Vodafone Idea Share Price: वोडाफोन आइडिया के शेयरों में जबरदस्त तेजी देखने को मिली है। मंगलवार के इंट्रा-डे ट्रेड में शेयर 8 फीसदी उछलकर 9.2 रुपये के स्तर पर पहुंच गया। यह पिछले आठ महीनों में इस टेलीकॉम शेयर का हाईएस्ट लेवल है। यह स्तर आखिरी बार 10 फरवरी 2025 को देखा गया था।
वोडाफोन आइडिया का शेयर सितंबर 2025 की शुरुआत से अब तक करीब 42% बढ़ चुका है। तब यह 6.49 रुपये के लेवल पर था। इससे पहले 14 अगस्त 2025 को यह 6.12 रुपये के अपने रिकॉर्ड लो पर आ गया था, जबकि इसने 20 जनवरी 2025 को 10.48 रुपये का 52-वीक हाई छुआ था।
बीएसई पर वोडाफोन आइडिया के शेयर 8 फीसदी से ज्यादा चढ़कर 9.20 रुपये प्रति शेयर के करीब बंद हुए। एनएसी और बीएसई दोनों को मिलाकर अब तक कंपनी के 10.36 मिलियन से अधिक शेयरों का कारोबार हो चुका है।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने वोडाफोन आइडिया की तरफ से दाखिल याचिका पर सुनवाई को 13 अक्टूबर तक के लिए टाल दिया है। इस याचिका में कंपनी ने दूरसंचार विभाग (DoT) की और से एजीआर बकाया के रूप में मांगे गए 9,450 करोड़ रुपये की मांग को चुनौती दी है।
कंपनी ने 19 सितंबर को स्टॉक एक्सचेंजों को जानकारी दी थी कि उसने दूरसंचार विभाग (DoT) की तरफ से लगाए गए अतिरिक्त एजीआर बकायों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, जो पहले से दिए गए एजीआर (AGR) जजमेंट के दायरे में आते हैं।
कंपनी की Q1 कॉन्फ्रेंस कॉल में यह कहा गया कि बैंक अभी एजीआर विवाद पर स्पष्टता का इंतजार कर रहे हैं। सरकार ने कंपनी में इक्विटी का ट्रांसफर कर दिया है, अब वह सबसे बड़ी शेयरधारक है। इसके बावजूद प्रमोटर्स के पास कंपनी का ऑपरेशनल कंट्रोल बरकरार है और वे लॉन्ग टर्म शेयरहोल्डर वैल्यू देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। वोडाफोन आइडिया पर जून 2025 के अंत तक कुल बकाया करीब 1.95 लाख करोड़ रुपये है। इसमें से 1.19 लाख करोड़ रुपये स्पेक्ट्रम भुगतान और 76,000 करोड़ रुपये एजीआर बकाया है।
कंपनी के वित्त वर्ष 2024-25 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, मैनेजमेंट को भरोसा है कि यह सकारात्मक रुख आगे भी जारी रहेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि वे नेटवर्क विस्तार, डिजिटल सेवाओं और ऑपरेशन में सुधार पर फोकस कर रहे हैं।
इस बीच, ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, सरकार और यूके के बीच रिश्ते मजबूत करने के प्रयासों के तहत, भारत सरकार वोडाफोन आइडिया से बकाया अरबों डॉलर के पुराने शुल्कों के मामले में एक वन-टाइम सेटलमेंट पर विचार कर रही है। सूत्रों के मुताबिक, इसमें ब्याज और जुर्माने को माफ करने के बाद मूल राशि में भी रियायत दी जा सकती है।
चूंकि वोडाफोन आइडिया 2016 से अब तक एक भी तिमाही मुनाफा दर्ज नहीं कर पाई है, ऐसे में यह सेटलमेंट कंपनी के लिए नए निवेशकों को आकर्षित करने का रास्ता खोल सकता है और भारत की तीसरी सबसे बड़ी वायरलेस कैरियर को पुनर्जीवित कर सकता है।