अमेरिका में मंदी की आशंका और व्यापार युद्ध की चिंता गहराने से दुनिया भर के बाजारों में आज भारी बिकवाली देखी गई। बेंचमार्क सेंसेक्स और निफ्टी में भी 10 महीने की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई। कारोबार के दौरान दोनों सूचकांक 5-5 फीसदी तक लुढ़क चुके थे, जिसने कोविड के दौरान मार्च 2020 के बाद सबसे तेज गिरावट की याद दिला दी। हालांकि बाद में गिरावट थोड़ी कम हुई और सेंसेक्स 2,227 अंक या 2.95 फीसदी नुकसान के साथ 73,138 पर बंद हुआ। निफ्टी 743 अंक या 3.2 फीसदी गिरावट के साथ 22,162 पर बंद हुआ।
बाजार में चौतरफा गिरावट देखी गई और 775 शेयर 52 हफ्ते के निचले स्तर पर बंद हुए जबकि 543 शेयरों में लोअर सर्किट लगा। बाजार में उठापटक मापने वाला सूचकांक इंडिया विक्स (वीआईएक्स) रिकॉर्ड 66 फीसदी उछलकर 22.78 पर पहुंच गया। बंबई स्टॉक एक्सचेंज पर सूचीबद्ध कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण 14 लाख करोड़ रुपये घट गया।
विदेशी संस्थागत निवेशकों ने 9,040 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे। घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 12,122 करोड़ रुपये की लिवाली की जो 28 फरवरी के बाद एक दिन में इसकी सबसे बड़ी लिवाली है।
हालांकि घरेलू एशियाई और यूरोपीय बाजारों की तुलना में देसी बाजार में बिकवाली का असर थोड़ा कम रहा। एमएससीआई ईएम इंडेक्स 8.4 फीसदी गिर गया जो 2008 के बाद इंट्रा-डे में सबसे बड़ी गिरावट है।
जापान का निक्केई 225 7.4 फीसदी और हॉन्ग कॉन्ग का हैंग सैंग सूचकांक 13 फीसदी गिरावट पर बंद हुआ। यूरोप में जर्मनी का डैक्स और फ्रांस का सीएसी 40 6 फीसदी से ज्यादा गिरावट के साथ खुला।
डॉनल्ड ट्रंप ने कहा कि ‘कभी-कभी आपको कुछ ठीक करने के लिए कड़वी दवा लेनी पड़ती है।’ इससे संकेत मिलता है कि शुल्क नीति पर उन्होंने अपना रुख नरम नहीं किया है, जिससे बाजार में जबरदास्त बिकवाली हुई। विशेषज्ञों ने कहा कि अगर कोई और देश जवाबी कार्रवाई करता है तो बाजार में गिरावट बनी रह सकती है।
अल्फानीति फिनटेक के सह-संस्थापक यूआर भट्ट ने कहा, ‘अमेरिकी बाजार में भारी गिरावट आई है। इसका असर भारत में भी पड़ना तय था। व्यापार को लेकर जब तक कोई बातचीत शुरू नहीं होती तब तक बाजार के उबरने की संभावना नहीं है।’
कोटक इंस्टीट्यूशन इक्विटीज में संस्थागत इक्विटी के सह-प्रमुख संजीव प्रसाद ने कहा, ‘अगले कुछ हफ्ते में भारत के बाजार का प्रदर्शन अमेरिका के जवाबी शुल्क पर विभिन्न देशों की प्रतिक्रिया, खुदरा और संस्थागत निवेशकों के रुख और अस्थिर माहौल में अन्य बाजारों के प्रदर्शन पर निर्भर करेगा।’
निफ्टी मिडकैप सूचकांक 3.6 फीसदी और स्मॉलकैप 3.9 फीसदी नीचे बंद हुआ। दोनों सूचकांक फिर से मंदड़िए की गिरफ्त में जाते दिख रहे हैं। निफ्टी और सेंसेक्स पिछले साल सितंबर की अपनी रिकॉर्ड ऊंचाई से 15 फीसदी नीचे आ गए हैं।
सेंसक्स में हिंदुस्तान यूनिलीवर को छोड़कर सभी शेयर नुकसान में रहे। टाटा स्टील में सबसे ज्यादा 7.33 फीसदी और लार्सन ऐंड टुब्रो में 5.8 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।