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तीसरी तिमाही में भारत में वेंचर फंडिंग धीमी रही, 120 अरब डॉलर पर पहुंची

भारत के मजबूत वृहद आ​र्थिक और संपन्न पूंजी बाजार को देखते हुए, अगर व्यापार संबंधी अनिश्चितताएं दूर हो जाती हैं, तो उम्मीद है कि वेंचर कैपिटल निवेश में फिर उछाल आएगा

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पीरज़ादा अबरार   
Last Updated- October 23, 2025 | 10:49 PM IST

केपीएमजी प्राइवेट एंटरप्राइज की वेंचर पल्स के अनुसार भू-राजनीतिक अनिश्चितता के बीच 2025 की तीसरी तिमाही में भारत में वेंचर फंडिंग धीमी रही, हालांकि निकासी गतिविधि सात साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। यह रिपोर्ट दुनिया भर के प्रमुख क्षेत्रों में वैश्विक स्तर पर निवेश के रुझानों पर आधारित है। निवेशक सतर्क रहे, लेकिन आईपीओ-संचालित निकासी से उत्साह बढ़ा और उत्साह बना रहा।

वैश्विक स्तर पर उद्यम पूंजी (वीसी) निवेश 2025 की दूसरी तिमाही के 112 अरब डॉलर से बढ़कर 2025 की तीसरी तिमाही में 120 अरब डॉलर हो गया, जो मजबूत निकासी सौदों और एआई पर लगातार ध्यान केंद्रित करने के कारण संभव हुआ।

भारत में केपीएमजी के पार्टनर और प्राइवेट इक्विटी के नेशनल लीडर नितीश पोद्दार ने कहा, ‘इस तिमाही में भारत में वीसी निवेश के परिणाम अमेरिकी टैरिफ के कारण आई रुकावट से प्रेरित थे, लेकिन लोगों को उम्मीद है कि नवंबर के अंत तक यह समस्या दूर हो जाएगी।’

भारत में ​दिलचस्पी अभी भी मजबूत बनी हुई है, लेकिन वीसी निवेशकों के लिए यह अनुमान लगाना मुश्किल हो रहा है कि दिन-प्रतिदिन क्या होगा, जिसके कारण वे कोई भी बड़ा फंडिंग निर्णय लेने से बच रहे हैं। वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में वीसी निवेश में नरमी के बावजूद, स्टार्टअप्स से बाहर निकलने की गतिविधियों में वृद्धि को देखते हुए (खासकर आईपीओ से बाहर निकलने के मामले में) बाजार में आशावाद बना रहा। इस तिमाही के दौरान,आईपीओ गतिविधियां पिछली तिमाहियों की तुलना में काफी हद तक मजबूत रहीं।

भारत के मजबूत वृहद आ​र्थिक और संपन्न पूंजी बाजार को देखते हुए, अगर व्यापार संबंधी अनिश्चितताएं दूर हो जाती हैं, तो उम्मीद है कि वेंचर कैपिटल निवेश में फिर उछाल आएगा। भारत में अगली कुछ तिमाहियों में आईपीओ गतिविधियों में भी तेजी आने की उम्मीद है।

2025 की तीसरी तिमाही में 85.1 अरब डॉलर के वीसी निवेश के साथ अमेरिका सबसे आगे रहा, जबकि एशिया में 16.8 अरब डॉलर का मामूली निवेश हुआ। एआई मॉडल विकास और अनुप्रयोगों के लिए महत्त्वपूर्ण फंडिंग राउंड के साथ एआई ने वीसी गतिविधि में अपना दबदबा बनाए रखा। अमेरिकी क्षेत्र में में अधिकांश वीसी निवेश अमेरिका से आया, जबकि यूरोप में ठोस वृद्धि देखी गई।

आईपीओ गतिविधि में तेजी की वजह से वैश्विक निकासी मूल्य बढ़कर 149.9 अरब डॉलर हो गया, जो 2021 की चौथी तिमाही के बाद से सबसे अधिक है। 2025 की चौथी तिमाही को देखते हुए, वैश्विक वीसी निवेश स्थिर रहने की उम्मीद है, जिसमें एआई का दबदबा बना रहेगा। रोबोटिक्स और रक्षा तकनीक भी फोकस क्षेत्र बने रहेंगे।

First Published : October 23, 2025 | 9:50 PM IST