजबूत होकर 3553 पर पहुंचा। ब्लूमबर्ग के आंकड़े बताते हैं कि वायदा और विकल्प कारोबारी सुबह के सत्र में शॉर्टिंग कर रहे थे। बाद में दोपहर सत्र में उन्होंने शॉर्ट पोजीशन कवर की।
रिलायंस इंडस्ट्रीज, आईसीआईसीआई बैंक, लॉर्सन एंड ट्रूबो, इंफोसिस टेक्नोलॉजी, एचडीएफसी बैंक, रिलायंस कम्युनिकेशन भारती जैसी अहम कंपनियों के शेयरों में 5-10 फीसदी की गिरावट के बाद के स्टॉक फ्यूचर्स में शॉर्ट कवरिंग देखने को मिली।
रिलायंस उद्योग के शेयरों का कारोबारी वॉल्यूम 1665 करोड़ का होने के बाद भी इसके ओपन इंट्रेस्ट में मामूली बढ़ोतरी हुई। हालांकि यह शेयर 1520 रुपये के सबसे निचले स्तर से चढ़कर 1671 रुपये पर पहुंचा। यह शॉर्ट कवरिंग का संकेत है।
3600-3800 के भाव पर वायदा और विकल्प के कारोबारी कॉल आप्शन की खरीद करते देखे गए जबकि 4000-4200 के भाव पर कॉल आप्शन में शॉर्ट कवरिंग देखने को मिली। यह इस बात का संकेत है कि कुछ खिलाड़ी इंडेक्स फ्यूचर्स में 3600-3800 के भाव पर कॉल ऑप्शन की खरीदकर शॉर्ट पोजीशन कवर कर रहे हैं।
दूसरे खिलाड़ी 4000-4200 के भाव कॉल आप्शन में अपनी शॉर्ट पोजीशन कवर कर रहे हैं। 3500-3700 के भाव पर पुट विकल्प में में शार्ट पोजीशन कवर हुई। क्योंकि इस स्तर ओपन इंट्रेस्ट 5-10 फीसदी कम हुआ। हालांकि कारोबारी वाल्यूम में तेजी से इजाफा हुआ।
एंजल ब्रोकिंग में इक्विटी और डेरिवेटिव विश्लेषक सिध्दार्थ भामरे ने बताया कि यह संभव है कि कुछ विकल्प के कारोबारी या तो मुनाफा बुक कर रहे हैं या फिर बाजार में बढ़ती अस्थिरता के कारण नुकसान उठा रहे हैं। हालांकि शुक्रवार को जब बाजार खुलेगा तब ऊंचे स्तर पर वायदा और विकल्प कारोबारियों द्वारा की गई शॉर्ट कवरिंग को बाजार के लिए अच्छा ही रहेगा।
यह इसलिए हुआ क्योंकि वित्तीय संकट के प्रभाव को कम करने के लिए फेडरल रिजर्व, यूरोपीयन सेंट्रल बैंक और चार अन्य केंद्रीय बैंकों ने तत्काल आपस में समन्वय कर ब्याज दरों में 0.5 फीसदी की कटौती की घोषणा की थी। यह घोषणा कारोबार के दौरान की गई थी।