शेयर बाजार

Market Closing: जीडीपी डेटा और ऑटो स्टॉक्स में तेजी से बाजार को मिला दम, सेंसेक्स 555 अंक उछला; निफ्टी 24625 पर बंद

Market Closing: अमेरिकी टैरिफ जोखिमों के बावजूद चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट 7.8 फीसदी रहने से निवेशकों को भरोसा बढ़ा है।

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जतिन भूटानी   
Last Updated- September 01, 2025 | 3:58 PM IST

Stock Market Closing Bell, September 1, 2025: एशियाई बाजारों में गिरावट के बावजूद भारतीय शेयर बाजार हफ्ते के पहले ट्रेडिंग सेशन यानी सोमवार (1 सितंबर) को बढ़त के साथ बंद हुए। दोपहिया और छोटी कारों पर जीएसटी घटने की उम्मीद है। इसे 28% से घटाकर 18% किया जा सकता है। इस खबर से ऑटो कंपनियों के बिजनेस ग्रोथ की उम्मीदों से ऑटो शेयरों में खरीदारी देखने को मिली और इसका बाजार के सेंटीमेंट्स पर पॉजिटिव असर पड़ा। साथ ही आईटी शेयरों (IT Stocks) में खरीदारी से बाजार को पुश मिला। साथ ही अमेरिकी टैरिफ जोखिमों के बावजूद चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट 7.8 फीसदी रहने से निवेशकों को भरोसा बढ़ा है।

तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) बढ़त के साथ 79,828 अंक पर खुला। खुलते ही इसमें तेजी देखने को मिली। कारोबार के दौरान यह 80,406 अंक तक चढ़ गया था। अंत में यह 554.84 अंक या 0.70 फीसदी की बढ़त लेकर 80,364.49 पर बंद हुआ।

इसी तरह, नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी-50 (Nifty50) बढ़त लेकर 24,432.70 पर खुला। खुलते ही यह 25,500 के पार चला गया। कारोबार के दौरान निफ्टी 24,635 अंक के इंट्रा-डे हाई तक गया और अंत में 198.20 अंक या 0.81 फीसदी की बढ़त के साथ 24,625 पर बंद हुआ।

जियोजित इंवेस्टमेंट्स लिमिटेड में रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा, ”भारत की पहली तिमाही में GDP ग्रोथ 7.8% रही, जो अनुमान से ज्यादा है। इससे ग्लोबल अनिश्चितताओं के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती पर निवेशकों का भरोसा बढ़ा है। आगामी जीएसटी काउंसिल मीटिंग में दरों के सरलीकरण की उम्मीद भी सेंटीमेंट को मजबूत कर रही है। इसका सीधा असर डिस्क्रेशनरी कंजम्प्शन पर दिख रहा है।”

उन्होंने कहा, ”इस पॉजिटिव माहौल का सबसे ज्यादा फायदा ऑटो और कंज़्यूमर ड्यूरेबल्स सेक्टर को मिल रहा है। हालांकि, जीएसटी स्लैब में बदलाव से संभावित रेवेन्यू घाटे की आशंका बनी हुई है। इससे सरकारी उधारी बढ़ने का खतरा है। इसकी वजह से घरेलू बॉन्ड यील्ड्स ऊपर जा रही हैं।”

नायर के अनुसार, ”हाल ही में लगाए गए टैरिफ का असर दूसरी तिमाही से साफ़ दिखना शुरू होगा। बाजार अभी इस पर नजर बनाए हुए है। टैरिफ के व्यापक असर को लेकर स्पष्टता जरूरी होगी, जो शॉर्ट टर्म में बाजार दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाएगी।”

