शेयर बाजार

QSR कंपनियों का फीका पड़ रहा स्वाद, मार्जिन पर दबाव से पड़ेगा शेयर पर असर

ब्रोकरों ने वित्त वर्ष 2024 और वित्त वर्ष 2025 के लिए QSR कंपनियों के लिए अपने आय अनुमान 10 प्रतिशत तक घटाए

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राम प्रसाद साहू   
Last Updated- July 17, 2023 | 12:06 AM IST

वेस्टलाइफ फूडवर्ल्ड को छोड़कर वित्त वर्ष 2023 की जनवरी-मार्च अव​धि के कमजोरी तिमाही प्रदर्शन और सुस्त अल्पाव​धि परिदृश्य को ध्यान में रखकर कई ब्रोकरों ने ​क्विक-सर्विस रेस्टोरेंट (QSR) कंपनियों के लिए आय अनुमान घटाने पर जोर दिया है। ब्रोकरों ने वित्त वर्ष 2024 और वित्त वर्ष 2025 के लिए इन कंपनियों के लिए अपने आय अनुमान 10 प्रतिशत तक घटाए हैं।

आय अनुमानों में कटौती ने उन लिस्टेड कंपनियों के प्रदर्शन को और ज्यादा प्रभावित किया है जिन्होंने पिछले महीने के दौरान एक अंक के कमजोर रिटर्न के साथ बाजार की तुलना में फीका प्रदर्शन किया।

इससे पहले, इन शेयरों ने बर्गर किंग (Burger King ) फ्रैंचाइजी रेस्टोरेंट ब्रांड्स एशिया (RBA) के नेतृत्व में अप्रैल-मई अव​धि के दौरान बड़ी तेजी दर्ज की थी। इन शेयरों में दो अंक का रिटर्न दर्ज किया गया। वित्त वर्ष 2024 की अप्रैल-जून तिमाही प्रदर्शन के अलावा, धीमे सुधार और मार्जिन दबाव से अब इन शेयरों की चाल प्रभावित हो सकती है।

वित्त वर्ष 2023 की सुस्त मार्च तिमाही का रुझान जून तिमाही में भी बरकरार रह सकता है।

एचडीएफसी सिक्योरिटीज के विश्लेषक नवीन त्रिवेदी ने कहा है, ‘वित्त वर्ष 2023 की दूसरी छमाही में कमजोरी के बाद वित्त वर्ष 2024 की पहली छमाही में वृद्धि के कई मानक कमजोर रहने का अनुमान है।’

मार्च तिमाही में, पिज्जा हट और केंटुकी फ्रायड चिकन (KFC) फ्रैंचाइजी, देवयानी इंटरनैशनल (देवयानी) और सेफायर फूड्स इंडिया (Sapphire Foods India) ने ​वित्त वर्ष 2023 की चौथी तिमाही में कमजोर सेम-स्टोर सेल्स ग्रोथ (SSSG) आौर मार्जिन दबाव के साथ खराब प्रदर्शन किया।

दो कंपनियों के लिए कुल राजस्व वृद्धि काफी हद तक स्टोरों के विस्तार पर केंद्रित रही, भले ही SSSG पर दबाव बना रहा।
कोटक सिक्यो​रिटीज का कहना है कि सालाना आधार पर दो अंक की वृद्धि के साथ समान हालात वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही में रह सकते हैं।

वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही में देवयानी की 28 प्रतिशत राजस्व वृद्धि को स्टोर संख्या में 33 प्रतिशत इजाफा होने से मदद मिली, भले ही मांग परिवेश कमजोर रहा। जहां KFC के लिए SSSG 2 प्रतिशत तक थी, वहीं Pizza Hut के लिए इसमें 3 प्रतिशत की गिरावट आई।

