शेयर बाजार

एक्सचेंज से जुड़े शेयरों में थम सकती है तेजी

BSE, CDSL, CAMS और KFin Technologies के शेयर भाव इस साल अब तक 24 से 283 प्रतिशत तक चढ़े हैं, जबकि निफ्टी सूचकांक में 9 प्रतिशत तेजी आई है।

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हर्षिता सिंह   
Last Updated- November 23, 2023 | 11:19 PM IST

इस साल दलाल पथ पर आई तेजी से डिपोजिटरी, एक्सचेंजों और रजिस्ट्रार एवं ट्रांसफर एजेंट्स (आरटीए) जैसे इक्विटी बाजार मध्यस्थों के शेयरों में भी उछाल आई है। बीएसई, सेंट्रल डिपोजिटरी सर्विसेज (सीडीएसएल), कम्प्यूटर एज मैनेजमेंट सर्विसेज (कैम्स) और केफिन टेक्नोलॉजीज (केफिन) के शेयर भाव इस साल अब तक 24 से 283 प्रतिशत तक चढ़े हैं, जबकि निफ्टी सूचकांक में 9 प्रतिशत तेजी आई है।

विश्लेषकों का मानना है कि ये शेयर अच्छी तेजी के बावजूद मजबूत दीर्घावधि दांव हैं, लेकिन मौजूदा ऊंचे मूल्यांकन से इनमें गिरावट की संभावना बन सकती है। मोतीलाल ओसवाल (एमओएफएसएल) में रिटेल रिसर्च की सहायक उपाध्यक्ष स्नेहा पोद्दार ने निवेशकों को मौजूदा स्तरों पर कुछ मुनाफावसूली करने और दीर्घावधि नजरिये से इनमें खरीदारी का सुझाव दिया है।

पोद्दार ने कहा, ‘ताजा तेजी के बाद शेयर कुछ हद तक महंगे हो गए हैं और अब इनमें तेजी सीमित है। कुछ समय के लिए तेजी का रुझान रह सकता है, लेकिन मध्यावधि में इन शेयरों में ठहराव या गिरावट संभव है। इसलिए आंशिक तौर पर मुनाफावसूली और गिरावट के बाद निचले स्तर पर पुन: खरीदारी करना बेहतर है।’

फिनट्रेक कैपिटल के संस्थापक अमित कुमार गुप्ता के अनुसार इनमें से कुछ शेयरों के ऊंचे मूल्यांकन के बीच नियामकीय चिंताएं भी अल्पावधि में तेजी पर विराम लगा सकती हैं।

गुप्ता ने कहा, ‘उद्योग में नियामकीय चिंताएं बरकरार हैं। आरटीए की म्युचुअल फंडों पर ज्यादा राजस्व निर्भरता है और कुछ परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियों (एएमसी) की मूल्य निर्धारण क्षमता कमजोर है और प्रस्तावित टोटल एक्सपेंस रेशियो (टीईआर) ढांचे में किसी तरह के बदलाव से अल्पावधि में उनका परिचालन मार्जिन सीमित दायरे में रह सकता है।’कैम्स और केफिन टेक जैसी आरटीए अपने फंड ग्राहकों की एयूएम पर शुल्क के जरिये राजस्व कमाती हैं।

वित्त वर्ष 2023 की आय पर कैम्स और सीडीएसएल का कीमत-पूंजी अनुपात 43 गुना है। यह बीएसई के लिए 87 गुना और केफिन टेक के लिए 40 गुना है।

मजबूत दीर्घावधि दांव

हालांकि दीर्घावधि नजरिये से विश्लेषक इन शेयरों पर सकारात्मक हैं, क्योंकि पूंजी बाजारों की निरंतर वृद्धि और बढ़ती निवेशक भागीदारी से इनकी मांग बरकरार रहेगी।

एमओएफएसएल के पोद्दार का कहना है, ‘ये कंपनियां पूंजी बाजारों की प्रतिनिधि हैं। जब बाजार चढ़ते हैं, इन्हें फायदा होता है, क्योंकि ऊंचे कारोबार से प्रत्यक्ष तौर पर इनकी आय वृद्धि को मदद मिलती है।

इस साल की तेजी के साथ इनकी आय भी तेजी से बढ़ी है। इसलिए हम इस क्षेत्र पर उत्साहित हैं, क्योंकि बाजार अगले 5 से 10 वर्षों में मजबूत बने रहेंगे।’ कोविड-19 महामारी के बाद भारत में डीमैट खातों की संख्या तीन गुना से ज्यादा बढ़ी है जिससे निवेशकों की बढ़ती भागीदारी का साफ पता चलता है।

अक्टूबर अंत में डीमैट खातों की संख्या 13.1 करोड़ थी। करीब 70 प्रतिशत डीमैट खाते सीडीएसएल के साथ हैं। इस डिपोजिटरी ने बुधवार को कहा कि उसके पास पंजीकृत डीमैट खातों की संख्या 10 करोड़ के पार पहुंच गई है।

हालांकि एक्सचेंजों पर सक्रिय ग्राहकों ( जिन्होंने पिछले साल एक बार कारोबार किया) की संख्या कम है, लेकिन फिर भी महामारी के बाद से यह तीन गुना है। उदाहरण के लिए एनएसई के कुल सक्रिय ग्राहकों की संख्या 2019-20 के 1.1 करोड़ से बढ़कर सितंबर के अंत तक 3.34 करोड़ पर पहुंच गई।

First Published : November 23, 2023 | 11:19 PM IST