Wipro Share Price: आईटी सेक्टर की कंपनी विप्रो के शेयर शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में 4 फीसदी से ज्यादा टूट गए। कंपनी के शेयरों में यह गिरावट सितंबर तिमाही के मिलेजुले नतीजों के चलते देखने को मिली। सितंबर तिमाही में कंपनी का नेट लाभ 3,246 करोड़ रुपये रहा। यह पिछले वर्ष की इसी तिमाही के 3,208.8 करोड़ रुपये के मुकाबले 1.15 प्रतिशत ज्यादा है। हालांकि, यह उम्मीदों से कम रहा। ब्लूमबर्ग ने रेवेन्यू 22,688 करोड़ रुपये और शुद्ध लाभ 3,278 करोड़ रुपये रहने का अनुमान जताया था।
शेयर में जारी गिरावट के बीच ब्रोकरेज कंपनियों ने स्टॉक पर अपना नजरिया जारी कर दिया है। ब्रोकरेज का कहना है कि विप्रो का रेवेन्यू और मार्जिन प्रदर्शन उम्मीदों के अनुरूप रहा। लेकिन लगातार सौदों की गति के बावजूद राजस्व में तेजी अभी दिखाई नहीं दे रही है।
मोतीलाल ओसवाल ने विप्रो (Wipro) पर अपनी ‘SELL’ रेटिंग को बरकरार रखा है। साथ ही स्टॉक पर 200 रुपये का टारगेट प्राइस दिया है। यह शेयर में मौजदा भाव से 20 फीसदी से ज्यादा की गिरावट दर्शाता है।
ब्रोकरेज का कहना है कि विप्रो का राजस्व और मार्जिन प्रदर्शन उम्मीदों के अनुरूप रहा। लेकिन लगातार सौदों की गति के बावजूद राजस्व में तेजी अभी भी दिखाई नहीं दे रही है। कंपनी के लिए वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए निष्पादन (execution) महत्वपूर्ण रहेगा। जबकि बैंकिंग, वित्तीय सेवाओं और बीमा (BFSI) खंड तथा यूरोप क्षेत्र में स्थिरता के शुरुआती संकेत दिख रहे हैं।
ब्रोकरेज हाउस ने यह भी कहा कि बड़े सौदों के एग्जीक्यूशन में देरी और वेंडर कंसोलिडेशन कार्यक्रमों में प्राइस तय करने के दबाव के कारण शॉर्ट टर्म में मार्जिन पर असर पड़ सकता है। इससे मौजूदा स्तरों से बढ़त की संभावनाएं सीमित रहेंगी। कंपनी के लिए वित्त वर्ष 2025-26 में स्थिर मुद्रा (constant-currency) आधार पर रेवेन्यू वृद्धि लगभग सपाट रहने की उम्मीद है। इसमें शुरुआती सुस्ती, अगले दो तिमाहियों के लिए कमजोर मार्गदर्शन और दूसरी छमाही में धीरे-धीरे सुधार को ध्यान में रखा गया है।
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नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने विप्रो पर अपनी ‘BUY‘ रेटिंग को बरकरार रखा है। ब्रोकरेज ने स्टॉक पर 280 रुपये का टारगेट प्राइस दिया है। इस तरह, शेयर 10 फीसदी से ज्यादा का रिटर्न दे सकता है।
ब्रोकरेज के अनुसार, विप्रो की ग्रोथ संभावनाओं में सुधार हो रहा है। वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही में कंपनी का प्रदर्शन ज्यादातर मानकों पर बेहतर रहा। ब्रोकरेज का मानना है कि बड़े सौदों के समय पर एग्जीक्यूशन और मजबूत डील पाइपलाइन से वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी छमाही से रेवेन्यू वृद्धि में सुधार देखने को मिलेगा।
नोमुरा ने वित्त वर्ष 2025-26 में डॉलर के आधार पर रेवेन्यू ग्रिवथ -0.8 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2027 में +2.9 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। इसके अलावा, ब्रोकरेज ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए कंपनी का ईबिट (EBIT) मार्जिन अनुमान 70 बेसिस पॉइंट बढ़ा दिया है।
चॉइस इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने विप्रो पर अपनी रेटिंग को अपग्रेड कर ‘ADD’ कर दिया है। साथ ही स्टॉक पर टारगेट प्राइस बढ़ाकर 285 रुपये कर दिया है। पहले यह 252 रुपये था। इस तरह, शेयर 12 फीसदी से ज्यादा का रिटर्न दे सकता है।
ब्रोकरेज ने कहा कि विप्रो का आउटलुक सुधार के संकेत दिखा रहा है। यह कंपनी के Q2FY26E रेवेन्यू गाइडेंस में भी दिख रहा है। हमारा मानना है कि नई नेतृत्व टीम बेहतर निष्पादन (execution) को प्रोत्साहित करने की स्थिति में होगी। ऐसा इसलिए क्योंकि बड़े सौदों में विस्तार देखने को मिल रहा है और पाइपलाइन मजबूत बनी हुई है।
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कंपनी का सितंबर तिमाही में ऑपरेशन से रेवेन्यू बढ़कर 22,697.3 करोड़ रुपये हो गया, जो सालाना आधार पर 1.7 प्रतिशत और तिमाही रूप से लगभग 2.5 प्रतिशत की वृद्धि है। सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) सेवा सेगमेंट से राजस्व 260.43 करोड़ डॉलर रहा, जिसमें इस तिमाही में कंपनी द्वारा पूरे किए गए कुछ बड़े सौदों का योगदान शामिल है।
ब्लूमबर्ग के अनुमानों के अनुसार, विप्रो का दूसरी तिमाही का प्रदर्शन राजस्व के मामले में तो बेहतर रहा, लेकिन कंपनी का शुद्ध लाभ अनुमान से कम रहा। ब्लूमबर्ग ने राजस्व 22,688 करोड़ रुपये और शुद्ध लाभ 3,278 करोड़ रुपये रहने का अनुमान जताया था।
जुलाई-सितंबर तिमाही में विप्रो की बड़ी डील बुकिंग 2.9 अरब डॉलर रही, जो पिछले साल की तुलना में 90.5 प्रतिशत की वृद्धि है, जबकि कुल डील बुकिंग 4.7 अरब डॉलर रही। बड़ी डील बुकिंग वे सौदे हैं जिनका कुल अनुबंध मूल्य 3 करोड़ डॉलर या उससे अधिक होता है।
(डिस्क्लेमर: यहां शेयर में निवेश की सलाह ब्रोकरेज ने दी है। बाजार में निवेश जोमिखों के अधीन है। निवेश संबंधी फैसला करने से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें।)