प्रतीकात्मक तस्वीर
देश की सबसे बड़ी सौर पैनल निर्माता कंपनी वारी एनर्जीज के शेयरों में शुक्रवार को करीब 7 फीसदी की गिरावट आई। इसकी वजह चीन और अन्य दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों से सौर सेल पर एंटी-डंपिंग और प्रतिपूरक शुल्कों (काउंटरवेलिंग ड्यूटी) की चोरी की आशंका पर अमेरिका की जांच है।
एक समाचार एजेंसी को प्राप्त सार्वजनिक नोटिस के अनुसार, अमेरिकी सीमा शुल्क और सीमा सुरक्षा ने वारी और वारी सोलर अमेरिकाज इंक. की औपचारिक जांच शुरू कर दी है और अंतरिम उपाय लागू कर दिए हैं क्योंकि इस बात का उचित शक है कि कंपनी ने अमेरिका में माल लाते समय शुल्कों की चोरी की है। वारी एनर्जीज सोलर मॉड्यूल व इन्वर्टर जैसे उपकरण बेचती है।
भारतीय नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र के लिए आशावादी दृष्टिकोण के चलते अक्टूबर 2024 में ट्रेडिंग शुरू होने के बाद से कंपनी के शेयर करीब दोगुने हो गए हैं। लेकिन अमेरिका द्वारा भारत पर दंडात्मक टैरिफ लगाए जाने के बाद कंपनी को झटका लगा है। अभी वारी का मूल्यांकन 92,255 करोड़ रुपये है।
कंपनी ने एक बयान में कहा, वारी ने पहले भी अमेरिकी जांच में सहयोग किया है और आगे भी जांच में सहयोग करती रहेगी। कंपनी ने कहा कि वह जिस भी देश में काम करती है, वहां के सभी स्थानीय कानूनों और नियमों का पालन करती है।
कंपनी ने यह भी कहा कि वह अमेरिका में अपने विनिर्माण क्षेत्र के विस्तार पर काम कर रही है। यह जांच अमेरिकन अलायंस फॉर सोलर मैन्युफैक्चरिंग ट्रेड कमेटी के उस आरोप के जवाब में शुरू की गई है, जिसमें कहा गया था कि वारी चीनी सौर उपकरणों पर टैरिफ से बचने के लिए चीन में बने सौर सेलों को भारत से आने वाला बताकर गलत लेबल लगा रही थी।
अमेरिकी सोलर विनिर्माता आयातित फोटोवोल्टिक उपकरणों पर उच्च शुल्क लगाने की मांग कर रहे हैं। इस नवोदित उद्योग का कहना है कि उन्हें अनुचित रूप से सब्सिडी दी जा रही है और दुनिया के सबसे बड़े बाजारों में से एक में पहुंचाया जा रहा है। अगस्त में अमेरिकी वाणिज्य विभाग ने अमेरिकी निर्माताओं के शिकायत दर्ज कराने के बाद इंडोनेशिया, लाओस और भारत के मॉड्यूलों पर नई व्यापार जांच शुरू की। इस साल की शुरुआत में वियतनाम, कंबोडिया, मलेशिया और थाईलैंड के सौर उपकरणों पर भारी शुल्क लगाया गया था।