Top Gainers & Losers

सेंसेक्स की कंपनियों में महिंद्रा एंड महिंद्रा, टाटा मोटर्स और ट्रेंट सबसे ज़्यादा लाभ में रहे। जबकि सन फार्मा, आईटीसी और हिंदुस्तान यूनिलीवर सबसे ज्यादा गिरावट में रहने वाले शेयरों में रहे। इसी तरह, निफ्टी50 में शामिल कंपनियों में एनटीपीसी, टाइटन और डॉ रेड्डी के शेयर सबसे ज्यादा चढ़कर बंद हुए। जबकि इंडसइंड बैंक, भारती एयरटेल और अदानी एंटरप्राइजेज सबसे ज्यादा नुकसान में रहे। ब्रोडर इंडेक्सिस में भी तेजी दर्ज की गई। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 1.97 प्रतिशत बढ़कर बंद हुआ। जबकि स्मॉलकैप 1.57 प्रतिशत की बढ़त के साथ बंद हुआ।

सेक्टोरल मोर्चे पर निफ्टी फार्मा और निफ्टी मीडिया को छोड़कर सभी सेक्टर सकारात्मक दायरे में बंद हुए। इनमें क्रमश: 0.12 प्रतिशत और 0.32 फीसदी की गिरावट आई। निफ्टी ऑटो में सबसे ज्यादा 2.8 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई। इसके अलावा कंज्यूमर ड्यूरेबल्स में 2.08 प्रतिशत, निफ्टी मेटल में 1.64 प्रतिशत और निफ्टी आईटी इंडेक्स में 1.59 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई।

IT Stocks में तेजी

अमेरिका की एक अपीलीय अदालत ने शुक्रवार को बड़ा फैसला सुनाया। अदालत ने कहा कि राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के पास सभी देशों पर व्यापक टैरिफ लगाने का कानूनी अधिकार नहीं था। हालांकि, अदालत ने इन टैरिफ को तुरंत खत्म नहीं किया है। सरकार को सुप्रीम कोर्ट में अपील करने का समय दिया गया है। इस खबर के बाद आईटी स्टॉक्स में तेजी देखने को मिली।

ग्लोबल मार्केटस

एशियाई बाजारों में सोमवार को गिरावट देखी गई। निवेशकों ने अमेरिकी फेडरल अपील अदालत के उस फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त की जिसमें दावा किया गया था कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ‘रेसिप्रोकल टैरिफ’ अवैध है। अमेरिकी अपील अदालत ने फैसला सुनाया कि ट्रंप ने 2 अप्रैल के “लिबरेशन डे” ​​की घोषणा के तहत लगभग हर प्रमुख व्यापारिक साझेदार पर व्यापक शुल्क लगाकर अपने राष्ट्रपति पद के अधिकार का अतिक्रमण किया है।

जापान का निक्केई 225 0.92 प्रतिशत, दक्षिण कोरिया का कोस्पी 0.85 प्रतिशत और ऑस्ट्रेलिया का एसएंडपी/एएसएक्स 200 0.17 प्रतिशत नीचे आया। इसके विपरीत, चीन का शंघाई कंपोजिट 0.20 प्रतिशत की बढ़त के साथ थोड़ा ऊपर कारोबार करने में कामयाब रहा।

वॉल स्ट्रीट में गिरावट दर्ज की गई। निवेशकों ने महंगाई के ताजा आंकड़ों पर रियेक्ट किया। इससे संकेत मिलता है कि टैरिफ का कंज्यूमर कीमतों पर असर पड़ना शुरू हो गया है। एसएंडपी 500 में 0.64 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि टेक्नोलॉजी बेस्ड नैस्डैक कंपोजिट में 1.15 प्रतिशत की गिरावट आई। डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज भी 0.20 प्रतिशत की गिरावट के साथ नेगेटिव रुख में बंद हुआ।

FIIs की बिकवाली जारी

विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs ) ने शुक्रवार, 29 अगस्त को 8,092.90 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। इस बीच, घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने शुक्रवार, 29 अगस्त को 10,925.34 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।

पिछले सप्ताह भारतीय बेंचमार्क इक्विटी इंडेक्स निफ्टी-50 और सेंसेक्स का प्रदर्शन कमजोर रहा। बीएसई सेंसेक्स में साप्ताहिक आधार पर 1,497.2 अंक या 1.84 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। जबकि एनएसई निफ्टी 50 में 443.25 अंक या 1.78 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।

First Published : September 1, 2025 | 8:11 AM IST