फरवरी में बाजारों में उतारचढ़ाव होता रहा क्योंकि मूल्यांकन की चिंता ने निवेशकों को स्मॉलकैप व पीएसयू शेयरों में मुनाफावसूली के लिए प्रोत्साहित किया। स्मॉलकैप शेयरों में निवेश करने वाले म्युचुअल फंडों को नियामक की चेतावनी का भी सेंटिमेंट पर असर पड़ा।
निफ्टी स्मॉलकैप 100 और निफ्टी मिडकैप 100 ने तीन महीने बाद अपना पहला मासिक नुकसान दर्ज किया जबकि बेंचमार्क सेंसेक्स व निफ्टी एक फीसदी की बढ़त हासिल करने में कामयाब रहे। माह के दौरान भारत का बाजार पूंजीकरण नई रिकॉर्ड ऊंचाई को छू गया और 388 लाख करोड़ रुपये पर बंद होने से पहले 400 लाख करोड़ रुपये के और करीब पहुंच गया था।
निफ्टी पीएसयू बैक इंडेक्स ने सबसे अच्छा प्रदर्शन किया और इसमें 10 फीसदी से ज्यादा की बढ़त दर्ज हुई जबकि निफ्टी मीडिया में सबसे ज्यादा 4.7 फीसदी की गिरावट आई क्योंकि ज़ी एंटरटेनमेंट के शेयरों में गिरावट जारी रही। जनवरी में 37 फीसदी टूटने के बाद मीडिया ब्रॉडकास्टर का शेयर फरवरी में 7 फीसदी और टूटा।
पेटीएम निफ्टी-500 इंडेक्स में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाला शेयर रहा क्योंकि उसकी पेमेंट बैंकिंग इकाई के खिलाफ आरबीआई की कार्रवाई के बाद कंपनी का शेयर आधा रह गया।
पीएसयू शेयरों में गुजरात स्टेट फर्टिलाइजर्स, राष्ट्रीय केमिकल्स और रेल विकास निगम निफ्टी-500 के गिरने वाले अन्य प्रमुख शेयर रहे।