घटती बिक्री और कमजोर परिचालन दक्षता के अलावा दूध और पनीर जैसे उत्पादों की ऊंची कीमतों से इन दो कंपनियों का मुनाफा प्रभावित हुआ। सेफायर के प्रबंधन का मानना है कि ऊंची मुद्रास्फीति से ग्राहकों द्वारा कम खरीदारी कि​ए जाने और इस ववजह से औसत बिल वैल्यू में कमी आने को बढ़ावा मिला है। साथ ही इससे कमजोर गुणवत्ता की बिक्री मिश्रण और खराब मार्जिन की समस्या भी बढ़ी है।

जहां दो फ्रैंचाइजी की KFC का रेस्तरां ऑपरेशन मार्जिन 110-220 आधार अंक घट गया, वहीं पिज्जा हट के लिए यह तिमाही आधार पर 490-530 आधार अंक गिर गया।

कमजोर मांग परिवेश के बावजूद, दोनों कंपनियां अपने नए स्टोर खोलने और विकास योजनाओं को आगे बढ़ाने में सफल रही हैं।
जहां देवयानी की मध्यम एक अंक की एसएसएसजी वृद्धि और 300 स्टोर वृद्धि का अनुमान बरकरार है, वहीं सेफायर 5-7 प्रतिशत SSSG और 130-160 स्टोरों की सालाना विस्तार योजना पर आगे बढ़ रही है।

IIFL में विश्लेषक पर्सी पंथाकी का कहना है कि अपने वित्त वर्ष 2025 के परिचालन लाभ के मुकाबले 18 गुना की उद्यम वैल्यू पर सेफायर के लिए मूल्यांकन देवयानी के 31 गुना की तुलना में कम है।

सबसे बड़ी सूचीबद्ध कंपनी जुबिलेंट फूडवर्क्स (Jubilant FoodWorks ) के लिए LFL (लाइक-फॉर-लाइक) अनुमानों के मुकाबले बेहतर रही है, हालांकि यह काफी हद तक सपाट बनी रही, जिससे खपत में सुस्ती का संकेत मिलता है। जहां 8 प्रतिशत राजस्व वृद्धि स्टोर बढ़ने की वजह से हासिल हुई, वहीं दो अंक की ऑर्डर वृद्धि कंपनी के लिए सकारात्मक थी।

200-225 डोमिनोज (Domino’s) स्टोर और 30-35 पोपीज (Popeyes) स्टोर खोलकर अपना नेटवर्क बढ़ा रही इस कंपनी ने संकेत दिया है कि मांग में तुरंत सुधार नहीं दिखेगा।

कमजोर बिक्री वृद्धि के अलावा, मुद्रास्फीति दबाव से भी परिचालन मुनाफा मार्जिन सालाना आधार पर 490 आधार अंक तक प्रभावित हुआ।

प्रभुदास लीलाधर रिसर्च के शोध विश्लेषक अमनीश अग्रवाल ने जुबिलेंट फूडवर्क्स के लिए प्रति शेयर आय अनुमान वित्त वर्ष 2024 के लिए 9.5 प्रतिशत तक घटा दिया है और शेयर में ताजा तेजी के बाद अपनी रेटिंग भी ‘बाय’ से घटाकर ‘एक्यूमलेट’ कर दी है।

JM Financial Researh का मानना है कि जिन दो कंपनियों ने एसएसएसजी मोर्चे पर वृद्धि दर्ज की, वे हैं RBA और वेस्टलाइफ। जहां RBA के लिए SSSG 8.3 प्रतिशत रही, वहीं वेस्टलाइफ के लिए यह आंकड़ा 14 प्रतिशत रहा।

जेएम फाइनैं​शियल के विश्लेषक मेहुल देसाई का मानना है कि जहां आरबीए प्रबंधन वित्त वर्ष 2024 के लिए 10 प्रतिशत SSSG की उम्मीद कर रहा है, वहीं वित्तीय प्रदर्शन पिछले अनुमानों के अनुरूप नहीं है। ब्रोकरेज फर्म ने RBAके लिए ने ‘होल्ड’ रेटिंग दी है।

First Published : July 16, 2023 | 8:11 PM IST