शेयर बाजार

T+0 settlement: 28 मार्च से ट्रेड के दिन ही हो जाएगा सेटलमेंट, सेबी चेयरमैन ने किया ऐलान; दुनिया का दूसरा देश होगा भारत

माधवी पुरी बुच आज AMFI के कार्क्रम में महिला फंड मैनेजरों को सम्मानित करने के लिए गईं थीं। इस दौरान उन्होंने कहा कि Instant Settlement ट्रेड साइकल भी 2025 तक शुरू हो जाएगा।

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रत्न शंकर मिश्र   
Last Updated- March 11, 2024 | 3:39 PM IST

मार्केट रेगुलेटर सेबी की चेयरमैन माधवी पुरी बुच ने आज यानी 11 मार्च को टी+0 सेटलमेंट (T+0) सेटलमेंट को लेकर बड़ा ऐलान किया है। Association of Mutual Funds in India (AMFI-एम्फी) के एक कार्क्रम में शिरकत करते हुए उन्होंने कहा कि भारत में 28 मार्च से T+0 ट्रेड साइकल सेटलमेंट ऑप्शनल तौर पर शुरू हो जाएगा। T+0 सेटलमेंट का मतलब सौदे का उसी दिन निपटारा यानी ट्रेड के दिन ही सेटलमेंट होता है।

गौरतलब है कि अभी भारत में T+1 सेटलमेंट लागू है। इसके तहत जब आप शेयर बाज़ार में कोई चीज खरीदते या बेचते हैं, तो सब कुछ कंपलीट होने में एक दिन का समय लगता है। यानी अगर आपने आज शेयर खरीदा या बेचा है तो उसका सेटलमेंट कल तक होगा। लेकिन जब T+0 सेटलमेंट लागू हो जाएगा तो सारा सेटलमेंट उसी ही दिन पूरा हो जाएगा।

Instant Settlement कब से होगा लागू?

माधवी पुरी बुच आज एम्फी के कार्क्रम में महिला फंड मैनेजरों को सम्मानित करने के लिए गईं थीं। इस दौरान उन्होंने कहा कि तत्काल निपटान (Instant Settlement) ट्रेड साइकल भी 2025 तक पूरा हो जाएगा। इसके पूरा हो जाने के बाद से जैसे ही शेयरों की खरीदारी या बिक्री होगी, वैसे ही उसका सेटलमेंट भी हो जाएगा।

सेबी चेयरमैन माधवी पुरी ने इस दौरान यह भी कहा कि मार्केट रेगुलेटर की तेजी का सबसे बड़ा कारण क्रिप्टोकरेंसी जैसे विकल्पों के बढ़ने की वजह से है। बता दें कि क्रिप्टोकरेंसी में सौदं का निपटान हर घंटे हो जाता है, जिससे निवेशक बिना रिस्क की परवाह किए उसकी ओर ज्यादा भागने लगे हैं। ऐसे में मार्केट रेगुलेटर पारदर्शिता के साथ भारतीय शेयर बाजारों को मजबूत और फास्ट करने में लगा हुआ है।

पिछले साल, 2023 में, बुच ने कहा था कि सेबी यह चाहता है कि भारत में 2024 में मार्च के अंत तक T+0 settlement शुरू कर दिया जाए और उसके 1 साल के अंदर ही अंदर Instant Settlement की सुविधा निवेशकों को दी जाए।

चीन में सबसे तेज होता है शेयरों का सेटलमेंट

अभी तक पूरी दुनिया के शेयर बाजारों में कम से कम T+2 सेटलमेंट साइकल को फॉलो किया जाता है। लेकिन एशिया के दो देश ऐसे हैं जो इससे भी फास्ट हो चुके है। और वे हैं भारत औऱ चीन। चीन इस समय T+0 सेटलमेंट साइकल को फॉलो कर रहा है जबकि भारत T+1। अगर भारत में T+0 सेटलमेंट साइकल लागू हो जाती है तो यह सिर्फ चीन के बराबर पहुंच जाएगा।

क्या है ऑप्शनल T+0 सेटलमेंट का मतलब?

चेयरमैन बुच ने आज कहा कि भारत में T+0 सेटलमेंट साइकल 28 मार्च से ऑप्शनल तौर पर शुरू होगा। इसका मतलब यह है कि ट्रेडर्स यह चुन सकेंगे कि उन्हें T+0 या T+1, किसके तहत सेटलमेंट करना है।

कैसे हो सकता है लागू?

पिछले साल सेबी ने T+0 सेटलमेंट साइकल को लेकर एक एजवाइजरी जारी किया था। उस दौरान मार्केट रेगुलेटर ने कहा था कि T+0 सेटलमेंट की व्यवस्था अभी बाजार पूंजीकरण (Mcap) के लिहाज से टॉप 500 कंपनियों को ही उपलब्ध कराई जाएगी। T+1 की ही तर्ज पर T+0 भी तीन खेपों में लागू होगा। सबसे कम mcap वाली 200 कंपनियां पहले इसका फायदा ले पाएंगी। उसके बाद उनसे ज्यादा एमकैप वाली 200 और अंत में सबसे ज्यादा एमकैप वाली 100 कंपनियां इसके दायरे में आएंगी।

First Published : March 11, 2024 | 3:33 PM IST