Morgan Stanley on Market Outlook: भारत समेत दुनियाभर के बाजारों में गिरावट का दौर है। जियो-पॉलिटिकल टेंशन और डॉनल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों का असर देखने को मिल रहा है। इस बीच, मॉर्गन स्टेनली का मानना है कि भारतीय बाजार में तेजी आएगी और बुल-केस में दिसंबर 2025 तक सेंसेक्स 105,000 तक पहुंच सकता है। यह मौजूदा स्तर से करीब 41 फीसदी ज्यादा है। ।
मॉर्गन स्टेनली का अनुमान है कि भारतीय बाजार में निवेश फायदेमंद हो सकता है। रिस्क-रिवार्ड फेवरेबल हो रहा है और बेस केस में सेंसेक्स दिसंबर 2025 तक 93,000 के लेवल टच कर जाएगा। यह मौजूदा स्तर से करीब 25 फीसदी ज्यादा है। बियर केस में सेंसेक्स साल के आखिर तक 70,000 के स्तर तक गिर सकता है। यह मौजूदा स्तर से लगभग 6 फीसदी नीचे है।
मॉर्गन स्टेनली के हेड (इंडिया रिसर्च एंड इंडिया इक्विटी स्ट्रेटजी) रिधम देसाई ने हाल में उपासना चाचरा, शीला राठी, नयनत पारेख और बानी गंभीर के साथ लिखी एक रिपोर्ट में कहा कि भारतीय इक्विटी बाजार ओवरसोल्ड दिख रहा है। अब स्टॉक पिकर्स का बाजार खुलने की संभावना है।
बाजार में सुधार के लिए ग्लोबल फैक्टर्स का असर अहम होगा। इसमें अमेरिकी नीतियां और वैश्विक विकास दर शामिल हैं। देसाई ने कहा कि वैश्विक मंदी या मंदी के करीब की स्थिति से अनुमान प्रभावित हो सकता है। इससे भारतीय इक्विटी 2025 में ऊंचे स्तर पर नहीं पहुंच पाएगी।
इस बीच, मॉर्गन स्टेनली का कहना है कि वैल्यूएशन कोविड के बाद से सबसे आकर्षक है। कोविड महामारी के बाद से, यह टॉप-डाउन या मैक्रो कारकों के बजाय स्टॉक पिकर्स का बाजार होने की संभावना है।
पोर्टफोलियो स्ट्रैटजी की बात करें तो देसाई साइक्लिकल्स, डिफेंसिव, स्मॉलकैप्स, मिडकैप्स और लार्ज-कैप शेयरों पर बुलिश हैं। मॉर्गन स्टेनली ने फाइनैंशियल, कंज्यूमर डिस्क्रिशनेरी, इंडस्ट्रियल और टेक्नॉलजी सेक्टरों को ओवरवेट रेटिंग दी है।
मॉर्गन स्टेनली भारतीय संदर्भ में Jubilant FoodWorks, महिंद्रा & महिंद्रा (M&M), मारुति सुजूकी इंडिया, ट्रेंट, बजाज फाइनेंस, ICICI Bank, टाइटन कंपनी, लार्सन & टुब्रो (L&T), अल्ट्राटेक सीमेंट और इन्फोसिस पर ओवरवेट बना हुआ है।
मॉर्गन स्टेनली के अनुसार, भारतीय बाजार ने RBI की नीतिगत बदलाव को अनदेखा किया है। भारत दुनिया का सबसे पसंदीदा कंज्यूमर मार्केट होगा। यहां बड़ा एनर्जी ट्रांजिशन होगा। GDP के अनुमात में क्रेडिट बढ़ेगा और मैन्युफैक्चरिंग की हिस्सेदारी भी बढ़ सकती है।
देसाई ने लिखा कि भारत का कम बीटा इसे अनिश्चित मैक्रो माहौल के लिए एक आदर्श मार्केट बनाता है। हमारे सेंटीमेंट इंडिकेटर मजबूत BUY टेरीटेरी में है।
मॉर्गन स्टेनली का मानना है कि खपत में सुधार होगा। इनकम टैक्स में कटौती से शहरी डिमांड बढ़ेगी और इससे ग्रामीण खपत का स्तर भी सुधरेगा। इन्वेस्टमेंट के नजरिए से देखें तो सार्वजनिक और घरेलू कैपेक्स ग्रोथ को बढ़ावा देंगे। प्राइवेट कॉरपोरेट कैपेक्स धीरे-धीरे ठीक होगा।
मॉर्गन स्टेनली का अनुमान है कि हेडलाइन महंगाई दर कम होगी। वित्त वर्ष 2026-27 (FY27) में महंगाई दर 4.3% रहने की संभावना है। वित्त वर्ष 2025 में यह 4.9% रहने का अनुमान है।
देसाई लिखते हैं, एक्सटर्नल फ्रंट की बात करें तो अमेरिकी सरकार की व्यापार और टैरिफ नीतियों पर नजर रखनी होगी। डॉलर की मजबूती, फेड की प्रतिक्रिया ग्लोबल ग्रोथ और फाइनैंशियल स्थितियों पर भी ध्यान देना होगा। राज्यों के स्तर पर राजकोषीय स्थिति और नीतिगत बदलावों पर भी नजर रखनी होगी।